सुप्रीम कोर्ट
AGR Dues Case: सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों की AGR याचिका को खारिज कर दी, वोडाफोन आइडिया का शेयर 20% गिरा
AGR Dues Case: 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग द्वारा टेलीकॉम कंपनियों पर भुगतान किए गए एजीआर की गणना को सही ठहराया। इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की गई।
AGR का मुकदमा: सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों Vodafone Idea और Indus Towers को बड़ा झटका दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने क्यूरेटिव याचिका (Curative Petition) को खारिज कर दिया है, जिसमें इन कंपनियों के एजीआर बकाये (AGR Dues) पर कोर्ट के पुराने आदेश की समीक्षा की मांग की गई है। वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (Department Of Telecommunications) के एजीआर बकाये के कैलकुलेशन के तरीके पर सवाल खड़ा किया था.
वोडाफोन आइडिया 20 फीसदी फिसला
वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर के स्टॉक में भारी गिरावट देखने को मिली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया था। Vodafone Idea Share 20% गिरा। वोडाफोन आइडिया का शेयर लगभग 20% गिर गया, पिछले क्लोजिंग प्राइस 12.90 रुपये से 10.36 रुपये पर गिर गया। हालाँकि, स्टॉक 15.58% गिरकर 10.89 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। वोडाफोन आइडिया का शेयर 11 रुपये के अपने एफपीओ प्राइस (FPO Price) से भी नीचे जा गिरा है.
Indus Tower के शेयर में 15% की गिरावट
इंडस टावर का शेयर पिछले क्लोजिंग से करीब 15 फीसदी की गिरावट के साथ 366.35 रुपये तक नीचे जा फिसला। इंडस टावर फिलहाल 9.67 प्रतिशत गिरावट के साथ 386.85 रुपये पर कारोबार कर रहा है। हालांकि भारतीय एयरटेल का स्टॉक 2.50 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है।
कंपनियों ने जुलाई 2024 में याचिका दाखिल की थी
वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2022–2023 के आखिर तक 70,320 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया था। जुलाई महीने में, कंपनी ने 2019 के कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पेटीशन दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की। वोडाफोन आइडिया ने अपनी याचिका में कोर्ट को बताया कि कंपनी एक वित्तीय संकट से गुजर रही है और इसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। AGR डिमांड में क्लीरकल एरर को कोर्ट के आदेश से ठीक नहीं किया जा सकता है। बकाया रकम के अलावा ब्याज पर भी पेनल्टी लगाई गई, जो उचित नहीं है।
Harbhajan Singh, हमारे प्यारे नेता अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। इससे निश्चित रूप से पार्टी के सदस्यों में उत्साह आएगी।
Harbhajan Singh On Delhi CM Arvind Kejriwal Bail: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हरभजन सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे प्यारे नेता अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है। इससे निश्चित रूप से पार्टी के सदस्यों में उत्साह आएगा और आम आदमी पार्टी के हरियाणा अभियान को गति मिलेगी। वे लोगों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करते रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइंया ने सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाला मामले में जमानत दे दी है। हालाँकि, सीबीआई की गिरफ्तारी पर दोनों जजों का मत अलग है। कोर्ट ने कहा कि “चूंकि चार्जशीट दायर हो चुकी है और ट्रायल निकट भविष्य में पूरा नहीं होने वाला है, इसलिए उन्हें लंबे समय तक जेल में रखने की कोई वजह नहीं है।”केजरीवाल को 10 लाख रुपये मुकले पर जमानत मिली है
ईडी केस में मिल चुकी है जमानत
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दीं। इनमें से एक में सीबीआई की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई, जबकि दूसरी जमानत याचिका थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की रिमांड को अवैध नहीं ठहराया है। 26 जून को, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष को ईडी के हिरासत में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
बाद में उन्हें ED केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली, लेकिन सीबीआई केस में गिरफ्तारी की वजह से उन्हें जेल से बाहर नहीं निकल पाए थे। दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही सीबीआई गिरफ्तारी को उचित बताया था।
