Dehradun News: टीम को मजबूत घर तोड़ने में बहुत मेहनत करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम के भूमि विभाग ने पहले 31 मकान यहां पर बस्ती में चिन्हित किए थे। बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।
बॉडीगार्ड बस्ती में शुक्रवार को देहरादून नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। 12 मार्च 2016 को, जेसीबी ने रिस्पना नदी के किनारे अवैध रूप से बने चिन्हित मकानों को आठ घंटे की कार्रवाई के दौरान ध्वस्त कर दिया।
स्थानीय जनता के व्यापक विरोध के बीच ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रही। टीम सुबह साढ़े नौ बजे बॉडीगार्ड बस्ती में कार्रवाई करने पहुंची। जेसीबी ने नदी से सटे कुछ घरों को हथौड़े से तोड़ना शुरू कर दिया, जहां वह नहीं जा सकी।
पुलिस ने मौके पर विरोध करने वालों को कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी तो वे बैकफुट पर आ गए। एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए कहा कि उसके जीवन भर की कमाई मकान बनाने में खर्च हो गई। वे कार्रवाई नहीं करने की अपील करते थे।
लेकिन बारी-बारी से शेष ग्यारह चिन्हित मकानों को तोड़ दिया गया। टीम को मजबूत घर तोड़ने में बहुत मेहनत करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम के भूमि विभाग ने पहले 31 मकान यहां पर बस्ती में चिन्हित किए थे।
जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों के अनुरोध के बाद जांच की गई और बीस मकान की सूची बनाई गई। दोबारा जांच के बाद ग्यारह घरों को ध्वस्त कर दिया गया था। नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम में नगर आयुक्त गौरव कुमार और उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल सहित पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।
Dehradun News: बच्चे मकान गिरते देख रो पड़े, सामान टूटा
मकानों को संयुक्त टीम ने जेसीबी से ध्वस्त करते हुए, आसपास खड़े बच्चे रोने लगे। एक बड़े दो मंजिला घर में तो फ्रिज और कूलर सहित कई सामान टूट गए। लोगों ने बताया कि मकान में कुछ दिन पहले आग लगने से काफी नुकसान हुआ था, और अब जो नया सामान जुटाया गया था, वह भी ध्वस्तीकरण के दौरान टूट गया। लोगों ने कहा कि परिवार को सामान हटाने में कुछ समय चाहिए था।
पार्षदों के बस्ते जमा हो गए हैं, उनका क्या होगा?
कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंची महिलाओं ने कहा कि निवर्तमान पार्षद इस अभियान को रोकने नहीं आ रहे हैं। उसकी प्रतिक्रिया में दूसरी महिला ने कहा कि उनके बस्ते कई महीने पहले ही जमा हो गए थे।
घर ध्वस्त होने से उनका कोई संबंध नहीं है। यही नहीं, एक दिव्यांग व्यक्ति ने कहा कि अगर आज आप किसी का घर टूटते हुए देख रहे हैं, तो कल आपका घर भी टूटेगा, तो और लोग भी देखेंगे। लोगों को पुलिस ने शांत रहने की हिदायत दी।
अवैध घरों को बिजली कनेक्शन कैसे मिल सकता है?
समुदाय के लोगों का कहना था कि अवैध रूप से निर्मित मकानों को बिजली-पानी के कनेक्शन नहीं देने चाहिए। लोग पहले कच्चा बनाना शुरू करते हैं। कनेक्शन मिलने पर स्थायी निर्माण करवाते हैं लाखों रुपये खर्च कर पक्की छत बनाई। अब उन्हें क्षति होगी।
सरकारी जमीन बेचने वालों पर केस दर्ज करें
शहरों में लाखों रुपये की सरकारी जमीन खरीदने वाले बिचौलियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग उठ रही है। दीपनगर के बाद जाखन में भी लोगों को झांसा देकर सरकारी जमीन बेचा जा रहा है। कुछ लोगों ने घर दुकान बनाने के लिए दो से तीन जगह प्लॉट ले रखे हैं। नगर निगम को सख्त कार्रवाई चाहिए, कुछ वरिष्ठ लोगों ने कहा।
जनप्रतिनिधियों को खरी-खरी सुनाई
मकान गिरते देख लोगों ने जनप्रतिनिधियों से बहुत नाराज हो गए। उनका कहना था कि वे पहले बसाते हैं, फिर घर उजड़ने पर कोई नहीं आता। एक महिला ने कहा कि अब चुनाव में वोट मांगने आने वाले लोगों को टूटे हुए घर दिखाएंगे। साथ ही वोट नहीं देने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपना काम करना चाहिए।
एमडीडीए अब कब्जों पर कार्रवाई करेगा
Dehradun News: नगर निगम ने लगभग 70 कच्चे पक्के निर्माणों को गिरा दिया है। एमडीडीए ने 412 मकानों को चिन्हित किया है, उनमें से कुछ 11 मार्च 2016 से पहले बनाए गए मकान ध्वस्त होंगे। कुछ घरों के दस्तावेजों की जांच जारी है। लोग प्रशासन की कार्रवाई से बहुत सहमे हुए हैं।
डालनवाला थाने के निकट सरकारी जमीन खाली कराई
डालनवाला थाने के पास लगभग साढ़े चार बीघा खाली जमीन है। कुछ लोग यहां लंबे समय से झोपड़ियां बनाकर रह रहे थे। नगर निगम ने शिकायत की कि कुछ लोगों ने पहले सड़क किनारे निर्माण शुरू किया, फिर सरकारी जमीन पर। जेसीबी ने शुक्रवार को झोपड़ियों को हटवाया। भूमि के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी, नगर आयुक्त ने बताया। अवैध निर्माण हटाकर नगर निगम का स्वामित्व बोर्ड लगाया जाएगा।