Aman Arora ने कैबिनेट सहयोगी हरभजन सिंह ईटीओ के साथ महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परियोजना के लिए रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया
- परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 390 एमयू बिजली उत्पन्न होने की संभावना है
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पंजाब में 1056 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने, राज्य की वार्षिक बिजली सब्सिडी को कम करने तथा पंजाब को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए पंजाब सरकार 66 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर विचार कर रही है, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 4 मेगावाट (कुल 264 मेगावाट क्षमता) होगी, ऐसा पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने कहा।
उन्होंने बिजली मंत्री श्री हरभजन सिंह ईटीओ के साथ मिलकर महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा परियोजना के लिए रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, बिजली और पंजाब विकास आयोग के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
श्री अमन अरोड़ा ने आगे बताया कि परियोजना पूरी होने पर सालाना लगभग 390 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली पैदा होने की उम्मीद है। फीडर स्तर पर सौर ऊर्जा लागू करने से सालाना लगभग 136 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है और भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा।
इस प्रयास से राज्य में लगभग 1,056 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा, जिससे राज्य में गैर-पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल और अर्ध-कुशल दोनों तरह के व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, यह कृषि उत्पादन को बढ़ाने और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत करने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा।
बैठक में पंजाब विकास आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री सीमा बांसल, सचिव बिजली श्री राहुल तिवारी, सचिव नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत श्री रवि भगत, चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर पावरकॉम इंजीनियर बलदेव सिंह सरां, सदस्य पीडीसी श्री शोइकत रॉय, डायरेक्टर पेडा श्री एमपी सिंह और दोनों विभागों के अन्य सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।