Glad that our beloved leader Shri @ArvindKejriwal Ji got bail in Supreme Court. This will definitely rejuvenate the party workers and give wings to @AamAadmiParty campaign in Haryana. He will continue to dedicate himself to serve the people🙏
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) September 13, 2024
Arvind Kejriwal: तिहाड़ से बाहर निकलने के बाद केजरीवाल ने अपना पहला बयान दिया, ‘इन लोगों ने मुझे जेल में…
Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जेल से बाहर निकलने के बाद आप कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। उन्होंने दुआओं के लिए लोगों का धन्यवाद किया ।
Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर निकले । जेल से बाहर आने के बाद उनका हौसला सौ गुना बढ़ा है। देश को बांटने और कमजोर करने वाली सभी राष्ट्रविरोधी ताकतों से मैं आगे भी लड़ता रहूंगा।
CM केजरीवाल ने कहा, “जिनकी कृपा से आज मैं आप लोगों के बीच में बाहर आ सका। मैं उन लाखों-करोड़ों लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। लाखों लोगों ने दुआएं की, प्रार्थना की, आशीर्वाद भेजा और मन्नत मांगी। वह मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में गए। मैं उन सभी को शुक्रिया कहना चाहता हूँ। आज मैं इतनी बारिश में इतनी बड़ी संख्या में आए हैं उनका मैं तहे दिल से शुक्रिया करता हूं.
केजरीवाल: मेरा प्रत्येक क्षण देश को समर्पित
उन्होंने कहा, “मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है।” देश के लिए हर पल, मेरे शरीर का एक-एक कतरा, खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित। जिंदगी में मैंने बहुत संघर्ष किया है। बहुत लड़ाई लड़ी। जीवन में मुश्किलों का सामना किया है। लेकिन भगवान ने हर कदम मेरा साथ दिया है। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया। मैं सही था क्योंकि मैं सच्चा था। भगवान ने इसलिए मेरा साथ दिया। इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों का मानना था कि केजरीवाल को जेल में डालने से उसका हौंसले टूट जाएगा।
केजरीवाल ने कहा कि देशविरोधी शक्तियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।
“मैं जेल से बाहर आया हूं और मेरे हौंसले सौ गुना ज्यादा बढ़ गए हैं,” CM केजरीवाल ने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा। मेरी शक्ति दोगुनी हो गई है। केजरीवाल का साहस कम नहीं हो सकता, भले ही जेल की कठोर दीवारें और सलाखें हों। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे ऊपर वाले ने मुझे आजतक रास्ता दिखाया और मुझे बल दिया, वैसे ही वह मुझे रास्ता दिखाता रहे। मैं देश की सेवा करता रहूँगा। जितनी देशविरोधी शक्तियां देश की प्रगति को रोक रही हैं देश को विभाजित करने की कोशिश कर रही हैं। वह लोग जो देश को अंदर से कमजोर कर रहे हैं, उनके खिलाफ जीवन भर लड़ा हूँ और आगे भी लड़ता रहूँगा।:”
साज़िश पर सत्य की जीत हुई। तिहाड़ जेल से बाहर आए CM @ArvindKejriwal। LIVE https://t.co/jjRpRDUiEh
— AAP (@AamAadmiParty) September 13, 2024
Manish Sisodia ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने संस्था को गलत ढंग से उपयोग किया है। बीजेपी ने सीबीआई और ईडी को तोता मैना समझती है। केजरीवाल ने कोई बुरा काम नहीं किया था।
Manish Sisodia: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई मामले में जमानत दी। बीजेपी को इस खबर के सामने आने के बाद दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कड़ा हमला बोला है। मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार (13 सितंबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक साजिश बनाई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है।
Manish Sisodia ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एजेंसी का मिस यूज कर रही है। बीजेपी ने सीबीआई और ईडी को मूर्ख मान लिया है। केजरीवाल ने कोई बुरा काम नहीं किया था। बीजेपी की इच्छा को पूरा करने के लिए केजरीवाल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। आज सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी एव्सपोज हो गई है। लोगों का प्यार सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ है.
संजय सिंह की टिप्पणी क्या थी?
