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मनजिंदर सिंह सिरसा: सिखों के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा

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मनजिंदर सिंह सिरसा: सिखों के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सिख कौम विश्व भर में लोकप्रिय है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सिख कौम विश्व भर में लोकप्रिय है। सिख कौम का वर्चस्व गुरु साहिबान की अपार कृपा और सिखों की मेहनत का परिणाम है। वह हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी कुरुक्षेत्र के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन सिंह सहगल, धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल और प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना की अगुवाई में सिखों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर रहे थे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका भी इस मौके पर उनके साथ थे।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि देश भर में सबसे अधिक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने शुरू से ही शिक्षा पर अत्याचार किया है, लेकिन भाजपा ने हमेशा शिक्षा कौम को साथ लेकर चली है। उन्होंने हरियाणा कमेटी के पदाधिकारियों और उनके साथ पहुंची सिख संगत को यकीन दिलाया कि शिक्षा का मान-सम्मान किसी भी तरह से नहीं गिरेगा। भाजपा भविष्य में भी कौम के हित में कल्याणकारी कार्यक्रमों को चलाने के साथ-साथ उनकी जायज मांगों को पूरा करेगी। दिल्ली में हुई बैठक में, हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने बताया कि प्रदेश के सिखों के धार्मिक मुद्दों पर चर्चा हुई।

हरियाणा कमेटी ने बंदी सिखों को रिहा करने की मांग की, साथ ही राजनीतिक स्तर पर भी सिखों का हक देने की मांग की। प्रधानमंत्री ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय सचिव से भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रदेशवासियों को उनका हक मिलने की मांग की गई है। एचएसजीएमसी के प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि हरियाणा में पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा देने का मुद्दा लंबे समय से चल रहा है। समय-समय पर सरकारों ने सिखों की मातृभाषा को प्रदेश में दूसरी भाषा का दर्जा देने का दावा किया है, लेकिन व्यापक रूप से इसे लागू करने के लिए कोई सरकार ने कदम नहीं उठाया।

उनका कहना था कि प्रदेश में लगभग 1640 प्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें बच्चे पंजाबी पढ़ना चाहते हैं, इसलिए पंजाबी भाषा के प्राध्यापकों और अध्यापकों की आवश्यकता है। इसके साथ ही पंजाबी भाषा को तीसरी कक्षा से दोनों निजी और सरकारी स्कूलों में लागू किया जाए। कनिष्ठ उपप्रधान संस्था बीबी रविंदर कौर, महासचिव सुखविंदर सिंह मंडेबर, संयुक्त सचिव गुलाब सिंह मुनक, कार्यकारिणी समिति के मैंबर टीपी सिंह, जत्थेदार जगसीर सिंह मांगेआना, सुदर्शन सिंह गावड़ी, जत्थेदार बलदेव सिंह खालसा, तरविंदरपाल सिंह नारनौल, मैंबर हरबंस सिंह कडकौली, हरभजन सिंह राठौर, साहब सिंह चक्कू, बीबी राणा कौर भट्टी समेत अन्य मैंबर एवं सिख संगत मौजूद रही।

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