जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबू लाल खराड़ी ने राज्य विधानसभा में कहा कि सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है।
मंत्री श्री बाबू लाल खराड़ी ने बताया कि इन छात्रावासों में सम्बन्धित वार्डनों के विरूद्ध अनियमितता किये जाने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
इससे पहले विधायक श्रीमती कल्पना देवी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र लाडपुरा में अनुसूचित जनजाति के 2 एवं अनुसूचित जाति के 2 छात्रावास सहित कुल 4 छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा माडा क्षेत्र के अन्तर्गत मण्डाना में राजकीय बालिका आश्रम छात्रावास संचालित है। जिसकी क्षमता 50 छात्राओं की है एवं वर्तमान में 50 छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं।
श्री खराड़ी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा विभागीय नियमानुसार छात्रावास में आवासित छात्राओं को निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नि:शुल्क आवास, पलंग, गद्दा, तकिया, खेस, दरी, कंबल, बेडशीट और तकिया कवर प्रति छात्रा, दो समय नाश्ता, दोपहर का लंच व डिनर दिया जाता है। रहवास, भोजन, कपड़े व अन्य सुविधाओं हेतु प्रत्येक छात्रानुसार 2500 रू. प्रतिमाह के हिसाब से प्रदान किए जाते हैं। जिसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा विभागीय नियमानुसार छात्रावास में आवासित छात्र-छात्राओं को निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नि:शुल्क आवास के साथ-साथ प्रति आवासी बिस्तर-पलंग, गद्दा, तकिया, 1 खेस, 1 दरी, 1 कम्बल, 2 बेडशीट और 2 तकिया कवर सामग्री के रूप में एवं 2 स्कूल यूनिफार्म मय सिलाई जूते, मोजे, तोलिये व गर्म जर्सी के लिए 2660 रू. प्रति छात्र एकमुश्त डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध करवाये जाते है। साथ ही दोनों समय का भोजन, नाश्ता, प्रत्येक सप्ताह विशेष भोजन एवं प्रतिमाह हेयर ऑयल, नहाने और कपड़े धोने का साबुन एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकें, दैनिक समाचार पत्र-पत्रिकाएं की सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा रही हैं।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने बताया कि इन सुविधाओं की निरन्तर समुचित उपलब्धता के निरीक्षण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं जिला परिषद द्वारा निरीक्षण किये जाते है। उन्होंने वर्ष 2022 से 2024 तक किये गये निरीक्षण का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।
Source: https://dipr.rajasthan.gov.in/