साथ ही आप नेता संजय सिंह ने कहा कि “पहले दिन से हम कह रहे हैं कि यह झूठ है और यह सब हमारे नेता और पार्टी को खत्म करने के लिए किया गया।” मोदी सरकार ने सीबीआई और ED से केजरीवाल को गिरफ्तार किया। हम दिल्ली और हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को पराजित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि सीबीआई सरकार के खिलाफ काम करता है।”
संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार और लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारत गठबंधन को इस लड़ाई में उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
Manish Sisodia Bail: दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले और मनी लांड्रिंग से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी और कहा कि वह 17 महीने से जेल में हैं।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है, इसलिए उन्हें शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं।
पीठ ने फैसला किया कि इन मामलों में मनीष सिसोदिया को निचली अदालत में भेजना ठीक नहीं होगा। शीर्ष।अदालत ने कहा कि वक्त आ गया है कि निचली अदालतें और हाई कोर्ट इस बात को समझें कि जमानत नियम है और जेल अपवाद।
पीठ ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा किए जाने का निर्देश दिया। 26 फरवरी 2023 को, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी। उन्हें नौ मार्च 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। धनशोधन का यह मुद्दा सीबीआई की प्राथमिकता से जुड़ा था।
28 फरवरी 2023 को, सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। उनके पास शिक्षा मंत्रालय भी था। सिसोदिया ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि वह 17 महीने से जेल में हैं और उनके खिलाफ अभी तक कोई मुकदमा नहीं चलाया गया है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सिसोदिया की जमानत को सच्चाई की जीत बताया।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी खुश है। पार्टी नेता राघव चड्ढा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि देश आज दिल्ली शिक्षा क्रांति के नायक मनीष सिसोदिया को बेल मिलने से खुश है। माननीय सुप्रीम कोर्ट का मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।
OP Rajbhar ने पूछा कि जो लोग डीएम, एसपी, डीआईजी, डीजीपी या आईजी राष्ट्रपति बन गए हैं, उन आरक्षण की क्या आवश्यकता है?
OP Rajbhar: सरकार राष्ट्रीय स्तर पर रोहिणी आयोग के अनुसार आरक्षण को बांटकर देने की योजना बना रही है।
SC/ST Reservation: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने एससी एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने यूपी की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।
ओमप्रकाश राजभर ने आरक्षण पर मायावती के विरोध पर कहा कि ये लोग आजादी के बाद से ही विरोध कर रहे हैं।कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों और पिछड़ों के कंधे पर पैर रखकर सरकार चलायी, लेकिन उसने उनके लिए कुछ नहीं किया।बसपा और सपा की सरकारों ने भी ऐसा ही किया है।
सुभासपा नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो लोग आरक्षण का लाभ प्राप्त कर चुके हैं, उनको आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। आरक्षण का जो पात्र है उसको इसका लाभ मिलना चाहिये।यह लोग सिर्फ इसलिए विरोध कर रहे हैं कि अमीर अमीर होता रहे और गरीब गरीब रहे.
उनका कहना था कि वे पिछले 22 वर्षों से आरक्षण से बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं।मायावती ने योजना का लाभ केवल दलितों को दिया तब उनको अन्य जातियां क्यों नहीं दिखीं?सरकार राष्ट्रीय स्तर पर रोहिणी आयोग के अनुसार आरक्षण को बांटकर देने की योजना बना रही है।
मैं शुरू से ही यह कहता रहा हूं..। जो लोग डीएम, एसपी, डीआईजी, आईजी, डीजीपी, राज्यपाल, सीएम, राष्ट्रपति या राज्यपाल बन गए हैं, अगर वे अनुसूचित जाति से हैं तो उन्हें आरक्षण की क्या जरूरत है? ऐसे लोगों को आरक्षण से बाहर निकालें और इसे उन लोगों को दें जो गरीब और कमजोर हैं, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं,” सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का उप-वर्गीकरण बनाने की अनुमति देने के फैसले पर यूपी के मंत्री प्रकाश राजभर ने कहा.
Delhi news: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बड़ा झटका दिया: LG को ये अधिकार मिल गए
Delhi news: यह निर्णय एलजी को एमसीडी में 10 एल्डरमैन नामित करने के लिए स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि एलजी को इस संबंध में चुनी हुई सरकार की सलाह और मदद लेने की जरूरत नहीं है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में एल्डरमैन की नियुक्ति के मामले में आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अपने निर्णय में जस्टिस पामिदिघंतम श्री नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार ने कहा कि उपराज्यपाल एल्डरमैन नियुक्त कर सकते हैं। फैसले में कहा गया है कि एलजी एल्डरमैन को दिल्ली कैबिनेट की सलाह के बिना भी नियुक्त कर सकते हैं।
यह निर्णय एलजी को एमसीडी में 10 एल्डरमैन नामित करने की अनुमति देता है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि एलजी को इस संबंध में चुनी हुई सरकार की सलाह और मदद लेने की जरूरत नहीं है। यानी दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। दिल्ली सरकार ने एलजी के 10 पार्षदों को नामित करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
दिल्ली सरकार ने कहा कि एलजी ने बिना सलाह मशविरा के उनकी नियुक्ति की है। ये नियुक्ति रद्द होनी चाहिए क्योंकि एलजी की ओर से 10 पार्षद मनोनीत किए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
LG ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 AA में LG की शक्तियों और राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासक की भूमिका के बीच अंतर है। उनका दावा था कि LG कानूनन एल्डरमैन के नामांकन में सक्रिय है।
दिल्ली MCD में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं. दिसंबर 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भाजपा को हराया; भाजपा ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 104 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस इस चुनाव में तीसरे स्थान पर 9 सीटें हासिल कीं।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 फरवरी, 2023 को दिल्ली में मेयर और उपमेयर का चुनाव करते हुए निर्णय दिया कि एल्डरमैन सदन में मतदान नहीं कर सकेंगे. याचिका का आधार दिल्ली नगर निगम अधिनियम था, जो कहता है कि 25 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को एल्डरमैन रखा जाना चाहिए और उनमें निगम में विशिष्ट ज्ञान या अनुभव होना चाहिए।
दिल्ली सरकार और एलजी की दलील
बीती सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि क्या विशेषज्ञों का नामांकन केंद्र इतना चिंताजनक है? यदि एलजी को एल्डरमैन नामित करने का अधिकार दिया जाता है, तो इससे चुने हुए नागरिक निकाय को प्रभावित किया जा सकता है क्योंकि एल्डरमैन भी मतदान का अधिकर रखेगा।
दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दिल्ली सरकार को MCD में लोगों को नामित करने के लिए कोई अलग अधिकार नहीं दिया गया है, और पिछले 30 सालों से एल्डरमैन को नामित करने की प्रथा प्रदेश सरकार की सहायता और सलाह पर हुई है।
LG के वकील ने कहा कि 30 साल से चली आ रही कोई व्यवस्था इसका मतलब यह नहीं है कि व्यवस्था सही है. कल पता चलेगा कि LG को एल्डरमैन को नियुक्त करने का अधिकार मिलेगा या नहीं।
इसलिए मामला कोर्ट में पहुँचा
LG ने MCD में 10 लोगों को नामित किया है, जिनमें से 10 बीजेपी से संबंधित हैं; इससे दिल्ली MCD के जोनल चुनाव में आम आदमी पार्टी आंकड़े में सेंट्रल, सिविल लाइन और नरेला क्षेत्रों में कमजोर पड़ रहा है, जबकि बीजेपी मजबूत है। यही कारण है कि न्यायालय का निर्णय क्षेत्रीय चुनाव (यानी वार्ड समिति और क्षेत्रीय अध्यक्ष) में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
Supreme Court की नसीहत, HC का आदेश खारिज कर, ऐसे जमानत पर रोक नहीं लगानी चाहिए
Supreme Court ने कहा कि अदालतों को केवल असाधारण परिस्थितियों में जमानत आदेश पर रोक लगानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश खारिज कर दिया।
Supreme Court ने कहा कि अदालतों को केवल असाधारण परिस्थितियों में जमानत आदेश पर रोक लगानी चाहिए। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह कहा. फैसला मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में एक आरोपी की जमानत पर रोक लगाई गई थी।
पीठ ने कहा, “हालांकि, अदालत को जमानत पर रोक लगाने का अधिकार है, लेकिन ऐसा केवल असाधारण परिस्थितियों में किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि अदालतों को बिना कोई कारण बताए जमानत आदेश पर रोक लगाने से बचना चाहिए।
यह निर्णय देश की सर्वोच्च अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी परविंदर सिंह खुराना की याचिका पर सुनाया। दिल्ली हाई कोर्ट ने खुराना के जमानत आदेश पर अस्थायी रोक लगाने का निर्णय चुनौती दी थी।
धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम के तहत पिछले साल 17 जून को खुराना को अधीनस्थ अदालत में जमानत मिली थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने इस आदेश पर रोक लगा दी। 7 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और खुराना की जमानत बहाल कर दी थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री का उत्तर
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उत्तर दिया।
“भारत की जनता ने पिछले 10 वर्षों के हमारी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा जताया है और हमें तीसरी बार सुशासन जारी रखने का अवसर दिया है”
“लोगों ने ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ यानी यानी मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, के विश्वास के साथ नागरिकों की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता देखी है,”
“भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लोगों ने पुरस्कृत किया”
“हमने तुष्टीकरण के बजाय संतुष्टिकरण – तुष्टीकरण के बजाय संतृप्ति (परिपूर्णता) के लिए काम किया”
“140 करोड़ नागरिकों का विश्वास, अपेक्षाएं और भरोसा विकास के लिए प्रेरक शक्ति बन गया है”
“राष्ट्र प्रथम ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है”
“जब कोई देश विकसित होता है, तो आने वाली पीढ़ियों के सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव रखी जाती है”
“तीसरे कार्यकाल में, हम तीन गुना गति से काम करेंगे, तीन गुना ऊर्जा लगाएंगे और तीन गुना परिणाम देंगे”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी: सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त किया और अभिभाषण का केन्द्र बिन्दु रहे विकसित भारत के विचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति के मार्गदर्शन के लिए उनका धन्यवाद भी किया।
कल और आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अनेक सदस्यों द्वारा अपने विचार साझा किए जाने के साथ, श्री मोदी ने विशेष रूप से पहली बार संसद में आए उन सांसदों को धन्यवाद दिया जिन्होंने सदन के नियमों का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार किसी भी अनुभवी सांसद से कम नहीं था और उनके विचारों ने इस बहस की गरिमा को और समृद्ध किया है।
दुनिया के सबसे बड़े चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करके सरकार चुनने के लिए मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने लगातार तीसरी बार वर्तमान सरकार को चुनने के लिए भारत के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे लोकतांत्रिक दुनिया में गौरव का क्षण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार के प्रयास मतदाताओं के लिए निर्णायक रहे थे और उन्होंने ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ यानी मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, की मान्यता के साथ नागरिकों की सेवा करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया किया कि स्वतंत्रता के बाद पहली बार इतने कम समय में 25 करोड़ से अधिक गरीबों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।
देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था। pic.twitter.com/90LqV1Weij
— PMO India (@PMOIndia) July 2, 2024
2014 के बाद भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के रुख को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के मतदाताओं ने उन्हें फिर से सत्ता में पहुंचाया है। “आज पूरी दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। हर भारतीय अब गौरवान्वित महसूस करता है।” श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की हर नीति, निर्णय और काम में भारत को प्राथमिकता दी जाती है। वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के प्रति दुनिया का नजरिया बदल गया है और यह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के एकमात्र उद्देश्य पर जोर दिया जिसकी झलक सरकार की नीतियों और निर्णयों में नजर आती है। इसी विश्वास के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने सबका साथ सबका विकास के मंत्र और ‘सर्व धर्म समभाव’ के सिद्धांतों के साथ लोगों की सेवा करने का प्रयास किया है, जिसका अर्थ ही है सभी धर्म समान हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने तुष्टीकरण की राजनीति और तुष्टीकरण के शासन मॉडल को लंबे समय से देखा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में पहली बार उनकी सरकार ने लोगों की संतुष्टि और पुष्टि के साथ धर्मनिरपेक्षता की दिशा में काम किया। उन्होंने कहा कि उनके लिए संतुष्टि का मतलब सरकार की विभिन्न नीतियों में परिपूर्णता प्राप्त करना और भारत के अंतिम व्यक्ति तक सेवा वितरण सुनिश्चित करने के उनके संकल्प को पूरा करना है। श्री मोदी ने कहा कि उनके लिए संतृप्ति यानी परिपूर्णता का यह दर्शन, सही मायने में सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का मतलब है और इसे भारत के लोगों ने लगातार तीसरे कार्यकाल के रूप में अनुमोदित किया है।
