Home राज्यदिल्ली Budget 2024: कैंसर की तीन कम लागत वाली दवाओं से मरीजों को राहत मिलेगी और उनका खर्च कम होगा

Budget 2024: कैंसर की तीन कम लागत वाली दवाओं से मरीजों को राहत मिलेगी और उनका खर्च कम होगा

by editor
Budget 2024: कैंसर की तीन कम लागत वाली दवाओं से मरीजों को राहत मिलेगी और उनका खर्च कम होगा

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैंसर से पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की। उन्होंने सीमा शुल्क को दस प्रतिशत से शून्य करने का आह्वान किया। कैंसर की तीन सस्ती दवाओं से मरीजों का खर्च कम होगा। स्वास्थ्य का बजट बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत किए जाने की जरूरत है।

Budget 2024: डॉक्टरों ने कैंसर की तीन दवाओं पर सीमा शुल्क से छूट देने को मरीजों के लिए राहत भरा कदम बताया है। डॉक्टरों का कहना है कि तीनों दवाएं बहुत महंगी हैं।

इन पर सीमा शुल्क लगाने से मरीजों पर खर्च आता है। सीमा शुल्क से राहत मिलने से मरीजों और उनके परिवारों पर दबाव कम होगा। सीमा शुल्क के दायरे से बाहर किए गए कैंसर की कई अन्य महंगी दवाएं भी हैं। जीएसटी को भी तर्कसंगत बनाना चाहिए और स्वास्थ्य बजट को 2.5 प्रतिशत करना चाहिए।

डॉक्टर ने क्या कहा?

स्तन कैंसर के एचईआर-2 जीन पॉजिटिव मरीजों के इलाज में ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन दवा का उपयोग किया जाता है, एम्स के पूर्व डीन व लाजपत नगर स्थित मैक्स अस्पताल के मेडिकल आन्कोलाजी के उपाध्यक्ष डा. पी.के जुलका ने बताया। इस दवा को शरीर के किसी हिस्से में एचईआर-2 जीन पॉजिटिव कैंसर का भी इलाज मिलता है।

एक डोज साढ़े पांच लाख रुपये का है। ओसिमर्टिनिब एक लक्षित थेरेपी है। इस दवा को फेफड़े के कैंसर के मरीजों में ईजीएफआर जीन में खराबी के इलाज में टारगेटेड थेरेपी के रूप में उपयोग किया जाता है। दवा का एक महीने का खर्च लगभग साढ़े तीन लाख रुपये है।

मरीजों का आर्थिक बोझ होगा कम

डर्वालुमैब भी इम्यूनोथेरेपी का उपचार है। लेकिन ये तीनों दवाएं बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी महंगा है। कई अन्य दवा को भी छूट की आवश्यकता है। फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि सरकार ने कैंसर की तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी में छूट देकर मरीजों का आर्थिक बोझ कम किया है।

एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) में बदलाव के प्रस्ताव से स्वदेशी उपकरणों का उत्पादन बढ़ेगा, लेकिन स्वास्थ्य से जुड़ी कई पुरानी मांगे पूरी नहीं हुई।

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