CM Yogi Adityanath: यूपी का रेडिमेड गारमेंट उद्योग में होगी धमक
28 अक्तूबर तक चलने वाले सिल्क एक्सपो का उद्घाटन करते हुए CM Yogi Adityanath ने 16 किसानों, उद्यमियों, संस्थाओं और डिजाइनरों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न पुरस्कार प्रदान किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश जल्द ही रेडिमेड गारमेंट उद्योग का शिकार होगा। दुनिया भर में छोटे-छोटे देशों को खतरा है। जिन लोगों के पास बहुत कम संसाधन और बहुत कम संभावनाएं हैं, वे आगे बढ़ चुके हैं। हमारे पास धन और संभावना दोनों है। काम चाहने वाली आधी आबादी के बड़े तबके को रेशम उत्पादन, प्रोसेसिंग, रेडिमेड गारमेंट, डिजाइनिंग, मार्केटिंग, पैकेजिंग के साथ जोड़ लें तो दुनिया में रेडिमेड गारमेंट में धमक बनाने वाले देशों का स्थान उत्तर प्रदेश व भारत ले सकता है। राज्य सरकार की कार्रवाई से हमें लाभ मिलना चाहिए। हमने रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ाया है। एक समय वह जरूर आ सकता है, जब यूपी का किसान रेशम उत्पादन में देश में अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा।
सभी जिलों के पास एक यूनिक उत्पाद है
मुख्यमंत्री ने 28 अक्तूबर तक चलने वाले सिल्क एक्सपो का उद्घाटन करते हुए यह बातें कहीं। इस अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान 16 किसानों, उद्यमियों, संस्थाओं और डिजाइनरों को दिया गया और रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन किया। उनका दावा था कि राज्य के सभी 75 जिलों के पास एक अलग उत्पाद है। हमने इसे वन डिस्ट्रिक्ट या वन उत्पाद कहा है। सरकार ने ओडीपीओपी को मार्केट, डिजाइनिंग और पैकेजिंग से जोड़ा, जिससे रोजगार पैदा हुआ और परंपरागत उत्पादों का निर्यात भी हुआ। यूपी का पोटेंशियल भी वाराणसी, भदोही और मुबारकपुर की साड़ियों से बढ़ाया जा सकता है। हमें सिल्क एक्सपो को इस क्षेत्र में यूपी की संभावनाओं को बढ़ावा देने का माध्यम बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
कपड़ा उद्योग रोजगार देने वाला भी
उनका कहना था कि रोटी, कपड़ा और घर सदा से लोकप्रिय रहे हैं। हवा-पानी जीवों और प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन रोटी, कपड़ा और घर भी महत्वपूर्ण हैं। कपड़ा न सिर्फ जीवन की जरूरत है, बल्कि किसानों की आय को बढ़ाता है और रोजगार भी पैदा करता है। प्राचीन काल से ही रेशम बनाने की अलग-अलग विधियां रही हैं। 25 करोड़ जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र में कई संभावनाएं विकसित हो सकती हैं। सबको देखना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में क्या संभावनाएं हैं। चाहे मुबारकपुर की साड़ी हो या वाराणसी की, यूपी में वाराणसी-भदोही, आजमगढ़ से लेकर वाराणसी तक। केंद्र और राज्य सरकारों ने सिल्क कलस्टर बनाने के लिए नए प्रयास शुरू किए हैं। इस व्यापार को काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने नई ऊंचाई दी है।