Speaking in the Lok Sabha. https://t.co/5ESs5cBMcM
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2024
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस चुनाव ने एक बार फिर भारत के लोगों की परिपक्वता और आदर्शवाद को साबित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “लोगों ने हमारी नीतियों, इरादों और प्रतिबद्धता पर भरोसा दिखाया है।” उन्होंने कहा कि लोगों ने इस चुनाव में विकसित भारत के संकल्प का समर्थन किया है।
विकसित राष्ट्र के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश आगे बढ़ता है तो हर नागरिक के सपने पूरे होते हैं और साथ ही साथ आने वाली पीढ़ियों की आकांक्षाओं को पूरा करने की नींव भी रखी जाती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लोग विकसित भारत के लाभों को प्राप्त करने के हकदार हैं, जिसके लिए पिछली पीढ़ियां हमेशा तरसती रही थीं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण से भारत के गांवों और शहरों के रहन सहन और जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा, साथ ही लोगों में गर्व की भावना पैदा होगी और उनके लिए असंख्य अवसर पैदा होंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया, “भारत के शहर दुनिया के अन्य विकसित शहरों के साथ समान रूप से भागीदारी करेंगे।”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत का तात्पर्य देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कई और समान अवसरों की उपलब्धता से है। इससे कौशल, संसाधनों और क्षमता के आधार पर सभी के लिए विकास सुनिश्चित होता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नागरिकों को भरोसा दिलाया कि सरकार विकसित भारत के उद्देश्य को पूरी ईमानदारी और ईमानदारी के साथ साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “हर पल और हमारे शरीर की हर कोशिका विकसित भारत 2024 बनाने के विचार के लिए सातों दिन के 24 घंटे समर्पित है।”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से पहले के दौर को याद किया जब पूरा देश निराशा की स्थिति में था। नागरिकों के बीच विश्वास की कमी को उस दौरान देश के लिए सबसे बड़ी क्षति बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे निराशा के बादल छा गए थे। उन्होंने याद दिलाया कि यह घोटालों और नीतिगत पक्षाघात से भरा युग था जिसने देश को पांच कमजोर (फ्रैगाइल 5) अर्थव्यवस्थाओं की सूची में धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि आम नागरिक सारी उम्मीदें खो चुके थे। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी आम बात थी, चाहे वह घर के लिए हो, गैस कनेक्शन के लिए हो या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से अनाज प्राप्त करने के लिए हो।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के नागरिक 2014 से पहले सरकार की खराब स्थिति के लिए अपने भाग्य को दोष देते हुए दैनिक जीवन को जीने के लिए मजबूर थे। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें चुना, बदलाव के दौर की शुरुआत की।”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन लोगों को बदलने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जो कभी सोचते थे कि कुछ भी संभव नहीं है। अब उन्हें विश्वास हो रहा है कि सब कुछ संभव है। सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए, प्रधानमंत्री ने एक सफल 5 जी रोलआउट, उच्चतम कोयला उत्पादन, देश की बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए परिवर्तनकारी नीतियों, आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता की नीति और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उल्लेख किया। उन्होंने हाल ही में संपन्न आम चुनावों में रिकॉर्ड मतदान का उल्लेख करते हुए कहा, “जैसे-जैसे अनुच्छेद 370 की दीवारें ढहाई जा रही हैं, लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “140 करोड़ नागरिकों का विश्वास, उम्मीदें और भरोसा विकास की प्रेरक शक्ति बनते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विश्वास दृढ़ संकल्प द्वारा कार्यसिद्धि का प्रतीक है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नागरिक आज भी उतने ही उत्साहित और आश्वस्त हैं, जितने वे हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान थे। पिछले 10 वर्षों में देश की प्रगति की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत को खुद से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है। हमें अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ने होंगे और देश को अगले स्तर पर ले जाना होगा।” पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने विकास का जो रास्ता अपनाया है, वह अब एक बेंचमार्क बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश तेज गति से प्रगति करेगा और कहा, “हम हर क्षेत्र को अगले स्तर पर ले जाएंगे।”
