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CM Yogi Adityanath ने बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए अधिकारियों को कई निर्देश दिए. उन्होंने यह भी कहा कि सहायता पैसे को सिर्फ जनप्रतिनिधियों द्वारा दिया जाए।
CM Yogi Adityanath ने एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ और जलभराव को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। सीएम योगी ने बैठक में आम जनता की सुरक्षा और सुविधा के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने घोषणा की कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को 24 घंटे में राहत राशि दी जाएगी। योगी ने अधिकारियों को इसका निर्देश देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि सहायता राशि देंगे। मुख्यमंत्री को बताया गया कि बाढ़ से अब तक 20 जिलों की 69 तहसीलों के 1571 गांव और बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
प्रभावित इलाकों में ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है
मुख्यमंत्री को बताया गया कि बाढ़ ने अब तक 14.80 लाख लोगों को मार डाला है। इनमें से 5.29 लाख लोगों की सम्पत्ति (कृषि, घर, घरेलू सामान और पशु) को क्षति पहुंची है। जलभराव ने मूल रूप से 3.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को प्रभावित किया है। सैटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाई जाती हैं, जो कृषि क्षति का सर्वेक्षण और पुष्टि करती हैं, साथ ही ड्रोन सर्वे भी लगाए जाते हैं। CM ने बताया कि इस साल एक जून से अब तक प्रदेश में औसत वर्षा 242.50 मिमी हुई है, जो 220 मिमी से कम था। 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा होने की संभावना है, मौसम विशेषज्ञों का कहना है।
पीड़ित परिवारों को तुरंत सहायता प्रदान करें
सीएम ने कहा कि मौसम की परिस्थितियों पर लगातार नजर रखी जाए और सभी जिला प्रशासन, राहत आयुक्त कार्यालय सहित, 24 घंटे अलर्ट मोड में रहें। योगी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में बाढ़, आकाशीय बिजली या डूबने से कई स्थानों पर जनधन की हानि हुई है। उनका कहना था, “यह समय सहायता और संवेदना का है।” पीड़ित परिवारों को तत्काल मदद दी जाए। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बाढ़ पीड़ितों से शिष्टाचारपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। यदि बाढ़ में किसी की फसल का नुकसान हुआ हो, नदी में जमीन का कटान हुआ हो या घरेलू सामान बह गया हो, तो धनराशि 24 घंटों में उपलब्ध कराई जाएगी।’
‘जनप्रतिनिधि ही करें सहायता राशि का वितरण’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “कृषि फसलों का सर्वे करवा लें।” स्थानीय जनप्रतिनिधि ही सहायता देंगे। अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति पर निरंतर नजर रखी जाए। सभी नदियों और उनके तटबंधों का जलस्तर 24×7 मॉनीटरिंग करें। NDRF, SDRF/PAC फ्लड यूनिट और आपदा प्रबंधन टीमों को प्रभावित जिलों में 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्रों और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए।