Home राज्यउत्तर प्रदेश CM Yogi ने दो टूक में कहा कि जब फरियादी परेशान हुए तो अफसर जिम्मेदार हैं; प्रमाण पत्रों को लेकर ये आदेश

CM Yogi ने दो टूक में कहा कि जब फरियादी परेशान हुए तो अफसर जिम्मेदार हैं; प्रमाण पत्रों को लेकर ये आदेश

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CM Yogi ने दो टूक में कहा कि जब फरियादी परेशान हुए तो अफसर जिम्मेदार हैं; प्रमाण पत्रों को लेकर ये आदेश

CM Yogi ने कहा कि अफसरों को फरियादियों को परेशान करने पर सीधे उत्तरदायित्व होगा। CM ने आय, जाति और निवास के दस्तावेजों को पाने में आम लोगों को होने वाली बाधाओं को दूर करने का आदेश दिया है।

CM Yogi ने राज्य के अधिकारियों को दो टूक संदेश दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि थानों और तहसीलों में फरियादियों की शिकायतों को गंभीरता से सुनें। जांच पूरी होने पर उनके मामलों का सही तरीके से समाधान करें। फरियादियों को परेशान करने पर अफसर सीधे उत्तरदायी होंगे। CM ने आय, जाति और निवास के प्रमाणपत्रों को प्राप्त करने में आम लोगों को होने वाली बाधाओं को दूर करने का आदेश दिया है। उन्‍होंने कहा कि किसी को इन प्रमाण पत्रों को जारी करने में परेशान नहीं किया जाएगा। CM ने कहा कि भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। गोंड जाति से संबंधित जाति प्रमाण-पत्रों को खास ध्यान देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ के कलक्ट्रेट सभागार में मंडलीय समीक्षा बैठक में कहा कि तहसीलों में लोगों के काम नहीं करने वाले लेखपाल, कानूनगो और एसडीएम के खिलाफ जिलाधिकारी कार्रवाई करें। उनके काम की देखभाल करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी फरियादी को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। कानून और नियमों के अनुसार उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। योगी ने आजमगढ़, मऊ और बलिया जिलों के कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही करना नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद शहर के पास हरिहरपुर गांव में बन रहे संगीत महाविद्यालय की जांच की। निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में उन्होंने कार्यदायी संस्था के अफसरों से पूछा।

राजस्व वाद को तीन महीने में समाप्त करें

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजस्व आवेदनों को 45 दिन से अधिक लंबित नहीं किया जाना चाहिए। धारा 67, 80, 34 और अन्य वाद जो एक से पांच वर्ष से लंबित हैं, अभियान चलाकर अगले तीन महीने के अंदर समाप्त करें।

मुख्यमंत्री ने कलक्ट्रेट में समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि पैमाइश के मामले समयसीमा के अंदर समाप्त कर दिए जाएं। तीनों जिलों के जिलाधिकारी को प्रत्येक विवाद को खुद देखने और हल करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसीलों से आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र समय सीमा के भीतर जारी किए जाएं। भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करें। गोंड़ जाति से संबंधित जाति प्रमाण पत्र को खास तौर पर देखें। सड़कों, पटरियों और नालों पर अतिक्रमण न हो। सड़क किनारे पटरियों पर दुकान लगाने वाले रेहड़ी दुकानदारों के लिए अलग से स्थान निर्धारित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों की स्थापना, पर्याप्त नावों और पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे हर तीन महीने एक रोजगार मेले का आयोजन करेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी पीएचसी और सीएचसी में जन आरोग्य मेला लगाने का आदेश दिया। उसने कहा कि हर दिन अफसर कार्यालय में समय से बैठें और जनता की शिकायतों को समय पर सुनें। मंडल के तीनों जिलाधिकारियों को मिशन मोड में काम करने का आदेश दिया गया था। विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करें। प्रत्येक सप्ताह, नोडल अधिकारी विकास कार्यों का निरीक्षण करें।

पशु आश्रय स्थानों पर पर्याप्त चारे की सुविधा हो

मुख्यमंत्री ने तीनों जिलों के पशु चिकित्साधिकारियों को पशुओं को टीकाकरण करने और वर्षों को चिह्नित करने का आदेश दिया। उनका कहना था कि निराश्रित गोवंशों को बचाने के लिए गोचर भूमि पर हरे चारे की बुवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, पशु आश्रय स्थलों में पर्याप्त मात्रा में साफ पानी, भूसा और सफाई की सुविधा होनी चाहिए। उनका कहना था कि पशु चिकित्सकों को पशुओं को टीकाकरण करने के लिए नियमित रूप से गोआश्रय स्थलों पर जाना चाहिए। तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें अगर कोई घटना सामने आती है। CM ने डीएम को आजमगढ़ के मेंहनगर में मवेशियों की मौत की जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

परियोजनाओं को नोडल अफसर से निगरानी कराएं

CM ने कहा कि बड़ी योजनाओं की नियमित निगरानी की जाएगी। हर परियोजना को एक विशिष्ट नोडल अधिकारी नियुक्त करें। हर सप्ताह उनसे प्रगति की रिपोर्ट ली जाए। हर 15 दिन पर वरिष्ठ अधिकारी परियोजनाओं की समीक्षा करें। उनका कहना था कि सभी परियोजनाएं समय सीमा में पूरी होनी चाहिए। गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दें। कोई भी काम विलम्ब नहीं होना चाहिए।

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