Home राज्यउत्तर प्रदेश CM Yogi से मत्स्यजीवी सहकारी संघों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की

CM Yogi से मत्स्यजीवी सहकारी संघों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की

by ekta
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CM Yogi से मत्स्यजीवी सहकारी संघों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की

CM Yogi ने तालाबों/पोखरों में मत्स्य पालन हेतु आवंटन में स्थानीयता को वरीयता दिए जाने के निर्देश दिए

  • मुख्यमंत्री: प्रदेश में एक बड़ी आबादी की आजीविका पारंपरिक रूप से मत्स्य पालन पर आधारित, तालाबों/पोखरों आदि का पट्टा आवंटन करते समय इस समुदाय के स्थानीय लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए
  • मत्स्य पालन के नियमों के सरलीकरण करने की आवश्यकता
  • मत्स्य पालन हेतु पट्टा आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन की जानी चाहिए, इसके लिए विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया जाए

मत्स्य विभाग, मत्स्य सहकारी समितियों तथा मत्स्य बीज विकास निगम को मत्स्य सेक्टर के विकास के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सेमिनार, गोष्ठी, परिचर्चा आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने तालाबों/पोखरों में मत्स्य पालन हेतु आवंटन में स्थानीयता को वरीयता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पट्टा आवंटन में शुचिता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि मत्स्य पालन के नियमों के सरलीकरण करने की आवश्यकता है। मत्स्य पालन हेतु पट्टा आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन की जानी चाहिए, इसके लिए विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने यह निर्देश आज यहां अपने सरकारी आवास पर मत्स्य मंत्री श्री संजय निषाद की उपस्थिति में मत्स्यजीवी सहकारी संघों के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमण्डल से भेंट के दौरान विभागीय योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक बड़ी आबादी की आजीविका पारंपरिक रूप से मत्स्य पालन पर आधारित रही है। ऐसे में तालाबों/पोखरों आदि जलाशयों का पट्टा आवंटन करते समय इस समुदाय के स्थानीय लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने पट्टा आवंटन के लिए अभियान चलाने पर भी बल देते हुए कहा कि पट्टे से प्राप्त धनराशि संबंधित ग्राम पंचायत के आय संवर्द्धन का माध्यम भी बनेगी। मत्स्य विभाग, मत्स्य सहकारी समितियों तथा मत्स्य बीज विकास निगम को मत्स्य सेक्टर के विकास के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सेमिनार, गोष्ठी, परिचर्चा आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए।

source: https://information.up.gov.in

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