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Ahoi Ashtami 2024: 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी, मुहूर्त, सरल पूजा विधि और भोग जानें

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Ahoi Ashtami 2024: 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी, मुहूर्त, सरल पूजा विधि और भोग जानें

Ahoi Ashtami 2024: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी है। इस दिन माताएं अहोई अष्टमी का निर्जवा व्रत रखती हैं, जो उनकी संतान को लंबी आयु और खुशहाल जीवन देता है।

Ahoi Ashtami 2024 Date: माताएं हर साल अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखती हैं ताकि उनके बच्चे लंबे समय तक जीवित रहें और सफल हों। कार्तिक महीने में कृष्ण की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। अहोई अष्टमी व्रत में पूरे दिन भोजन किए बिना उपवास किया जाता है और रात को तारों को देखकर अर्घ्य दिया जाता है। माना जाता है कि अहोई अष्टमी का व्रत संतान को लंबी उम्र और खुशहाल जीवन देता है। इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता पार्वती अहोई हैं। अहोई माता की पूजा करने से संतान के जीवन में चल रही समस्याएं दूर होती हैं। आइए अहोई अष्टमी व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, सामान्य पूजा, भोग को जानें।

अहोई अष्टमी 2024: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 25 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 24 अक्टूबर 2024 को ही अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा।।

अहोई अष्टमी के दिन पूजा मुहूर्त: अहोई अष्टमी के दिन शाम को 05 बजकर 32 मिनट से 06 बजकर 48 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।

तारों के निकलने का समय: शाम को तारों के निकलने का समय 05 बजकर 56 मिनट है।

पूजाविधि

अहोई अष्टमी की सुबह जल्दी उठो। स्नानादि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। घर के मंदिर को साफ करें। व्रत का संकल्प लें। घर की दिवार को अच्छे से साफ करें। दीवार पर गेरु या कुमकुम से अहोई माता को चित्रित करें। माता रानी के सामने दीपक जलाकर व्रत की कहानी सुनें। शाम को अहोई माता की पूजा कीजिए। संतान के सुखी जीवन की प्रार्थना करें। । अहोई माता को उनके प्रिय भोजन दें। अंत में अहोई माता की आरती उतारें और पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना मांगे। आकाश में तारों के निकलने के बाद जल अर्घ्य दें।

भोग: अहोई अष्टमी के दिन पूजा में अहोई माता को हलवा, पूरी,गुलगुले, चावल की खीर, सिंघाड़ा, मूली, दूध, चावल, गेहूं के 7 दाने, फल,फूल और जलेबी का भोग लगा सकते हैं।

 

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