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District Collector : सहमति और समझाइश से जिला प्रशासन ने शुक्रवार को खुलवाए 41 रास्ते
- अभियान के तहत 4 सप्ताह में 173 रास्ते खोल कर आमजन को दिलाई राहत
District Collector डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर शुरू हुआ रास्ता खोलो अभियान के तहत शुक्रवार को जिला प्रशासन ने सहमति एवं सहयोग से 41 रास्ते खुलवाए। 15 नवंबर को शुरू हुए रास्ता खोलो अभियान के अंतर्गत विगत 4 सप्ताह में जिला प्रशासन को जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण में 173 रास्तों को खुलवाने में सफलता मिली है।
अतिरिक्त District Collector एवं अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती सुमन पंवार ने बताया कि शुक्रवार को जिला प्रशासन की टीमों ने आमेर, आंधी, शाहपुरा, जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल, फुलेरा, रामपुरा-डाबड़ी, चौमूं, सांगानेर, माधोराजपुरा तहसील में 3-3 रास्ते खुलवाए। तो वहीं, तुंगा, जालसू और कोटखावदा तहसील में 2-2 साथ ही, जयपुर, कालवाड़, जमवारामगढ़, बस्सी और चाकसू तहसील में एक-एक रास्ता खुलवाया गया।
अतिरिक्त District Collector ने बताया कि किशनगढ़-रेनवाल के डूंगरसी का बास गावं में 45 सालों से बंद रास्ता, कोढी गांव में 35 सालों से बंद रास्ता तो वहीं, सांगानेर तहसील के नरवरिया गांव में 25 साल से बंद और झुंड गांव में दो दशकों से बंद रास्ते को खुलवाया गया। जयपुर के जयपुरियों का बास गांव में 2 महीनों से बंद रास्ता खुलने से करीब 1500 ग्रामीणों और सांभरलेक के रसूलपुरा गांव में 5 सालों से बंद रास्ते के खुलने से एक हजार से अधिक ग्रामीणों की राह आसान हुई है। जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर रास्ता खोलो अभियान के तहत बरसों से बंद रास्ते खुले तो ग्रामीण जिला कलक्टर और जिला प्रशासन का आभार जता रहे हैं।
उन्होंने बताया कि District Collector डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को रास्ता खोलो अभियान के तहत बंद रास्ते खुलवाए जाने के पश्चात खोले गए रास्तों पर ग्रेवेल, सी.सी. रोड़ बनवाये जाने की कार्यवाही भी जल्द से जल्द अमल में लाने के निर्देश दिये हैं, इन निर्देशों की अनुपालना में अधिकांश स्थानों पर ग्रेवल रोड बनाने की कार्यवाही भी आरंभ की जा चुकी है। वहीं, जिन रास्तों के वाद न्यायालय में विचाराधीन है परिवादियों द्वारा संबंधित न्यायालय से ही अनुतोष प्राप्त किया जाएगा।
District Collector ,ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं। रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं। ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया गया।