DELHI NEWS :7 से अधिक रिक्टर स्केल का भूकंप कितना विनाशकारी? अगर दिल्ली में आया तो क्या हो सकते हैं इसके असर…

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DELHI NEWS :7 से अधिक रिक्टर स्केल का भूकंप कितना विनाशकारी? अगर दिल्ली में आया तो क्या हो सकते हैं इसके असर…

DELHI NEWS : म्यांमार, थाईलैंड और बैंकॉक में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। ऐसे में अगर दिल्ली में 7+ रिक्टर स्केल का भूकंप आता है, तो इसका प्रभाव कितना भयावह हो सकता है? यह कितना विनाशकारी साबित हो सकता है? जानिए दिल्ली के वे इलाके जहां भूकंप का खतरा सबसे अधिक है, साथ ही भूकंप से बचाव के जरूरी उपाय।

दिल्ली में 7+ तीव्रता का भूकंप आया तो कितना विनाशकारी होगा?

फरवरी 2025 में दिल्ली में महज 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन इससे ही हड़कंप मच गया था। ऐसे में कल्पना कीजिए, अगर म्यांमार, थाईलैंड और बैंकॉक की तरह 7.7 या 8.7 रिक्टर स्केल का भूकंप राजधानी में आ जाए तो क्या हाल होगा? क्या गगनचुंबी इमारतें देखते ही देखते जमींदोज़ हो जाएंगी? वैसे भी दिल्ली के कई इलाके उन जोन में आते हैं, जहां भूकंप का खतरा सबसे अधिक रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 7 से अधिक तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक हो सकता है?

7+ तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक होता है?

सबसे पहले समझते हैं कि 7 से अधिक तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक हो सकता है। म्यांमार, बैंकॉक और थाईलैंड में इसका हाल ही में भयावह असर देखा गया। यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि 7+ तीव्रता का भूकंप भारी तबाही मचाता है। इससे इमारतें गिर जाती हैं, धरती बुरी तरह हिलने लगती है, सड़कें टूट जाती हैं और सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप हो जाता है। ऐसे भूकंप के कारण जान-माल की व्यापक हानि होना तय माना जाता है।

अगर दिल्ली में 7+ तीव्रता का भूकंप आया तो क्या होगा?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर दिल्ली में 7 से अधिक तीव्रता वाला भूकंप आता है, तो उसके क्या प्रभाव होंगे? म्यांमार, थाईलैंड और बैंकॉक में आए भूकंप के कारण पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है।अगर दिल्ली में 7 रिक्टर स्केल से अधिक का भूकंप आता है, तो यह बेहद विनाशकारी साबित होगा। इससे बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि होगी, इमारतें कुछ ही पलों में धराशायी हो जाएंगी, और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

दिल्ली में भूकंप से तबाही क्यों होगी?

अगर राजधानी में 7+ तीव्रता का भूकंप आता है, तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण घनी आबादी और खुले मैदानों की कमी होगी। भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए खुले स्थानों में जाने की सलाह दी जाती है, लेकिन दिल्ली में ऐसे मैदानों की संख्या बहुत सीमित है। ऐसे में, लोगों के पास सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के ज्यादा विकल्प नहीं होंगे। ऊपर से ऊंची-ऊंची इमारतों के गिरने का खतरा भी बढ़ जाएगा, जिससे तबाही की भयावहता और भी बढ़ सकती है। अगर कोई खुली सड़क पर भी हो, तो आसपास की इमारतें गिरने का खतरा बना रहेगा।

दिल्ली के सबसे अधिक भूकंप प्रभावित क्षेत्र

क्या आप जानते हैं कि दिल्ली के कुछ इलाके भूकंप के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं?  यमुना नदी के किनारे बसे क्षेत्र सबसे अधिक भूकंप प्रभावित जोन में आते हैं। इनमें बुराड़ी, सरिता विहार, दिल्ली यूनिवर्सिटी का नॉर्थ कैंपस, गीता कॉलोनी, शकरपुर, पश्चिम विहार, जनकपुरी, सोनिया विहार, करोल बाग, रोहिणी, रिठाला, जहांगीरपुरी, बवाना और वजीराबाद सहित आसपास के इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों में भूकंप आने की संभावना अधिक होती है, जिससे यहां रहने वाले लोगों के लिए खतरा भी ज्यादा बना रहता है।

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