आईआईएससी बेंगलुरु अगले तीन वर्षों में सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में 1500 जनजातीय छात्रों को बुनियादी प्रशिक्षण और 600 जनजातीय छात्रों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा
शिक्षा, संचार और कार्यक्रम (टीआरआई-ईसीई) के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु के नैनो विज्ञान और इंजीनियरिंग केंद्र को ‘आदिवासी समुदाय के छात्रों के लिए सेमीकंडक्टर निर्माण और लक्षण वर्णन प्रशिक्षण’ परियोजना सौंपी है। इस परियोजना का लक्ष्य तीन वर्षों में आदिवासी छात्रों को सेमीकंडक्टर तकनीक में 2100 NSQF-प्रमाणित स्तर 6.0 और 6.5 प्रशिक्षण देना है।
जनजातीय मामलों का मंत्रालय भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के सहयोग से अगले तीन वर्षों में 1500 आदिवासी छात्रों को सेमीकंडक्टर तकनीक में बुनियादी प्रशिक्षण और 600 आदिवासी छात्रों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा। सभी आदिवासी छात्र, जिनके पास इंजीनियरिंग विषयों में से किसी एक में डिग्री है, कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण देने के लिए 6 बड़े नैनो केंद्र (भारतीय विज्ञान संस्थान सहित) बनाए हैं। आरक्षण नीतियों के अनुसार, इन नैनो केंद्रों के डिग्री कार्यक्रमों में आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व है। डिग्री कार्यक्रमों के अलावा नैनो केंद्र आईएनयूपी कार्यक्रम https://inup-i2i.in/inup_wrapper/home.php के तहत अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं। हालाँकि, मंत्रालय के साथ कार्यक्रम आदिवासी समुदायों के लिए विशेष रूप से समर्पित पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने दी।
source: https://pib.gov.in