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Rajasthan News: राजस्थान में विद्युत और पेयजल संकट के कारण कांग्रेस ने बीजेपी को घेर लिया है। पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल से मुलाकात की। डोटासरा ने कहा कि गर्मी से हुई मौतें गंभीर नहीं हैं।
राजस्थान में बिजली और पेयजल की कमी के कारण कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल से मुलाकात की और दखल देने की मांग की। “मुख्यमंत्री, मंत्री और नौकरशाही में समन्वय नहीं है, जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है,” प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा। मुख्यमंत्री और मंत्री देश भर में घूम रहे हैं, जबकि लोग भारी गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच पानी-बिजली के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। मंत्री विवादास्पद बयानबाजी कर रहे हैं। PCHD मंत्री ने जो बयान दिया, उससे लगता है कि उन्होंने जनता की चिंता को अनदेखा किया।उन्होंने सरकार को औचक निरीक्षण की घोषणा की। इसीलिए आज राज्यपाल से मिलकर दखल देने और जनता को राहत देने की मांग की है।
मौतों पर भी गंभीर नहीं है सरकार
डोटासरा ने कहा कि राज्य में गर्मी से मौत के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन मंत्रियों के बयान इसे लेकर सरकार कितनी संवेदनशील है। मंत्री कहते हैं कि छह लोग मर गए हैं। कोई कहता है कि एक व्यक्ति मर गया, और कोई कहता है कि कोई नहीं मर गया। उन्होने सरकार को चेताया कि अगर जनता की समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया, तो कांग्रेसी लोग सड़क पर उतरकर सरकार को घेरेंगे। कांग्रेस इस मुद्दे पर बहुत कुछ करेगी। डोटासरा ने राज्यपाल से मुलाकात में फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की। वे कहते हैं कि सरकार चाहे किसी की भी हो, फर्जी डिग्री से नौकरी मिली है। यह मेहनत करने वाले युवा लोगों का नुकसान करता है। चाहे नौकरी अभी शुरू हुई हो या पहले। ऐसे कर्मचारियों को निकाला जाना चाहिए।भाजपा सरकार में कई लोग एक दूसरे को बदनाम करने में लगे हुए हैं। उनमें इसी बात की होड़ है। डोटासरा ने कहा कि भाजपा नेता इसे छोड़ दें।
सस्ती लोकप्रियता बटोर रहे हैं सीएम
डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मॉर्निंग वॉक के दौरान लोगों से मुलाकात पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना था कि यह सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने का साधन है। मुख्यमंत्री को भारत यात्रा से लौटकर जनता की सेवा करनी चाहिए। फोटो खिंचवाना कुछ नहीं करेगा। उन्हें राजस्थान की जनता ने पांच साल का समय दिया है, लेकिन वे काम नहीं कर रहे हैं। वे कहते थे कि गर्मी की शुरुआत से पहले ही उचित इंतजाम करना चाहिए था और गर्मी में पानी को लेकर कंटीजेंसी योजना बनाना चाहिए था, लेकिन आपसी विवाद के चलते वे योजना तक नहीं बना पाए।