Punjab News: भगवंत मान सरकार को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। मालवा के लोगों को स्वच्छ पानी देने का आदेश दिया। 2010 में, यूरेनियम के तत्वों के भूमिगत जल में पाए जाने और इससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे बुरे प्रभावों को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई थी।
Punjab News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को मालवा बेल्ट के लोगों को भूजल में यूरेनियम के कारण होने वाले कैंसर से बचाने के लिए किए गए उपायों की सूचना नहीं देने पर जमकर फटकार लगाई।
हाईकोर्ट ने भारत सरकार, पंजाब सरकार, भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर और आईआईटी मद्रास की बैठक के बाद किए गए कार्यों को अगली सुनवाई पर प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बावजूद रिपोर्ट नहीं दी गई। कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई पर इस बारे में कोर्ट में जवाब देने का आदेश दिया।
आदेश के बाद रिपोर्ट पेश नहीं की
भाभा एटोमिक र्सिच सैंटर (बीएआरसी) ने मानसा, फरीदकोट, बंठिडा और फिरोजपुर से पानी के 1500 नमूने लिए थे। इन नमूनों में से 35 प्रतिशत में यूरेनियम तय मानकों से अधिक था; बंठिडा जिला सबसे अधिक प्रभावित था। इस पर हाईकोर्ट ने हर जिले दोआबा और माझा से पानी के नमूने लेने का आदेश दिया था, लेकिन आदेश के बाद भी रिपोर्ट नहीं दी गई।
जल में भारी मात्रा में यूरेनियम
2010 में बठिंडा के आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत जल में यूरेनियम के तत्व पाए जाने और इससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे बुरे प्रभावों को लेकर जनहित याचिका दी गई थी।
न्यायालय ने भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) को मालवा क्षेत्र में पानी में यूरेनियम की जांच करने के लिए 1500 नमूने मानसा, बंठिडा, फिरोजपुर और फरीदकोट से भेजे थे। इन नमूनों में से 35 प्रतिशत में यूरेनियम की मात्रा निर्धारित मानकों से अधिक थी, जिसमें बठिंडा जिला सबसे अधिक प्रभावित था।
साफ पीने का पानी उपलब्ध करवाए
न्यायालय ने फिर कहा कि सरकार मालवा को स्वच्छ पीने का पानी देने की व्यवस्था करे। साथ ही न्यायालय ने केंद्र और पंजाब सरकारों को यहां के भूमिगत जल में मिलने वाले यूरेनियम को कैसे निष्क्रिय करने के बारे में विचार करने के लिए भी कहा था। पंजाब सरकार ने एक सुनवाई में कोर्ट को बताया कि भारत सरकार, पंजाब सरकार, बीएआरसी और आईआईटी मद्रास की हाल ही में एक बैठक हुई थी।
गंभीर रहने का दिया आदेश
इस बीच, याची ने बताया कि कुछ अध्ययन पत्रों में इस समस्या का समाधान है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को यह अध्ययन पत्र देने का आदेश देते हुए कहा कि अब अधिकारी यह देखेंगे कि इनका जमीनी स्तर पर उपयोग संभव और सफल है या नहीं।
कोर्ट के सहयोगी अधिवक्ता ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। पंजाब सरकार ने इस पर कहा कि लोगों को पानी दिया जा रहा है।
यदि कोई ऐसा मामला कोर्ट के सहयोगी की जानकारी में है, तो वहां इस समस्या का समाधान किया जाएगा। हाईकोर्ट ने अधिकारियों को इस विषय पर गंभीर रहने का आदेश दिया है।