BCCI के नए नियम से खिलाड़ियों के लिए चिंता का कारण बन सकता है,उनकी सैलरी में कटौती हो सकती है।

BCCI भारतीय खिलाड़ियों के लिए नया नियम लाने वाला है, जो भारतीय खिलाड़ियों के लिए भी एक झटका साबित हो सकता है।

BCCI  : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज हारने के बाद टीम इंडिया कठिन दौर से गुजर रही है। कंगारू टीम से शर्मनाक हार के बाद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI ) के अधिकारियों ने 11 जनवरी को मुंबई में एक समीक्षा बैठक की। टीम में बड़े बदलावों की चर्चा के बीच, BCCI खिलाड़ियों के लिए एक नया प्लान लागू करने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत बोर्ड को खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर उसकी सैलरी में कटौती करने की अनुमति मिल सकेगी।

न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार को देखते हुए बोर्ड एक ऐसा सिस्टम लागू करने पर विचार कर रहा है, जिसमें खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर इनाम मिलें, और खराब प्रदर्शन पर उनकी सैलरी में कटौती की जाए। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, BCCI के नए सचिव देवजीत सैकिया और कोषाध्यक्ष प्रभतेज सिंह भाटिया के आने के साथ यह नई व्यवस्था लागू होने जा रही है, जिससे BCCI के कामकाज और खिलाड़ियों से निपटने के तरीके में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिनमें से एक बदलाव प्रदर्शन आधारित सैलरी का भी होगा।

BCCI ने पहले ही प्रदर्शन आधारित सिस्टम लागू किया हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, यह सुझाव दिया गया है कि खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए, और अगर उनका प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होता, तो उनकी सैलरी में कटौती की जाए। भारतीय क्रिकेट में पहले से एक प्रदर्शन आधारित सिस्टम लागू है, जिसके तहत 2022-23 सीजन से अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में 50 प्रतिशत से ज्यादा टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनता है, तो उसे प्रति मैच 30 लाख रुपये का इंसेंटिव मिलेगा। वहीं, अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में कम से कम 75 प्रतिशत मैचों में खेलता है, तो उसे प्रति मैच 45 लाख रुपये मिल सकते हैं। BCCI ने यह पहल टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए शुरू की थी।

BCCI का टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टीम मैनेजमेंट को लगता है कि खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को उतना महत्व नहीं दे रहे हैं, जितना कि उन्हें देना चाहिए। इसी कारण BCCI ने सभी खिलाड़ियों से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि अगली पीढ़ी के खिलाड़ी व्हाइट बॉल क्रिकेट के मुकाबले टेस्ट क्रिकेट को ज्यादा महत्व दें।

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