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CM Yogi: यूपी की योगी सरकार ने चित्रकूट में स्कूली बसों की फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने की लापरवाही पर कार्रवाई की है।
CM Yogi: जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को तुरंत निलंबित कर दिया गया, और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। CM योगी ने भ्रष्टाचार और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी सरकारी काम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। हाल ही में, योगी सरकार ने चित्रकूट जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को तुरंत निलंबित कर दिया और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. स्कूल बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं देने पर भी कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री योगी ने सभी अधिकारियों को कहा है कि सरकारी कामों में किसी भी तरह की हीलाहवाली नहीं की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं, खासतौर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर।
2 घंटे तक बसें पुलिस की लाइन में खड़ी रही
वास्तव में, जनपद चित्रकूट के श्रीजी इंटर कॉलेज से छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आ रही दो बसों को सहायक संभागीय परिहन अधिकारी (प्रवर्तन) चित्रकूट की टीम ने सीज करके बच्चों को 10 किमी दूर पुलिस लाइन ले जाया गया। वाहन को 11:15 बजे सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल किया गया व 13:05 बजे छोड़ा गया। इसके चलते करीब दो घंटे तक बस को खड़ा रखा गया।
चित्रकूट जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को बताया गया था कि वे सभी स्कूलों में जाकर स्कूली बसों को फिटनेस चेक करने के लिए कहा गया था, लेकिन वे इस निर्देश को नहीं मानते थे, इसलिए दोनों बसों का फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं हो पाया। ऐसे में बच्चों को भी परेशानी हुई, क्योंकि वाहनों को सीज करना पड़ा।
मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई
योगी सरकार ने बुधवार को मामले की जानकारी मिलने पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की। इसके परिणामस्वरूप, प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाए जाने पर संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
साथ ही, मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। प्रदेश के परिवहन विभाग के सभी कर्मचारियों को भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।