VB : 10 राजपत्रित अधिकारी, 129 अराजपत्रित अधिकारी गिरफ्तार
- 32 पुलिसकर्मी और 24 राजस्व पटवारी गिरफ्तार
समाज से भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (VB ) ने रिश्वत मांगने वालों पर नकेल कसने और इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। इस अवधि के दौरान वीबी ने विभिन्न मामलों में रिश्वत लेते हुए 173 व्यक्तियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
आज यहां यह जानकारी देते हुए VB के मुख्य निदेशक-कम-विशेष डीजीपी वरिंदर कुमार ने कहा कि वीबी ने वर्ष 2024 के दौरान 134 ट्रैप मामलों में रिश्वत लेते हुए विभिन्न विभागों के 139 अधिकारियों और 34 निजी व्यक्तियों को काबू किया है। सभी प्रकार के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए ब्यूरो ने 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2024 तक 10 राजपत्रित अधिकारियों (जीओ) और 129 गैर-राजपत्रित अधिकारियों (एनजीओ) को काबू किया है।
विजीलैंस ब्यूरो (VB) के प्रमुख ने बताया कि वर्ष के दौरान अन्य विभागों के अलावा पंजाब पुलिस के 53, राजस्व विभाग के 33, बिजली विभाग के 9, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के 3, स्वास्थ्य विभाग के 8, स्थानीय निकाय विभाग के 18, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के 3 कर्मियों को अलग-अलग मामलों में रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया गया। इसके अलावा विजीलैंस ब्यूरो ने वन विभाग, श्रम, वित्त और परिवहन विभाग के दो-दो कर्मियों को भ्रष्टाचार के मामलों में काबू किया है। ब्यूरो की कारगुजारी के बारे में और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विजीलैंस ब्यूरो ने 29 जी.ओ., 117 एन.जी.ओ. और 117 निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के लिए 60 विजीलैंस जांचें भी दर्ज की गई हैं। इसके अलावा 3 एन.जी.ओ. के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के 3 मामले भी दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, 1 राजपत्रित अधिकारी और 1 गैर राजपत्रित अधिकारी को विजीलैंस ब्यूरो (VB)के मामलों का फैसला करते समय सक्षम अदालतों द्वारा दोषी ठहराए जाने के कारण उनके संबंधित प्रशासनिक विभागों द्वारा उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि ब्यूरो वर्ष के दौरान 71 सतर्कता जांचों को पूरा करने में सक्षम रहा है। डीजीपी विजीलैंस ब्यूरो ने विवरण साझा करते हुए कहा कि विभिन्न सक्षम अदालतों ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत ब्यूरो द्वारा दायर और लड़े गए 41 मामलों में 50 आरोपियों को सजा सुनाई है, जिसमें 3 जीओ, 31 एनजीओ और 16 निजी व्यक्ति शामिल हैं और उन्हें एक वर्ष से लेकर सात वर्ष तक की कैद की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि अदालतों ने इन मामलों में 5,000 रुपये से लेकर 5,00,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है, जो कुल 22,42,000 रुपये है। उन्होंने कहा कि सतर्कता ब्यूरो ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान जागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया है, जिसके तहत समाज से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सेमिनार तथा जनसभाएं आयोजित की गईं तथा ब्यूरो के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को ईमानदारी की शपथ भी दिलाई गई।
उन्होंने आगे बताया कि पिछले वर्ष भ्रष्टाचार के मामलों में जिन प्रमुख व्यक्तियों पर मामला दर्ज/गिरफ्तार किया गया है, उनमें आईएएस अधिकारी विनय बिबलानी, पीसीएस अधिकारी हरप्रीत सिंह सहायक श्रम आयुक्त होशियारपुर, एसीपी निर्देश कौर लुधियाना, कार्यकारी अभियंता रणबीर सिंह और राजिंदर सिंह, डीसीएफए पंकज गर्ग, सीटीपी पंकज बावा, बाजवा डेवलपर्स मोहाली के जरनैल सिंह बाजवा और मेडिकल अधिकारी डॉ. नरिंदर पाल सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, लुधियाना, फिरोजपुर और मोहाली में क्रमशः तैनात सभी बीडीपीओ गुरमुख सिंह, सरबजीत सिंह और कुलविंदर सिंह, डीएफएसओ बलदेव राज, तहसीलदार सुखचैन सिंह और लखविंदर सिंह, दीपक बिल्डर्स के दीपक कुमार सिंघल, अरविंदर सिंह मुख्य अभियंता, परमजीत सिंह और सरबराज कुमार दोनों कार्यकारी अभियंताओं को भी वर्ष के दौरान गिरफ्तार/मामला दर्ज किया गया