Rajasthan की राजनीति: क्या राजस्थान में बीजेपी के इन प्रमुखों पर राजनीतिक खतरा मंडरा रहा है?

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Rajasthan की राजनीति: क्या राजस्थान में बीजेपी के इन प्रमुखों पर राजनीतिक खतरा मंडरा रहा है?

Rajasthan की राजनीति: राजस्थान में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बुरा प्रदर्शन किया, इससे दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। पार्टी आलाकमान ने इन नेताओं के कहने पर टिकट बांटे थे, लेकिन हार गए।

Rajasthan में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बुरा प्रदर्शन किया, इससे दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इन नेताओं के कहने पर पार्टी आलाकमान ने टिकट बाँटे थे, लेकिन उम्मीदवारों के अनुरूप परिणाम नहीं निकला। राहुल कस्वां का टिकट चूरू से काटा गया। देवेंद्र झाझड़िया ने उनकी जगह टिकट लिया। लेकिन हार हुई। इस प्रकार श्रीगंगानगर से निहाल चंद मेघवाल का टिकट काटा गया। यहीं से कांग्रेस के कुलदीप ने इंदौर का चुनाव जीता। सियासी विश्लेषकों का कहना है कि राजेंद्र सिंह राठौड़ का राजनीतिक कैरियर खतरे में है क्योंकि उनका पहले विधानसभा और अब लोकसभा में बुरा प्रदर्शन हुआ है। राठौड़ स्वयं विधानसभा चुनाव हार गए थे। चूरू में बीजेपी हार गई। बीजेपी के बागी रहे सांसद राहुल कस्वां टिकट काटने के लिए सीधे तौर पर राजेंद्र राठौड़ को जिम्मेदार ठहरा रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि ये नेता राजनीतिक संकट के कगार पर खड़े है। इन नेताओं को उभरने में समय लग सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता सतीश पूनिया, वसुंधरा राजे सिंधिया और राजेंद्र सिंह राठौड़ के राजनीतिक कैरियर पर संदेह है। पार्टी में उनकी क्या भूमिका होगी, इस पर कई बहस हो रही है। बीजेपी नेता चिंतित हैं क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुप हैं। पहले माना जाता था कि वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। झालावाड़ में दुष्यंत सिंह ने लगातार पांचवी बार जीत हासिल की है। फिलहाल वसुंधरा राजे पूरी तरह से चुप हैं। माना जाता है कि वसुंधरा राजे राजस्थान छोड़ना नहीं चाहती। वसुंधर राजे ने केंद्रीय सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। विधानसभा चुनाव में राजस्थान बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी हार मिली है। पार्टी अध्यक्ष ने पूनिया को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया। लेकिन हरियाणा में बीजेपी ने इस खराब प्रदर्शन किया है

हरियाणा में चुनाव होने वाले हैं। यह सतीश पूनिया की असली जांच होगी। लेकिन हरियाणा की राज्यसभा सीट पर चुनाव होने हैं। संख्या गणित बीजेपी के पक्ष में नहीं है। यदि कांग्रेस राज्यसभा की सीट जीत लेती है तो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के बड़ा झटका माना जाएगी। हालांकि, बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहा है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे ही लड़े गए थे। ऐसे में हार के लिए राजेंद्र सिंह राठौड़ या सतीश पूनिया को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते है। जानकारों का कहना है कि राजस्थान भाजपा के नेताओं में बढ़ती हुई गुटबाजी के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। चार चुनाव से भारतीय जनता पार्टी का राजस्थान में चुनावी चेहरा रही वसुंधरा राजे को इस चुनाव में तवज्जो नहीं मिली।

 

 

 

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