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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारत में स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत के लिए एचसीएल सॉफ्टवेयर के साथ गठबंधन किया

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारत में स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत के लिए एचसीएल सॉफ्टवेयर के साथ गठबंधन किया

स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत, डीपीआईआईटी ने अब तक उद्योग जगत के हितधारकों के साथ 80 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

  • यह सहयोग भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देगा और राष्ट्रीय उत्पादन केंद्र बनने के इसके लक्ष्य का समर्थन करेगा

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 23 अक्टूबर 2024 को वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में अपने विनिर्माण इनक्यूबेशन पहल के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में सॉफ्टवेयर संबंधी समाधानों में वैश्विक अग्रणी एचसीएल सॉफ्टवेयर के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की। भारत के स्टार्टअप विनिर्माण इकोसिस्टम में क्रांति लाने के प्रयास में, डीपीआईआईटी एक ऐसा वातावरण तैयार कर रहा है, जहां कॉर्पोरेट घराने विनिर्माण स्टार्टअप को इनक्यूबेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत, डीपीआईआईटी ने अब तक उद्योग हितधारकों के साथ 80 से अधिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारत में स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत के लिए एचसीएल सॉफ्टवेयर  के साथ गठबंधन किया

स्टार्टअप्स को वैश्विक बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए एचसीएल सिंक कार्यक्रम तक पहुंच प्राप्त होगी। इससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को दुनिया भर में प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा और भारतीय नवाचार को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जा सकेगा। उल्लेखनीय बात यह है कि यह सहयोग भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने में एक ऐसा महत्वपूर्ण कदम है, जो देश को राष्ट्रीय उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित होने के लक्ष्य का समर्थन करता है।

इस पहल के उद्देश्यों में भारत के लिए विशिष्ट उत्पाद और समाधान बनाने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करके भारतीय बौद्धिक संपदा का विकास करना, वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले विश्व स्तरीय उत्पादों को तैयार करने के लिए स्टार्टअप उद्योगों को उपकरण और विशेषज्ञता प्रदान करके उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना, तथा सम्पूर्ण विनिर्माण मूल्य श्रृंखला का समर्थन करने में सक्षम स्टार्टअप और आपूर्तिकर्ताओं का एक नेटवर्क स्थापित करके एक मजबूत विनिर्माण इकोसिस्टम का निर्माण करना शामिल है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारत में स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत के लिए एचसीएल सॉफ्टवेयर  के साथ गठबंधन किया

डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव सिंह ने एक स्थायी विनिर्माण इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए इस साझेदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एचसीएल सॉफ्टवेयर की विशेषज्ञता और स्टार्टअप को समर्थन देने के प्रति समर्पण डीपीआईआईटी के दृष्टिकोण के बीच सहज तालमेल है। श्री संजीव ने कहा कि इस सहयोग के माध्यम से नवाचार फलेगा-फूलेगा और भारतीय व्यवसाय वैश्विक मंच पर मजबूती से अपने पांव जमाएंगे। डीपीआईआईटी के प्रमुख कार्यक्रम, स्टार्टअप इंडिया के लक्ष्यों के बारे में चर्चा करते हुए, श्री संजीव ने उत्पाद स्टार्टअप, इनोवेटर और उद्यमियों को प्रेरित करते हुए उन्हें समर्थन देकर देश के विनिर्माण इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए डीपीआईआईटी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। यह सहयोग भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को साकार करने और भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

स्टार्टअप इंडिया के निदेशक डॉ. सुमीत के. जारंगल ने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य स्टार्टअप को अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों से सशक्त बनाकर और वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्रदान करके भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है। डॉ. जारंगल ने यह भी बताया कि एचसीएल सॉफ्टवेयर भारतीय विनिर्माण स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, उत्कृष्टता और विकास को बढ़ावा देने और एक सफलता की कहानी गढ़ने के लिए डीपीआईआईटी और स्टार्टअप इंडिया के साथ सहयोग करने के लिए समर्पित है। एचसीएल सॉफ्टवेयर अपने डिजिटल विनिर्माण और आफ्टर-मार्केट समाधानों का उपयोग करते हुए, डिजाइन और विकास से लेकर बिक्री और विपणन तक हर चरण में स्टार्टअप का समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एचसीएल सॉफ्टवेयर के मुख्य उत्पाद अधिकारी कल्याण कुमार ने कहा कि यह सहयोग भारत की विनिर्माण यात्रा के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। स्टार्टअप उद्योगों को आवश्यक उपकरण और सहायता प्रदान करने के लिए एचसीएल सॉफ्टवेयर की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने कहा कि कंपनी नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, जिससे भारत के वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

Source: https://pib.gov.in

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