पीएम मित्र पार्क में टेक्सटाइल उद्योग अलग-अलग जुड़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजमगढ़ के मुबारकपुर के साड़ी उद्योग, मीरजापुर, वाराणसी और भदोही के सिल्क कलस्टर की प्रगति को देखकर लगता है कि इसमें बहुत गुंजाइश है। पीएम मित्र पार्क, टेक्सटाइल्स पार्क का बड़ा संस्करण, उत्तर प्रदेश के लखनऊ-हरदोई बार्डर पर आने वाला है। एक हजार एकड़ की जमीन पर टेक्सटाइल्स से जुड़े कई उद्योग लगाए जाएंगे। हमें ही रॉ सामग्री बनानी होगी। इसके लिए प्रक्रिया-शिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ना, प्रगतिशील किसानों से मिलना और सेमिनार में भाग लेना चाहिए। संभावनाएं गोरखपुर मंडल के अलावा वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़ और बस्ती में भी बढ़ेंगी। यूपी में नौ क्लाइमेटिक जोन हैं। वाराणसी-आजमगढ़ पुराने समय से ही रेशम उत्पादन में अग्रणी रहे हैं। जब रॉ सामग्री सस्ती होती है, तो खर्च भी सस्ता होगा। लखनऊ में शीघ्र विकसित होने जा रहा पीएम मित्र टेक्सटाइल्स पार्क इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर सकता है।
आधी आबादी को सशक्त बनाएं
उन्होंने कहा कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी रेशम कपड़े बनाती है। हमें तकनीक को समयबद्ध रूप से अपनाना होगा। हमें उससे जुड़ना होगा। पहले खादी में हाथ से चलने वाला चरखा था, फिर इलेक्ट्रिक चरखा आया। बिजली की कीमतें बढ़ी तो रफ्तार भी पांच से दस गुना बढ़ी। बिजली की लागत को कम करने के लिए अब सोलर चरखा भी आ गया है। रेशम उत्पादों को कताई कार्यक्रम के साथ जोड़ने के लिए भी उसी प्रक्रिया का पालन करना होगा। CM ने कहा कि स्थानीय स्तर पर दैनिक कामकाज महिलाओं के स्वावलंबन को बढ़ा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मिशन शक्ति, महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग, पी शिवकुमार, सदस्य सचिव केंद्रीय रेशम बोर्ड, नई दिल्ली, अपर मुख्य सचिव (रेशम) बीएल मीना, निदेशक (रेशम) सुनील कुमार वर्मा और अन्य लोग उपस्थित थे।
इनका सम्मान हुआ
16 किसानों, उद्यमियों, संस्थाओं और डिजाइनरों को मुख्यमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न देकर सम्मान दिया। पहला पुरस्कार पचास हजार रुपये, दूसरा पुरस्कार बीस हजार रुपये, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कोकुन उत्पादन पुरस्कार: जगराम (बहराइच) प्रथम; कुशीनगर की माला देवी द्वितीय
डॉ. एनवी चौधरी, निदेशक केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, केंद्रीय रेशम बोर्ड, रांची, झारखंड, को पहला लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला. हसीन अहमद अंसारी, मेसर्स कासिम सिल्क इंपोरियम, वाराणसी को दूसरा पुरस्कार मिला।
सर्वोत्तम डिजाइनिंग रेशम निर्मित परिधान में प्रथम पुरस्कार रामनगर वाराणसी की अंगीका कुशवाहा, द्वितीय सर्वेश कुमार श्रीवास्तव (वाराणसी) इनका पुरस्कार रंजना श्रीवास्तव ने लिया
रेशम से निर्मित अन्य उत्पादों में सर्वश्रेष्ठ डिजाइनिंग मुख्तार अहमद (भदोही) को प्रथम, इफ्तिखार अहमद (आजमगढ़) को द्वितीय।
रेशम के फिनिश प्रोडक्ट वस्त्र में नवाचार प्रथम श्रेणी पुरस्कार हजरतगंज लखनऊ की अदिति जग्गी रस्तोगी, द्वितीय संगीता बसंत कन्या महाविद्यालय वाराणसी
सर्वोच्च कोया विक्रेता धागा विक्रय में प्रथम पुरस्कार शशि शुक्ला पीलीभीत को मिला, जबकि सोनभद्र के राजनाथ वर्मा को द्वितीय पुरस्कार मिला।
सर्वाधिक वस्त्र विक्रेता के लिए रेशम फिनिश उत्पाद का पहला पुरस्कार वीरेश शाह (वाराणसी) और द्वितीय पुरस्कार पंकज शाह (वाराणसी)
कोकुन उत्पादन में नवाचार कार्मिकों द्वारा प्रथम श्रेणी पुरस्कार पी. शिवकुमार आईएफएस, सदस्य सचिव केंद्रीय रेशम बोर्ड, द्वितीय पुरस्कार दशरथी बेहरा उपसचिव तकनीकी, केंद्रीय रेशम बोर्ड नई दिल्ली