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Haryana Lok Sabha के परिणाम: CM बदला, साथी बदला फिर भी काम नहीं करता; हरियाणा में कैसे मात खा गई भाजपा

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Haryana Lok Sabha के परिणाम: CM बदला, साथी बदला फिर भी काम नहीं करता; हरियाणा में कैसे मात खा गई भाजपा

Haryana Lok Sabha के परिणाम: मार्च में जब अचानक भाजपा ने जजपा से नाता तोड़कर खट्टर के स्थान पर सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो कहा जा रहा था कि इससे पार्टी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।

Haryana Lok Sabha के परिणाम: हरियाणा की दस लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास भी केवल पांच सीटें हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने दोपहर 1 बजे निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सिरसा सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर पर 18642 वोटों की बढ़त हासिल की है। हरियाणा में पिछले चुनावों में 10 में से`10 सीट जीतने वाली भाजपा आखिरकार आधे पर कैसे आ गई?किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों या शायद साढ़े नौ साल से भाजपा की सरकार में रहने के कारण सत्ताविरोधी लहर का परिणाम था कि हरियाणा में पार्टी न तो सरकार बदलने से बच पाई और न ही जननायक जनता पार्टी (JJP) से अलग होने का दांव लगा पाई।

मार्च में भाजपा ने जजपा से नाता तोड़कर मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद पर मनोनीत किया गया, तो कहा गया कि इससे पार्टी को कई नुकसान हुए हैं। सत्ता विरोधी लहर को नियंत्रित करना, जजपा विपक्ष (विशेष रूप से कांग्रेस) के वोटों को कम करना और भाजपा को आराम से लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करना होगा, लेकिन मंगलवार सुबह की मतगणना से आ रहे रुझानों से स्पष्ट है कि भाजपा को यह लक्ष्य नहीं मिला। कांग्रेस पांच सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आम आदमी पार्टी सिर्फ एक सीट पर आगे चल रही है और भाजपा सिर्फ चार सीटों पर।

यह सिर्फ रुझान हैं, लेकिन कांग्रेस के क्रमश: कुमारी सैलजा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा सिरसा और रोहतक पर जीतने के लिए लगभग एक लाख चालीस हजार मतों का अंतर है। भाजपा के करनाल के प्रत्याशी मनोहर लाल खट्टर भी सवा लाख मतों से आगे चल रहे हैं। भाजपा भी फरीदाबाद में मजबूत है, जहां उसके प्रत्याशी कृष्ण पाल आगे चल रहे हैं। कांग्रेस अम्बाला (18873 से अधिक), गुडगांव (5000 से अधिक) और हिसार (21289 से अधिक) से आगे है। हिसार में भाजपा के पहले नेता रणजीत सिंह थे। भिवानी-महेंद्रगढ़ (17000 से अधिक मत), सोनीपत (11000 से अधिक) और कुरुक्षेत्र से 800 मतों की दूरी पर भाजपा आगे चल रही है।

हाल ही में नतीजों में बदलाव हो सकता है, लेकिन जजपा प्रत्याशियों को कहीं इतने वोट नहीं मिले कि यह नतीजों को प्रभावित कर सके। कुरुक्षेत्र में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रत्याशी ने 23,000 वोट पाकर तीसरे स्थान पर स्थान प्राप्त किया है, जो भाजपा और आपके प्रत्याशी से अधिक है। भाजपा और कांग्रेस-आप गठजोड़  ने चुनावों में सीधा मुकाबला किया है।

 

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