कृषि विभाग
Agriculture And Horticulture Rajan Vishal के निर्देशन में रबी 2024-25 के लिए विशेष गुण नियंत्रण अभियान शुरू
Agriculture And Horticulture Rajan Vishal: कृषि विभाग की गुण नियंत्रण टीम द्वारा उर्वरक निर्माता एवं विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का किया औचक नियंत्रण
Rajan Vishal: राज्य में कृषकों को निर्धारित दर पर गुणवत्ता पूर्ण खाद एवं बीज समय पर मिले एवं इनकी कालाबाजारी व जमाखोरी पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष गुण नियंत्रण अभियान चलाया जाता है।
Punjab News: जलालाबाद और पातड़ां, खुडियां में नई अनाज मंडियों के निर्माण के लिए स्थलों का चयन करें अधिकारी
Punjab के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने संबंधित अधिकारियों को जलालाबाद (फाजिल्का) और पटरां (पटियाला) में नई अनाज मंडियों के निर्माण के लिए स्थलों की पहचान करने और उन्हें अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।
Punjab सिविल सचिवालय में कृषि विभाग और पंजाब मंडी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए सरदार गुरमीत सिंह खुडियां ने जलालाबाद के विधायक जगदीप कंबोज गोल्डी और शुतराणा के विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर के साथ मिलकर बनने वाली अनाज मंडियों की स्थिति का जायजा लिया।
पटियाला के डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद पर्रे और फाजिल्का की डिप्टी कमिश्नर डॉ. सेनू दुग्गल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए और कैबिनेट मंत्री को स्थलों की पहचान की प्रगति से अवगत कराया।
विस्तृत चर्चा के बाद कृषि मंत्री ने पटियाला और फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे 15 दिनों के अंदर नए विज्ञापन प्रकाशित करके पटरां और जलालाबाद में नई अनाज मंडी स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की मांग करें, क्योंकि पहले सुझाए गए स्थान साइट चयन समिति द्वारा उपयुक्त नहीं पाए गए थे। उन्होंने निर्देश दिया कि स्थानीय साइट चयन समितियां एक महीने के अंदर साइटों को अंतिम रूप देंगी।
नई अनाज मंडियों के लिए स्थानों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के दौरान स्थानीय विधायकों को जानकारी देने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार किसानों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और ये बनने वाली अनाज मंडियां किसानों को अपने घरों के नजदीक सुविधाजनक ढंग से अपनी उपज बेचने के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करेंगी।
बैठक में विशेष मुख्य सचिव कृषि श्री के.ए.पी. सिन्हा, सचिव कृषि श्री अजीत बालाजी जोशी, संयुक्त सचिव पंजाब मंडी बोर्ड सुश्री गीतिका सिंह और कृषि विभाग तथा पंजाब मंडी बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
CM Yogi: यूपी के 49 जिलों में प्राकृतिक खेती शुरू करने का प्रस्ताव मंजूरी मिलने की उम्मीद है
CM Yogi: यूपी के 49 जिलों में प्राकृतिक खेती शुरू करने का प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के आसार हैं। बड़ा राज्य होने के कारण राज्य को बजट में प्राविधानित राशि का बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना है।
CM Yogi: केंद्र सरकार को यूपी के 49 जिलों में प्राकृतिक खेती शुरू करने का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है। केन्द्रीय आम बजट में प्राकृतिक खेती से एक करोड़ किसानों को जोड़ने के प्रस्ताव के बाद राज्य में प्राकृतिक खेती का विस्तार हुआ है। बड़ा राज्य होने के कारण राज्य को बजट में निर्धारित धन का बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना है।
प्राकृतिक खेती योजना के सलाहकार डा. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को 49 जिलों में प्राकृतिक खेती शुरू करने का प्रस्ताव भेजा है। ऐसा करने से न सिर्फ अधिक धन मिलेगा बल्कि इस नई प्रक्रिया का क्षेत्र में तेजी से प्रसार होगा। राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए करीब 22 हजार किसानों को बुंदेलखंड के सातों जिलों में ट्रायल के तौर पर तैयार किया है।
आईसीएआर ने प्राकृतिक खेती के ट्रायल के लिए यूपी के कुछ क्षेत्रों को चुना है
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने उत्तर प्रदेश में 12 क्षेत्रों को प्राकृतिक खेती के ट्रायल के लिए चुना है। इनमें से प्रत्येक बुन्देलखण्ड और विन्ध्य प्रदेश में आता है। आईसीएआर द्वारा इन सभी क्षेत्रों में किए गए अध्ययन भी सफल रहे हैं। इसी आधार पर राज्य सरकार ने रजिस्टर्ड किसानों से 23,500 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती शुरू कराई है, जिसके लिए सरकार ने 22.50 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह क्षेत्र बुन्देलखण्ड के सभी सातों जिलों में फैला हुआ है, जहां 21,854 किसान इसके लिए तैयार हैं। प्राकृतिक खेती शुरू होने के पहले तीन वर्ष तक सरकार इन किसानों को आर्थिक सहायता दे रही है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 31 लाख हेक्टेयर प्राकृतिक खेती के लिए सरकारी योजनाओं और अन्य उपायों से चिन्हित किया गया है। दो लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की गई है। इसी तरह, पिछले वर्ष से राज्य के 42 कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) पर प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। इसके अलावा, प्रदेश में अब तक तीन लाख से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया है, और 74 जैविक कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी प्राकृतिक खेती में निरंतर काम कर रहे हैं।
देश में कुल छह लाख हेक्टेयर में हो रही प्राकृतिक खेती
देश में प्राकृतिक खेती के लिए छह लाख हेक्टेयर क्षेत्र शुरू किया गया है और पिछले तीन वर्षों में अच्छे परिणाम सामने आए हैं। गुजरात इस क्षेत्र में एक उदाहरण बन गया है। जहां बड़ोदरा कृषि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती को समर्पित है इस कृषि विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की देखरेख में कई अध्ययन प्राकृतिक खेती पर शुरू किए गए हैं। गुजरात इसके प्रभाव से तेजी से इस पर काम कर रहा है। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में भी शुरू की गई है। इन राज्यों में किसानों को इस दिशा में काम करने की लगातार कोशिश की जा रही है। केन्द्र सरकार के स्तर से प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अभी तक कोई अधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई है। अभी तक यह केवल राज्यों की ओर से ही प्रयास शुरू किया गया है।