साथ ही, उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। शनिवार को देहरादून में 42.1 डिग्री सेल्सियस का तापमान हुआ। शनिवार रात दून में बारिश के बाद रविवार को तापमान कम हुआ।
उत्तराखंड के पहाड़ों पर बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों को गर्मी से कुछ राहत दी है। तापमान में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, विकासनगर और ऋषिकेश आदि शहरों में गिरावट दर्ज की गई है। वर्षा की कमी से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है।
विपरीत, उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान ने बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। शनिवार को देहरादून में 42.1 डिग्री सेल्सियस का तापमान हुआ। रविवार को, शनिवार रात दून में बारिश के बाद अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस था। बारिश के बाद लोगों को शायद गर्मी से कुछ राहत मिली है।
देहरादून में एक सप्ताह से पड़ रही भारी गर्मी से रविवार को कुछ राहत मिली है, जहां पारा 40 से नीचे आया है। आठवें दिन तापमान 40 डिग्री से कम हो गया है। रविवार को दून में सामान्य से दो डिग्री अधिक तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस था। रविवार को शनिवार से साढ़े तीन डिग्री कम तापमान था।
26 मई से 1 जून तक तापमान 40 डिग्री से अधिक रहता था। 31 मई को 43.2 डिग्री सेल्सियस का सर्वकालिक रिकॉर्ड भी बनाया गया था। रविवार की सुबह पिछले एक सप्ताह से कुछ कम गर्मी थी। दोपहर में तेज धूप से उमस और गर्मी हुई।
लेकिन हवा चलने से चिलचिलाती गर्मी नहीं हुई। शनिवार रात को मोहकमपुर में 17.1 मिलीमीटर, जौलीग्रांट में 4.3 मिलीमीटर, यूकॉस्ट में आठ मिलीमीटर, मोहकमपुर में सात मिलीमीटर, विकासनगर में 5.5 मिलीमीटर और जौलीग्रांट में 3.5 मिलीमीटर बारिश हुई।
अब दून में गर्मी से कुछ राहत मिली है। न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस था। जो 26 से 28 डिग्री पर था। कई क्षेत्रों में रात को पंखे पर काम चलता था। लोगों को एसी और कूलर बंद करने पड़े।
रविवार को पहाड़ों में बारिश के बाद हरिद्वार में अधिकतम तापमान दो डिग्री गिरने से फौरी राहत मिली है। अभी भी गर्मी है। 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के कारण शहर की सड़कों और ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
रविवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस था। शनिवार को 42 डिग्री सेल्सियस का तापमान था। ग्रामीण क्षेत्रों में चिलचीलाती गर्मी का प्रभाव अधिक है। ग्रामीण सड़कों और देहात के बाजारों में सुबह ग्यारह बजे से शाम चार बजे तक सन्नाटा छाया रहता है।
बीते दो सप्ताह से शहर से गांव तक लोग लू और गर्मी से परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर पेड़ों की छांव तलाशते नजर आते हैं। बिजली और पंखा होने के बावजूद गर्मी और लू ने लोगों को बर्बाद कर दिया है।
खेत खलियानो में काम करने के लिए मजदूर से कामगार की तुलना में अधिक कठिन है। सब लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं। प्रयाप्त सिंचाई की कमी से फसल सूखने लगी है। साथ ही, प्रशासन ने तेज धूप से बचने और घर से बाहर न निकलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
लालढांग क्षेत्र के ग्रामीण जमींदार तेजेंद्र सिंह, जसविन्द्र सिंह, बाबूराम, संदीप सिंह, जीत सिंह और जयपाल नरेश ने बताया कि इस बार बहुत गर्मी और लू हुई है। पानी नलों में सूखने लगा है। प्राकृतिक जल स्रोत सूख गए हैं, और इन दिनों लू और गर्मी से सभी लोग बेहाल हैं।