2017 में Sadhu Singh Dharamsot ने विधानसभा चुनाव जीता, लेकिन 2022 में हार गए। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही विजिलेंस ने वन घोटाले की जांच की, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
कांग्रेस सरकार में वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत को जेल में बंद होने पर अंतरिम जमानत मिल गई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज करोड़ों रुपये के वन घोटाले और बेनामी संपत्ति के मामले में यह फैसला सुनाया। श्रीकृष्ण को 5 जून तक जेल में रखा गया है। 6 जून को उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में फिर से सरेंडर करना होगा। वह चुनाव प्रचार कर सकेंगे और कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले ये राहत दी। साधू सिंह धर्मसोत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत का हवाला देते हुए कोर्ट से उन्हें भी जमानत देने की मांग की, जिसे कोर्ट ने 5 जून तक सशर्त जमानत दे दी।
2017 में धर्मसोत ने विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन 2022 में हार गए। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही विजिलेंस ने वन घोटाले की जांच की, जिसके बाद धर्मसोत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 16 जनवरी को ED ने उन्हें भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति की जांच के लिए गिरफ्तार किया। उन्हें सशर्त जमानत मिली है, जिसमें उन्हें हिदायत दी गई है कि वे गवाहों से न तो मुलाकात करेंगे न ही संपर्क करेंगे, और बिना सूचना दिए राज्य या देश से बाहर नहीं जाएंगे। जमानत के लिए भी उन्हें पच्चीस हजार रुपये का मुचलका भरना होगा।
6 जनवरी 2024 को ईडी ने किया था गिरफ्तार
धर्मसोत एक मार्च, 2016 से 31 मार्च, 2022 तक वन मंत्री रहे। उस समय 2.37 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि 8.76 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 16 जनवरी 2024 को जालंधर में ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में कहा कि पूर्व मंत्री और उनके बेटों की आय बताए गए सोर्स से मेल नहीं खाती, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही, पंजाब विजिलेंस वन घोटाले की जांच कर रहा है।