Home राज्यदिल्ली Sonam Wangchuk किस मांग को लेकर लद्दाख से दिल्ली पहुंचे, पुलिस ने हिरासत में ले लिया

Sonam Wangchuk किस मांग को लेकर लद्दाख से दिल्ली पहुंचे, पुलिस ने हिरासत में ले लिया

by ekta
Sonam Wangchuk किस मांग को लेकर लद्दाख से दिल्ली पहुंचे, पुलिस ने हिरासत में ले लिया

Sonam Wangchuk Detained:  दिल्ली पुलिस ने कहा कि सोनम वांगचुक को सिंघु बॉर्डर से वापस जाने को कहा गया था, लेकिन वह नहीं रुके, तो उनके साथ-साथ करीब 150 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

Sonam Wangchuk News: सोमवार, 30 सितंबर को देर रात दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित 150 लोगों को गिरफ्तार किया। लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक दिल्ली आ रहे थे, लेकिन हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। विरोध की आशंका को देखते हुए धारा 163 भी लगा दी गई है।

जानकारी के अनुसार, सोनम वांगचुक लद्दाख से दिल्ली तक पैदल मार्च करते हुए सिंघु बॉर्डर पार करने वाले थे। हिरासत में लिए गए लोगों को पुलिस वांगचुक सहित शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में भेज दिया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को वापस जाने को कहा गया, लेकिन वह नहीं रुके, तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिस ने वांगचुक सहित करीब 150 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर साधा निशाना

जलवायु कार्यकर्ता मंगलवार को राजघाट पर धरने पर बैठेंगे। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। “पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखयों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है.”

“लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्गों नागरिकों को दिल्ली बॉर्डर पर क्यों डिटेन किया जा रहा है?” उन्होंने पूछा। यह चक्रव्यूह और आपका अहंकार दोनों टूटेंगे, मोदी जी। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी.”

छठी अनुसूची क्या है?

सोनम वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है। ऐसे में छठी अनुसूची क्या है? दरअसल, संविधान का अनुच्छेद 244 देश में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम चार राज्यों की छठी सूची में हैं।

वहीं पांचवीं अनुसूची में अन्य राज्य शामिल हैं। छठी अनुसूची में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित विशेष प्रावधान है। इसके तहत प्रशासनिक, न्यायिक और विधायी जैसे कुछ मामलों पर कानून बनाने का भी अधिकार है।

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