Budget 2024: 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छा अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि शहरीकरण की तेजी के कारण घरों की मांग बढ़ सकती है।
Budget 2024: 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छा अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि शहरीकरण की तेजी के कारण घरों की मांग बढ़ सकती है। पुरानी बंद परियोजनाओं को, हालांकि, एक “चुनौती” बताया गया है। “पिछले दशक में रियल एस्टेट और आवास के स्वामित्व का योगदान समग्र जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) में सात प्रतिशत से अधिक रहा है, जो अर्थव्यवस्था में उनकी अभिन्न भूमिका को दर्शाता है,” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2023-24 में कहा।समीक्षा दस्तावेज ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र का परिदृश्य उत्साहजनक है।’’ आवास उद्योग बढ़ते शहरीकरण के साथ बड़े बदलाव के लिए तैयार है।‘’
आधी आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी
इसमें कहा गया है कि 2050 तक भारत की आधी आबादी शहरी क्षेत्रों में रहेगी, जबकि 2011 में 31 प्रतिशत लोग ऐसे थे। घरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नीतियों और रणनीतियों को संशोधित करने की जरूरत पर बल दिया गया है, साथ ही सुलभ, लागत प्रभावी तथा निरंतर समाधान भी प्रदान करने की जरूरत है। समीक्षा में कहा गया है कि पुरानी ठहरी रियल एस्टेट परियोजनाएं एक चुनौती हैं।’’
आंकड़े क्या हैं?
भारतीय बैंक संघ (IBA) का अनुमान है कि लगभग 4.1 लाख आवासीय यूनिट्स संकटग्रस्त हैं। इसका मूल्य चार लाख एकड़ है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने और इस समस्या को हल करने के लिए एक समिति बनाई है। समिति ने कई सुझाव दिए हैं और वित्तीय व्यवहार्यता की कमी को तनाव का मुख्य कारण बताया है, जिससे देरी और लागत में वृद्धि होती है।
2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू)) भी आवास क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने वाले कई कारकों में से एक है। यह सतत आवास सुनिश्चित करने के लिए शहरी लाभार्थियों के लिए 1.2 करोड़ से अधिक मकान अप्रूव किए गए हैं। निर्माण अनुमोदन के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली लागू करने से निर्माण प्रक्रिया तेज होगी, जिससे देरी और अनिश्चितता कम होगी। इसमें कहा गया, ‘‘ भविष्य में आवास की मांग सामर्थ्य और ऋण तक बढ़ती पहुंच से प्रेरित होने की उम्मीद है।’’’