Delhi Mayor Election: दिल्ली में गुरुवार को महापौर और उपमहापौर चुनाव टलते ही राजनीतिक संघर्ष बढ़ा। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि भाजपा ने चुनाव को स्थगित कर दिया है क्योंकि उसे हार का डर है।
दिल्ली में गुरुवार को महापौर और उपमहापौर चुनाव टलते ही राजनीतिक संघर्ष बढ़ा। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि भाजपा ने चुनाव को स्थगित कर दिया है क्योंकि उसे हार का डर है। एलजी ने बताया गया कारण हास्यास्पद है। भाजपा ने वहीं दावा किया कि चुनाव बिना नियम माने करवाए जा रहे थे। दिल्ली संवैधानिक संकट में है। मुद्दों से भटकाने के लिए कुछ भी आरोप लगाए जाते हैं। कांग्रेस ने भी इसकी आलोचना की..।
हारने के डर से चुनाव को स्थगित किया गया : आप
भाजपा के कहने पर एलजी ने दिल्ली महापौर चुनाव रद्द कर दिया है, जैसा कि आप विधायक और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बताया। भाजपा ने दिल्ली को दलित समाज का महापौर बनाने वाला था। ‘आप’ ने कहा कि एलजी ने बताया गया कारण हास्यास्पद था। वास्तव में भाजपा को हार का डर है।
पाठक ने बताया कि 2019 में भी लोकसभा चुनाव हुए, लेकिन दिल्ली में भी मेयर चुनाव हुए। इस बार संविधान को तार-तार कर दिया गया। एलजी ने मेयर चुनाव को रद्द करने का कारण मुख्यमंत्री की सलाह बताया है। यह तर्क बहुत मजाक है। दिल्लीवासियों के हित में मुख्यमंत्री ने एलजी को हजारों सलाह दी, लेकिन उपराज्यपाल ने एक भी नहीं किया। पिछली बार मेयर चुनाव के दौरान काफी संघर्ष हुआ था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बाद में कहा कि मुकेश गोयल सर्वोच्च पद पर हैं और पीठासीन अधिकारी बनना चाहिए। एलजी ने इसके बाद भी उनकी बात नहीं सुनी और एक भाजपा कार्यकर्ता को पीठासीन अधिकारी बना दिया। अब मुख्यमंत्री की सलाह मानते हैं।
“आप” के मेयर प्रत्याशी महेश खिंची ने कहा कि हमारे पास 135 पार्षद और कांग्रेस का भी समर्थन है। हम मेयर चुनाव में जीतने वाले थे। लेकिन भाजपा का एलजी चुनाव नहीं करता था। भाजपा की इच्छा नहीं है कि दिल्ली का मेयर दलित हो। दलितों की पार्टी है। भाजपा ने चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के दलित प्रत्याशी को मेयर पद पर रहने से रोकने की भी कोशिश की।
मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर न होने से अड़चन : भाजपा
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने चुनाव टलने को संवैधानिक संकट बताया। जब नियम है कि महापौर चुनाव से संबंधित पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर से ही आगे बढ़ती है, तो फिर इसका पालन क्यों नहीं किया गया? CM जेल से सरकार चलाना चाहते हैं। यही कारण है कि फाइल को नियमों के अनुसार नहीं भेजा गया था।
सचदेवा ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अब झूठे आरोप लगा रही हैं क्योंकि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर संवैधानिक प्रक्रिया पूरी तरह से नहीं अपनाई गई है। साथ ही, हमने महापौर पद के लिए उस वर्ग के प्रत्याशी को खड़ा किया है, जिससे दोनों पार्टियां सहमत हैं।
इससे स्पष्ट है कि मुद्दों से भटकाने के लिए कुछ भी आरोप लगाए जा रहे हैं। जब पूरी चुनाव प्रक्रिया का पालन किया गया हो। मुख्यमंत्री जेल में हैं, इसलिए प्रक्रिया को लागू करना असंभव है। आम आदमी पार्टी यह मानने को तैयार नहीं है कि दिल्ली में संवैधानिक संकट है।
रोक लगाना संवैधानिक मूल्यों का हनन : कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस के निगम प्रभारी जितेंद्र कुमार कोचर ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि दलितों के लिए आरक्षित मेयर चुनाव को रोकने की कोशिश ने दलितों की भावनाओं को नुकसान पहुँचाया है। उनका कहना था कि चुनाव आयोग की अनुमति के बावजूद वोटिंग पर प्रतिबंध लगाना संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है। यह वर्ष दलित वर्ग के मेयर के लिए आरक्षित था।