Arvind Kejriwal को हार का सामना, प्रवेश वर्मा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

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Arvind Kejriwal को हार का सामना, प्रवेश वर्मा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी से Arvind Kejriwal , भाजपा से प्रवेश वर्मा और कांग्रेस से संदीप दीक्षित चुनाव मैदान में हैं। तीनों ही अपने-अपने दलों के प्रमुख नेता माने जाते हैं, और मुकाबला बेहद कड़ा है। यहां एक पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र आमने-सामने हैं।

नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की हार लगभग तय मानी जा रही है।  मतगणना के 11 राउंड के बाद, भाजपा के प्रवेश वर्मा 22,034 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि Arvind Kejriwal को 20,190 वोट मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार फिलहाल 1,844 वोटों से बढ़त बनाए हुए हैं।

गौरतलब है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे चर्चित सीटों में से एक है। हालांकि मतदाताओं की संख्या के लिहाज से यह दूसरी सबसे छोटी सीट है, लेकिन इसका राजनीतिक महत्व काफी बड़ा है। ऐतिहासिक रूप से, इस सीट से जीतने वाला उम्मीदवार ही दिल्ली का मुख्यमंत्री बनता आया है—यह परंपरा पिछले 30 वर्षों से चली आ रही है। इस बार इस सीट पर एक पूर्व मुख्यमंत्री का मुकाबला दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों से हो रहा है, जिससे चुनावी जंग और दिलचस्प हो गई है।

नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा उम्मीदवार

इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट उम्मीदवारों की संख्या के लिहाज से भी सबसे आगे है। कुल 40 नेताओं ने नामांकन भरा था, लेकिन कुछ के नामांकन खारिज हो गए और कुछ ने अपने नाम वापस ले लिए। अब इस सीट से कुल 23 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जो कि अन्य सीटों की तुलना में सबसे अधिक हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है।

1993 से 2020 तक मुख्यमंत्री बनने का पैटर्न

पिछले 30 वर्षों में नई दिल्ली विधानसभा सीट का दिलचस्प राजनीतिक इतिहास रहा है। अब तक इस सीट से जीतने वाली पार्टी ने ही दिल्ली में सरकार बनाई है, और विजयी विधायक मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा है।

  • 1993 में भाजपा ने यह सीट जीतकर सरकार बनाई और कीर्ति आज़ाद विधायक बने।
  • 1998 में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की, और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। वे 2008 तक लगातार तीन बार विधायक और प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं।
  • 2013 में आम आदमी पार्टी के Arvind Kejriwal ने शीला दीक्षित को हराकर नई दिल्ली सीट से जीत दर्ज की और मुख्यमंत्री बने।

Arvind Kejriwal की लगातार तीन जीत और नई दिल्ली सीट पर कड़ी टक्कर

Arvind Kejriwal ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भी नई दिल्ली सीट से जीत दर्ज की, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई और वे मुख्यमंत्री बने। तीनों चुनावों में उन्होंने 50% से अधिक वोट शेयर हासिल किया—2013 में 53.46%, 2015 में 64.34%, और 2020 में 61.10%। इस बार भी यह सीट केवल विधायक चुनने के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की दौड़ के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है। हालांकि, 12 साल की सत्ता के बाद आप के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

Arvind Kejriwal का राजनीतिक सफर

Arvind Kejriwal , आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री, IRS की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए। उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को राजनीति में औपचारिक रूप से प्रवेश किया और 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना की

प्रवेश वर्मा – बीजेपी उम्मीदवार

प्रवेश वर्मा, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे, नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। वे पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद हैं और 2014 व 2019 में वहां से जीत दर्ज कर चुके हैं।

  • 2013 में, वे महरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री को हराया।
  • 2014 में, पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने और 2019 में भी दोबारा जीत दर्ज की
  • इस बार वे नई दिल्ली सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं

संदीप दीक्षित – कांग्रेस उम्मीदवार

कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है। वे पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और कांग्रेस में एक महत्वपूर्ण चेहरा माने जाते हैं।

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