TRAI के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार लाहोटी ने आज एशिया प्रशांत दूरसंचार समुदाय (APT) के महासचिव श्री मसनोरी कोंडो की उपस्थिति में दक्षिण एशियाई दूरसंचार नियामक परिषद (SATRC) की स्पेक्ट्रम पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ किया। यह तीन दिवसीय कार्यशाला गोवा के होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में हो रही है, जिसकी मेजबानी भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने की है। एशिया प्रशांत दूरसंचार समुदाय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में SATRC सदस्य देशों के प्रतिनिधि, कार्य समूह के सदस्य, उद्योग विशेषज्ञ और विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य तेजी से बदलते दूरसंचार परिदृश्य में प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन के महत्व पर चर्चा करना है।
SATRC की इस कार्यशाला से प्रतिभागियों को स्पेक्ट्रम प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं की बेहतर समझ हासिल होने की उम्मीद है। इसके जरिए SATRC कार्य समूह के लिए ठोस दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकेंगे। इसके अलावा, कार्यशाला का उद्देश्य सदस्य देशों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, ताकि प्रभावी स्पेक्ट्रम उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं और रणनीतियों को विकसित किया जा सके।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत एशिया-प्रशांत दूरसंचार समुदाय के महासचिव श्री मसनोरी कोंडो के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए स्पेक्ट्रम संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए APT की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
इसके बाद, SATRC कार्य समूह के अध्यक्ष श्री अब्दुल कयूम ने नियामकों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और स्पेक्ट्रम उपयोग को अधिकतम करने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया।
उद्घाटन भाषण में ट्राई के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार लाहोटी ने आज के डिजिटल युग में प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र नवाचार और सशक्तिकरण में अग्रणी है, जो डिजिटल परिवर्तन को प्रेरित कर रहा है और ऐसे समाधान प्रदान कर रहा है जो जीवन स्तर को बेहतर बनाते हैं। रेडियो आवृत्ति स्पेक्ट्रम की अहमियत को पहचानते हुए, एसएटीआरसी ने अपनी कार्य योजना के हिस्से के रूप में स्पेक्ट्रम पर एक कार्य समूह का गठन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यशाला उभरती प्रौद्योगिकियों, स्पेक्ट्रम आवंटन और नीति विकास पर अंतर्दृष्टि साझा करने का बेहतरीन मंच प्रदान करती है। सहकार्यता को बढ़ावा देने और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान से यह कार्यक्रम नियामक क्षमता को मजबूत करने, सीमा पार सहयोग को बढ़ावा देने और दूरसंचार क्षेत्र में सतत विकास को समर्थन देने में मदद करेगा। श्री लाहोटी ने कहा कि प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन केवल आवंटन के बारे में नहीं है; यह एक ऐसा वातावरण बनाने के बारे में है जहां नवाचार पनप सके, सभी के लिए संपर्क उपलब्ध हो और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उनकी बातों ने सभी उपस्थित लोगों को सक्रिय रूप से अपने विचार और अनुभव साझा करने के लिए प्रेरित किया, जिससे दक्षिण एशिया में दूरसंचार विनियमन को एक जुड़े भविष्य के लिए आगे बढ़ाने की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूती मिली।
उद्घाटन सत्र का समापन ट्राई के सचिव श्री अतुल कुमार चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों और प्रतिभागियों को उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। श्री चौधरी ने यह भी कहा कि आगामी सत्रों के दौरान होने वाली चर्चाएं सहकार्यता और मिल-जुलकर सीखने की भावना को बढ़ावा देंगी। उन्होंने एपीटी और ट्राई आयोजन समिति को धन्यवाद दिया और सभी को आगामी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि उनकी सामूहिक अंतर्दृष्टि देश में दूरसंचार विनियमन के भविष्य को आकार देने में सहायक होगी।
किसी अन्य जानकारी के लिए श्री यतिंदर अग्रोही, सलाहकार (प्रशासन/आईआर) से advadmn[at]trai[dot]gov[dot]in पर संपर्क किया जा सकता है।