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Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने भी वनाग्नि के झूठे दावे पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी
गुरुवार को उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने भी वनाग्नि के गलत आंकड़ों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वर्चुअल बैठक में जानकारी दी, जिसे केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने अध्यक्षता की। उनका कहना था कि राज्य में पिछले 24 घंटे में केवल 25 आग की घटनाएं हुईं। 52 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल जला हुआ है।
उत्तराखंड के जंगलों में फैल रही आग को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य के अफसरों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान, मुख्य सचिव रतूड़ी ने बताया कि पिछले दो दिनों से वनाग्नि की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है। उन्हें बताया गया कि वनाग्नि ने 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित किए हैं। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जंगलों की आग पर नियंत्रण करने के लिए समीक्षा बैठकों और नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार और प्रशासन ने अपनी पूरी शक्ति वनाग्नि नियंत्रण में लगा दी।
पीसीसीएफ (हॉफ) भी वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ निगरानी कर रहे हैं और सभी डिवीजनों से आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ले रहे हैं। मुख्यालय स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस क्षेत्र में नियुक्त किया गया है। मौसम ने भी वनाग्नि को नियंत्रित किया है।
केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार वनाग्नि नियंत्रण में हर संभव मदद करेगी। प्रमुख सचिव आरके सुंधाशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा और अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बैठक में भाग लिया।
ग्रामीणों का सहयोग भी अहम
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबंधन समितियों, महिला मंगल दलों और युवा मंगल दलों को आग पर नियंत्रण के बारे में जागरूक किया गया था। उनकी सहायता से भी गांवों के आसपास के जंगलों में वनाग्नि को नियंत्रित किया गया है। बताया कि वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और जानबूझकर जंगलों में आग लगाने पर राज्यभर में अब तक वन अधिनियम के तहत 417 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिनमें से 356 लोग अभी भी अज्ञात हैं, और 61 मामलों में 75 लोग नामजद हैं। वहीं पुलिस ने 13 मामले दर्ज किए और 10 लोगों को गिरफ्तार किया।
वनाग्नि पर बड़े अफसरों की जिम्मेदारी तय हो : दिलीप
भाजपा के लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने वनाग्नि मामले में वन विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों की कार्रवाई पर सवाल उठाया। गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कहा कि विभाग के बड़े अधिकारियों को वनाग्नि मामले में जवाब देना चाहिए। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक दिलीप रावत ने कहा कि वन विभाग के छोटे कर्मचारियों को ही वनाग्नि का दोषी ठहराया जा सकता है। लंबे समय से विभाग में छोटे कर्मचारियों की कमी है, उन्होंने कहा। विधायक दिलीप ने बताया कि अंग्रेजों ने जंगलों को आग से बचाने के लिए फायर लाइन बनाई। लेकिन यह आज नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधायक दिलीप रावत ने पत्र में उठाए गए मुद्दों पर विचार किया जाएगा। लापरवाही करने वाले छोटे से बड़े सभी अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।