श्री मोदी ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के अब दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल निर्माताओं और निर्यातकों में से एक बनने पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा व्यक्त किया कि सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भी इसी तरह की ऊंचाइयों को छुएगा।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि जहां देश नई उपलब्धियां हासिल करेगा और नई ऊंचाइयों को छुएगा, वहीं सरकार आम नागरिकों की सेवा में समर्पित रहेगी। श्री मोदी ने गरीबों को दिए गए 4 करोड़ पक्के घरों का जिक्र किया और बताया कि आने वाले समय में 3 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे। महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्थान का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की सरकार की कार्ययोजना के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज़ी और प्रयास से काम करने और तीन गुना परिणाम देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 60 साल बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में आना सरकार के प्रयासों और नागरिकों के बीच उसके द्वारा कायम किए गए विश्वास का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ऐसी उपलब्धियां तुच्छ राजनीति से नहीं बल्कि नागरिकों के आशीर्वाद से हासिल होती हैं।” उन्होंने कहा कि लोगों ने स्थिरता और निरंतरता को चुना है।
प्रधानमंत्री ने चार राज्यों ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में मिले जनादेश की भी सराहना की और लोकसभा चुनावों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में मिली भारी जीत का भी जिक्र किया। उन्होंने देश भर के कई राज्यों में बढ़ते वोट शेयर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जनता जनार्दन हमारे साथ है।”
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर विचार करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष से विनम्रता के साथ जनादेश को स्वीकार करने और लोगों के संदेश को समझने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने विकास का रास्ता चुना है और वे विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। भारत को सामूहिक रूप से विकास की एक नई यात्रा शुरू करने की जरूरत को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के नागरिकों से अराजकता, अव्यवस्था और विभाजनकारी राजनीति का रास्ता चुनने वालों के खिलाफ सतर्क रहने को कहा। उन्होंने देश को आर्थिक अराजकता की ओर धकेलने वाली अनुपयुक्त हो चुकीं आर्थिक नीतियों और देश में गलत सूचनाओं के प्रसार के खिलाफ भी चेतावनी दी। प्रधानमंत्री ने अध्यक्ष के माध्यम से विपक्ष से सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने का भी आग्रह किया और अध्यक्ष को सुधारात्मक उपाय करने का सुझाव दिया ताकि सदन की पवित्रता बरकरार रहे।
आपातकाल के दौर के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पर शासन करने वालों ने देश में तानाशाही का माहौल बनाया था, जिससे नागरिकों पर व्यापक क्रूरता हुई और राष्ट्र के साथ अन्याय हुआ। उन्होंने उस समय को भी याद किया जब बाबा साहेब अंबेडकर ने नए भारतीय संविधान में किए गए वादे के अनुसार पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जगजीवन राम जी, चौधरी चरण सिंह जी और सीताराम केसरी जी जैसे अन्य प्रमुख नेताओं पर किए गए अत्याचारों पर भी प्रकाश डाला।
दार्शनिक स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसे धर्म से जुड़े होने पर गर्व है जिसने दुनिया को असहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र और विविधता केवल हिंदू समुदाय की सहिष्णुता और एकता की भावना के कारण ही पनपी है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि आज हिंदू समुदाय पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
भारत के सशस्त्र बलों की वीरता और ताकत की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं। साथ ही, उन्होंने भारत के सशस्त्र बलों को हर चुनौती का सामना करने के लिए आधुनिक और सुसज्जित बनाने का उल्लेख किया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। थिएटर कमांड की स्थापना के महत्व को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने संतोष व्यक्त किया कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के बाद इस लंबे समय से लंबित सैन्य संगठनात्मक ढांचे को स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमारे सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर भारत में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों को युवा होना चाहिए और हमारे बलों में युवाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एक गंभीर मामला है और सरकार सशस्त्र बलों को ‘युद्ध के योग्य’ बनाने के लिए समय पर सुधार कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि चाहे वह हथियार हों या तकनीक, युद्ध के परिदृश्य में बहुत बड़ा बदलाव आया है और इसलिए, झूठे आरोपों और प्रत्यारोपों के बावजूद ऐसी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे बलों को मजबूत करने की सरकार पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न भ्रष्टाचार और घोटालों ने सशस्त्र बलों की क्षमताओं को मजबूत करने में बाधा डाली थी।