सचिवालय में बुधवार को उत्तराखंड के CM Pushkar Singh Dhami ने वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
सचिवालय में बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। धामी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी इस काम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को पूरी तरह से रोकने के लिए सभी सचिवों को प्रत्येक जिले का काम देना चाहिए। उन्हें वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के दस कर्चारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है, जबकि कुछ अन्य को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वनाग्नि को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए आम लोगों का सहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने में शामिल किसी भी व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई की जाए। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम को कम करना चाहिए। वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए एक कारगर कार्यक्रम बनाया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए अधिक राशि दी जाए। धामी ने कहा कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की की कार्यवाही पूर्ण की जाय। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूरे किए जाएं।
उन्हें सभी पुराने ब्रिजों की सेफ्टी की जांच करने का आदेश दिया गया था। राज्य के सभी डैमों की गहराई और क्षेत्रफल को जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। साथ ही, डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा, जो उसने बनाया था और आज भी है।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए।