Home राज्यउत्तराखण्ड Uttarakhand Extreme Heat: भीषण गर्मी में आफत में आ रही जान, लू लगने के बाद बर्फ की सिल्ली पर लिटाकर शरीर का तापमान कम किया

Uttarakhand Extreme Heat: भीषण गर्मी में आफत में आ रही जान, लू लगने के बाद बर्फ की सिल्ली पर लिटाकर शरीर का तापमान कम किया

by editor
Uttarakhand Extreme Heat: भीषण गर्मी में आफत में आ रही जान, लू लगने के बाद बर्फ की सिल्ली पर लिटाकर शरीर का तापमान कम किया

Uttarakhand Extreme Heat: रुद्रपुर में रहने वाले 30 वर्षीय सुशील कुमार और 31 वर्षीय इंद्रजीत एक कंपनी की भट्ठी में काम करते हैं। 1 जून को दोनों को एसटीएच लाया गया क्योंकि वे बेहोश थे। दोनों के शरीर में 106 डिग्री तापमान था।

उत्तराखंड में तपती गर्मी लोगों की जान ले रही है। लोगों में पारा बढ़ने के साथ लू सहित अन्य बीमारियां भी फैल रही हैं। ऐसे में बीमारी से बचने के लिए सावधानी आवश्यक है। सिडकुल में लू लगने से उनके शरीर का तापमान इतना बढ़ गया कि उन्हें  एसटीएच  में तापमान कम करने के लिए बर्फ की सिल्ली पर लिटाना पड़ा।

अस्पताल में उनके शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट था, बताया गया। यह एक जून की घटना है। दोनों बेहोश होकर अस्पताल लाए गए। दोनों की हालत खतरे से बाहर है, एक हफ्ते मेडिसन विभाग के आईसीयू में उपचार के बाद।

रुद्रपुर में रहने वाले ३० वर्षीय सुशील कुमार और ३१ वर्षीय इंद्रजीत एक कंपनी की भट्ठी में काम करते हैं। 1 जून को दोनों को एसटीएच लाया गया क्योंकि वे बेहोश थे। दोनों के शरीर में 106 डिग्री सेल्सियस था।

एसटीएच  के हीटवेब वार्ड में, दोनों को बर्फ की सिल्ली में डालकर बर्फ के पानी में डुबाया गया। इतना ही नहीं, ठंडा पानी उनके पेट में डाला गया। वे बाद में ठंडे बिस्तर पर लिटाए गए। दोनों बाद में आईसीयू में भर्ती हो गए।

इस दौरान उनके पास प्लेटलेट्स, या प्लज्मा  चढ़ाया गया। डॉक्टरों की मेहनत के बाद दोनों की हालत खतरे से बाहर है। साथ ही रुद्रपुर की 71 वर्षीय कुंती देवी को पांच दिन पहले एसटीएच लाया गया था, लेकिन अब उनकी हालत खतरे से बाहर है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि तीनों मरीजों की हालत में डॉक्टरों की मेहनत से सुधार हुआ है।

 डायरिया से बचने के लिए एक अस्पताल में हर दिन पांच सौ मरीज

Uttarakhand Extreme Heat:नैनीताल जिला अस्पताल बीडी पांडे में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गर्मी के साथ मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दैनिक रूप से अस्पताल में 500 से अधिक मरीज आते हैं। अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एमएस दुग्ताल ने बताया कि 70 से 80 मरीज प्रतिदिन आते हैं। जिनमें डायरिया से पीड़ित लोगों की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ रही है।

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