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी सरकार ने पिछले कार्यकाल में “वन रैंक, वन पेंशन” योजना को लागू किया था जो लंबे समय से रुकी हुई थी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की कठिनाइयों के बावजूद उनकी सरकार ने ओआरओपी योजना के कार्यान्वयन के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए थे।
हाल ही में हुए पेपर लीक पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहद गंभीर है और युवाओं तथा राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीट-यूजी पेपर लीक मामले में देशभर में कई गिरफ्तारियां की गई हैं। श्री मोदी ने कहा, “केंद्र सरकार पहले ही सख्त कानून बना चुकी है। पूरी स्क्रीनिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में विकास सरकार का सबसे बड़ा संकल्प रहा है।” उन्होंने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने, हर घर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करने, हर गरीब को पक्का घर देने, सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें मजबूत बनाने, देश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र को बढ़ावा देने, भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने, बुनियादी ढांचे के विकास को आधुनिक बनाने, विकसित भारत में नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने, कौशल विकास को सशक्त बनाने और युवाओं के भविष्य को आकार देने के संकल्पों पर प्रकाश डाला। हाल के एक अध्ययन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 18 वर्षों के दौरान निजी उद्योग में रोजगार सृजन में रिकॉर्ड संख्या देखी गई है।
डिजिटल इंडिया आंदोलन की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में डिजिटल भुगतान प्रणाली के एक बेहतरीन उदाहरण के रूप में खड़ा है। जी20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि दुनिया के विकसित देश भी हमारे डिजिटल आंदोलन से चकित हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत की प्रगति के साथ प्रतिस्पर्धा और चुनौतियों में बढ़ोतरी पर भी बात की और उन लोगों को चेतावनी दी जो देश की प्रगति को चुनौती के रूप में देखते हैं और भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को नुकसान पहुंचाते हैं। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसा लगता है कि हर प्रयास में संदेह पैदा करके और इसकी नींव को कमजोर करके भारत की प्रगति को कमजोर करने का एक मजबूत प्रयास किया जा रहा है। ऐसे प्रयासों को स्रोत से ही खत्म किया जाना चाहिए।”
उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों पर पूरे सदन द्वारा गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता पर बल दिया और नागरिकों से ऐसी ताकतों से सतर्क रहने का भी आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा, “भारत कभी भी राष्ट्र विरोधी साजिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
श्री मोदी ने दोहराया कि दुनिया भारत की प्रगति को बहुत गंभीरता से ले रही है और सभी पेचीदगियों पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने संकल्पों को पूरा करने और एक विकसित भारत बनाने के लिए सदन के प्रत्येक सदस्य के योगदान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सदस्यों से देश के कल्याण में भरोसे के साथ आगे आने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा, “हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए और नागरिकों के सपनों और उम्मीदों को पूरा करना चाहिए।” उन्होंने वर्तमान युग में सकारात्मक राजनीति के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “आइए हम सुशासन, वितरण और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने पर प्रतिस्पर्धा करें।”
भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ दुर्घटना में पीड़ितों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने दुर्घटना में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सदन को यह भी बताया कि राज्य सरकार खोज और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई है, वहीं केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार संसद के लिए चुने गए सदस्यों को विशेष रूप से बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने संबोधन का समापन किया और धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने विचारों और योगदान के लिए सदस्यों को धन्यवाद दिया।
Source: https://pib.gov.in/