Governor Haribhau Bagde ने सोमवार को किशनगढ़ में आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज के अवतरण दिवस पर पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया।
श्री बागडे ने आचार्य श्री सुनील सागर जी के अवतरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें प्रणाम निवेदित करते हुए कहा कि संत-महात्मा जीवन की सार्थकता के संवाहक है। सुख इस बात में नहीं है कि हम जीवन में सुख सुविधाओं का उपभोग करते हैं। इस बात में है कि हम जीवन की सार्थकता को जीते है।
उन्होंने कहा कि साधु-साधवी जीवन के प्रेरणा स्रोत होते है। समाज में उनकी उपस्थिति से ही यह जीवन धन्य होता है। उन्होंने आचार्य श्री सुनील सागर जी को तपस्वी बताते हुए कहा कि उनके कर्म आदर्श का अनुपम उदाहरण है। इस अवसर पर सभी को उनके बताए उपदेशों, आदर्श और तपस्या के उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्री बागडे ने कहा कि आचार्य सन्मति सागर जी से 11 वर्ष की आयु में ही दीक्षा- शिक्षा लेकर आचार्य सुनील सागर जी जीवन के सर्वोत्कृष्ट पद पर बैठे हैं। आपने जिस मनोयोग से, तपोयोग से और अपने शुभ उपदेशों से इस पद को शोभित किया, वह वंदनीय है। उन्होंने अहिंसा, सदाचार, सत्य, शाकाहार को अपनाने, भगवान महावीर के ‘जियो और जीने दो’ के संदेश को आत्मसात कर जीवन को धन्य करने का आव्हान किया।
राज्यपाल श्री बागडे ने जैन तीर्थंकर आचार्य ऋषभ देव सहित 24 तीर्थंकरो और उनके उपदेशों पर भी चर्चा कर आदर्श जीवन जीने पर जोर दिया। राज्यपाल ने आचार्य सुनील सागर जी के 47 वें अवतरण दिवस पर उनके दीर्घायु होने, स्वस्थ और सम्पन्न जीवन जीने की कामना की। उन्होंने कार्यक्रम में ”महासाहू दिगम्बरा”, ”कन्या बने कनक” और ”जैनाचार विज्ञान” पुस्तक का लोकार्पण भी किया।
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