Home भारत भारतीय सेना ने “Army Sports Conclave” का आयोजन किया

भारतीय सेना ने “Army Sports Conclave” का आयोजन किया

by ekta
7 minutes read
A+A-
Reset
भारतीय सेना ने “Army Sports Conclave” का आयोजन किया

Army Sports Conclave

Indian Army  ने आज भारत के खेल संबंधी इकोसिस्टम में भारतीय सेना की भूमिका को रेखांकित करते हुए  बहुप्रतीक्षित सेना खेल कॉन्क्लेव” का आयोजन किया। भारत 2036 के ओलंपिक की मेजबानी करने की ओर अग्रसर हैऐसे में सेना खेल कॉन्क्लेव इस राष्ट्रीय मिशन से जुड़े प्रयासों को व्यवस्थित  करने और इसमें योगदान देने के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। भारत की खेलों से जुड़ी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को संवर्धित करने के लिए इस कॉन्क्लेव में विभिन्न राष्ट्रीय हितधारकों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए भारतीय ओलंपिक संघभारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआईऔर राष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ सहयोगपूर्ण रणनीति तैयार करने के महत्व पर जोर दिया गया। 

देश की खेल उपलब्धियोंविशेष रूप से एशियाई खेलों और ओलंपिक जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा योगदान दिए जाने की दीर्घ और विशिष्ट परंपरा मौजूद है। राष्ट्रीय गौरवफिटनेस और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने में खेलों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए सशस्त्र बलों ने खिलाडि़यों को प्रोत्साहन देने की दिशा में निरंतर योगदान दिया है। इसी दिशा में  2001 में भारतीय सेना के मिशन ओलंपिक प्रकोष्ठ की स्थापना की गई थीजिसके तहत कुल 9000 खिलाड़ी 28 विभिन्न खेल नोड्स पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। एसएआई के सहयोग सेछोटी उम्र (09 से 16 वर्षकी प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पूरे भारत में लड़कों की कुल 18 खेल कंपनियां और लड़कियों की दो खेल कंपनियां हैं। इसके अतिरिक्तपैरालंपिक खेलों के लिए दिव्यांग सैनिकों को प्रेरित और प्रशिक्षित करने के लिए एक पैरालंपिक नोड की स्थापना की गई है। विशिष्टव्यापक प्रशिक्षण व्यवस्था और बुनियादी ढांचे की स्थापना के जरिएभारतीय सेना ने ऐसे अनेक एथलीटों और खिलाड़ियों के करियर में सहायता प्रदान की हैजिन्होंने वैश्विक मंचों पर अपार सम्‍मान प्राप्‍त किया है।

इस कार्यक्रम में माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉमनसुख मांडविया कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौरएवीएसएम (सेवानिवृत्त), माननीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री तथा युवा कार्य मंत्रीराजस्थान सरकार की उपस्थिति रही। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अपने मुख्य भाषण में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौरएवीएसएम (सेवानिवृत्तने खेलों को बढ़ावा देने के लिए विशेषकर खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने खेलों के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना का पक्ष लेते हुए 2036 तक भारत के लिए अधिकतम ओलंपिक पदक हासिल करने के विजन को रेखांकित किया। उन्होंने खेल संस्कृति को बढ़ावा देने में भारतीय सेना के  योगदान को भी स्वीकार करते हुए इस बात का उल्लेख किया कि भारतीय सेना देश में शीर्ष पदक जीतने वाली संस्थाओं में से एक के रूप में उभरी है।

डॉमनसुख मांडविया ने अपने उद्घाटन भाषण में भारत के खेल संबंधी इकोसिस्टम में भारतीय सेना के अपरिहार्य योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने देश भर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए साझा मल्टीएजेंसी की आवश्यकता पर बल दिया। डॉमांडविया ने ओलंपिक में सफलता के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करने की चर्चा कीजिसमें जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक की प्रतिभाओं के विकास के लिए अल्पकालिक पंचवर्षीय योजनाएं और दीर्घकालिक 25-वर्षीय रणनीतियां शामिल रहें।

इस कॉन्क्लेव में अंजू बॉबी जॉर्जमैरी कॉम और तरुणदीप राय जैसी प्रसिद्ध हस्तियाों सहित  पूर्व एथलीटों और ओलंपियनों ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की ।  इन सभी ने खेलों के शीर्षतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के संबंध में अपने व्यक्तिगत अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए। उनके अनुभवों के आधार पर कॉन्क्लेव में  खेल शिक्षाराष्ट्रीय स्तर पर संसाधनों को साझा करने और खेल संबंधी इकोसिस्टम में सर्वोत्तम प्रथाओं की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। कॉन्क्लेव में जमीनी स्तर पर खेल विज्ञान के एकीकरणसेवानिवृत्त एथलीटों की प्रतिभा का उपयोग करने और 2036 के ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के इच्छुक एथलीटों की शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की तैयारी को एकीकृत करते हुए भारतीय खेलों के संबंध में एक बहुआयामी दृष्टिकोण पर विचारविमर्श किया गया।

इस कॉन्क्लेव में भविष्य के ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित करते हुए उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तकनीकी मानकों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देकर भारत की खेल क्षमता का उपयोग करने की रणनीतियों के बारे में गहन चर्चा की गई। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालयभारतीय सेनाभारतीय खेल प्राधिकरणभारतीय खेल महासंघ और अन्य प्रमुख हितधारकों के सहयोग से किए गए इस संयुक्त प्रयास ने बहुमूल्य जानकारी  प्रदान कीजिससे ओलंपिक की तैयारी के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। इन सामूहिक चर्चाओं ने वैश्विक मंच पर भारत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई योग्य कदमों की नींव रखी।

 

SOURCE: https://pib.gov.in

You may also like

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.

Edtior's Picks

Latest Articles

Designed and Developed Dainik NEWS India