Anurag Verma: पाट्रान के ईओ, जेई, सेनेटरी इंस्पेक्टर और मुख्य सेनेटरी इंस्पेक्टर ने जारी की चार्जशीट
- प्रत्येक राज्यवासी के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार की है, किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी: अनुराग वर्मा
- नये नमूने के असफल होने की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Anurag Verma: राज्य के कुछ शहरों में डायरिया के फैलाव को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा दिए गए निर्देशों के मद्देनजर मुख्य सचिव श्री अनुराग वर्मा ने आज सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा की।
श्री वर्मा ने स्पष्ट किया कि राज्य के प्रत्येक निवासी के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार की है और इस संबंध में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री वर्मा ने आगे कहा कि यदि कोई नया नमूना फेल होता है, तो संबंधित क्षेत्र में जल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पीने के पानी के नमूनों की जांच के उद्देश्य से परीक्षण किटों की खरीद के लिए बड़े जिलों के लिए 2 लाख रुपये और छोटे जिलों के लिए 1 लाख रुपये की राशि जारी की है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता ने बताया कि परीक्षण किटों के लिए कुल 25 लाख रुपये जारी किए गए हैं।
बैठक में उपायुक्तों ने बताया कि सभी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के संबंध में फील्ड अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुके हैं। श्री वर्मा ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पीने के लिए उपलब्ध पानी शत-प्रतिशत स्वच्छ हो तथा जहां भी पानी दूषित पाया गया, वहां जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मीटिंग के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव स्थानीय निकाय ने बताया कि पटियाला जिले के पातरां के ई.ओ., जे.ई., सेनेटरी और चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर को चार्जशीट जारी की गई है। इसी तरह, मुख्य सचिव ने डीसी मोहाली को खरड़ में पानी की टंकियों की सफाई न होने के मामले में बनती कानूनी कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने डीसी को निर्देश दिए हैं कि वे व्यक्तिगत रूप से उन क्षेत्रों का दौरा करें, जैसे कि झुग्गी-झोपड़ी, जहाँ डायरिया के मामले सामने आए हैं, और वहाँ साफ-सफाई और स्वास्थ्यकर स्थिति को सुनिश्चित करें। इसी तरह, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खुले में बिकने वाले फल, पीने के पानी और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता मानक के अनुसार हो। इसके अलावा, लोगों में सफाई और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के बाद पानी के नमूनों की संख्या दोगुनी कर दी गई है और इस संबंध में नए निर्देश जारी किए गए हैं। अब बड़े शहरों में 400, मध्यम स्तर के शहरों में 300 और छोटे शहरों में 200 नमूने जांच के लिए लिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 17 जुलाई के बाद एक-दो स्थानों को छोड़कर राज्य में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। कोई नया मामला न आए, इसके लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। मुख्य सचिव ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह अभ्यास करने के निर्देश दिए।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग बीमार लोगों को समुचित और निःशुल्क उपचार मुहैया करवा रहा है और स्वास्थ्य विभाग को क्लोरीन की 10 लाख से अधिक गोलियाँ निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई हैं। मुख्य सचिव ने डीसी को प्रतिदिन स्थिति की निगरानी करने और उपरोक्त निर्देशों को पूरी सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्थानीय सरकार) डीके तिवारी, प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता नीलकंठ एस अव्हाड़, प्रशासनिक सचिव स्वास्थ्य प्रियंक भारती, स्वास्थ्य सचिव डॉ. अभिनव, सीईओ पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड मलविंदर सिंह जग्गी, निदेशक स्थानीय सरकार उमा शंकर गुप्ता, सभी जिलों के डीसी, नगर निगमों के आयुक्त, एडीसी (शहरी विकास), सिविल सर्जन और नगर पालिकाओं के ईओ उपस्थित थे।