विधान सभा अध्यक्ष ने CM Yogi Adityanath को मूल भारतीय संविधान की एक प्रतिलिपि भेंट की
- विधायिका लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ, यह सदस्यों को विकास तथा जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती: मुख्यमंत्री
- सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष लोकतंत्र और विधायिका का आधार हम संवाद से हर समस्या के समाधान का रास्ता निकालेंगे
- विधानसभा अध्यक्ष ने उ0प्र0 विधानसभा को लोकतंत्र के एक सशक्त स्तम्भ के रूप में स्थापित करने तथा आधुनिकता से जोड़ने का कार्य किया
- देश की सबसे बड़ी विधानसभा को ई-विधान लागू करने का गौरव प्राप्त हुआ
- विधानसभा संचालन नियमों में समय अनुरूप संशोधन कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए
- सत्ता पक्ष या प्रतिपक्ष के सदस्यों को अपनी रुचि, पृष्ठभूमि तथा संवाद के अलग-अलग तरीके से विषयों को सदन में उठाने का अवसर मिला
- लोकतंत्र के इस मन्दिर के प्रति लोगों का अनुभव अच्छा हो, इस दृष्टि से दर्शक दीर्घा के सौंदर्यीकरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ
- चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र को सुदृढ़ किया जा सकता, विधानसभा जनता की आवाज उठाने का सबसे महत्वपूर्ण मंच: विधानसभा अध्यक्ष
- वर्तमान सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से अपने वादों को मूर्त रूप देने का कार्य किया जा रहा
CM Yogi Adityanath जी ने आज विधान सभा सत्र के अवसर पर विधानसभा की नवीनीकृत दर्शक दीर्घा का उद्घाटन किया। उन्होंने 02 पुस्तकों का विमोचन किया। विधान सभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने मुख्यमंत्री जी को मूल भारतीय संविधान की एक प्रतिलिपि भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधायिका लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। विधायिका एक तरह से मार्गदर्शिका है। यहां सभी सदस्य विधायी कार्यों से जुड़ते हैं। विधायिका सदस्यों को विकास तथा जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है। विधायिका समग्र विकास का रोडमैप तय करने का सशक्त माध्यम भी है।
CM Yogi ने कहा कि सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष लोकतंत्र और विधायिका का आधार हैं। यह लोकतंत्र के दो पहिए हैं। जब दोनों मिलकर कार्य करते हैं, तो एक सशक्त लोकतंत्र को जन्म देते हैं। इसका सशक्त माध्यम संवाद और चर्चा-परिचर्चा है। विभिन्न मुद्दों पर हमारा एक दूसरे से मतभेद हो सकता है, लेकिन संवाद की प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए। हम संवाद से हर समस्या के समाधान का रास्ता निकालेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने अपने पौने तीन वर्ष के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश विधानसभा को लोकतंत्र के एक सशक्त स्तम्भ के रूप में स्थापित करने तथा आधुनिकता से जोड़ने का कार्य किया है। देश की सबसे बड़ी विधानसभा को ई-विधान लागू करने का गौरव प्राप्त हुआ है। उत्तर प्रदेश विधानसभा पेपरलेस हुई है। इसके माध्यम से इसने ई-विधान को सफलतापूर्वक लागू करने का उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह हम सभी तथा प्रदेश की 25 करोड़ जनताके लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। विधानसभा के गलियारे के सौन्दर्यीकरण का कार्य
भी हुआ है।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि वर्ष 1952 में विधानसभा गठन के तत्काल बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा संचालन के जो नियम लागू हुए थे, उसमें समय के अनुरूप संशोधन नहीं हो पाए थे। यह कार्य भी इस दौरान सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए और उन्हें लागू किया गया। प्रश्न काल में अब प्रश्न पूछने वाले सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई है। अब अधिक सदस्य मंत्रिगण से अपना प्रश्न पूछ सकते हैं और सदस्यों को उनके उत्तर भी तत्काल प्राप्त होते हैं। यही एक वास्तविक लोकतंत्र है कि कोई सदस्य सम्बन्धित विभाग के मंत्री से लोकहित से जुड़े मुद्दों के सम्बन्ध में प्रश्नों के जवाब प्राप्त करता है। यह कार्य तब हो पाये, जब विधानसभा ने विधानसभा संचालन के नियमों में संशोधन करके यथासमय उन्हें लागू भी किया।
CM Yogi ने कहा कि श्री सतीश महाना के कार्यकाल में ही सत्ता पक्ष या प्रतिपक्ष के सदस्यों को अपनी रुचि, पृष्ठभूमि तथा संवाद के अलग-अलग तरीके से विषयों को सदन में उठाने का अवसर मिला। सदन में एक दिन का समय केवल महिला सदस्यों के लिए आरक्षित किये जाने का कार्य भी किया गया। यह विधानसभा प्रदेश के 25 करोड़ लोगों की आवाज, लोकतंत्र का आधार तथा पवित्र मंदिर है। दर्शक दीर्घा के माध्यम से लोगों को सत्ता पक्ष और विपक्ष के मुद्दों को जानने और समझने का अवसर प्राप्त होता है। लोकतंत्र के इस मन्दिर के प्रति लोगों का अनुभव अच्छा हो सके, इस दृष्टि से दर्शक दीर्घा के सौंदर्यीकरण का कार्यक्रम भी आज सम्पन्न हुआ है। यह सभी सदस्यों के लिए प्रसन्नता का विषय होना चाहिए। यह कार्य सभी सदस्यों के सुझावों से ही सम्पन्न हो रहे हैं।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि प्रदेश में अब तक मुख्यमंत्री के रूप में जिन महानुभावों ने सदन की गरिमा को बढ़ाया, प्रदेश के विकास के लिए जिन मुद्दों को उठाया और विकास को एक निरन्तरता प्रदान करने में अपना योगदान दिया, इससे सम्बन्धित एक प्रकाशन विधानसभा के शोध ग्रन्थालय के माध्यम से प्रकाशित हुआ है। इसी प्रकार, नेता प्रतिपक्ष के रूप में कार्य करने वाले अब तक के सभी महानुभावों के विषय में एक प्रकाशन यहां जारी हुआ है। सभी माननीय सदस्यों को यह प्रकाशन अपने पास रखना चाहिए, यह उनके अपने ज्ञान की दृष्टि से और भावी पीढ़ी को अपनी विरासत के बारे में बताने की दृष्टि से उपयोगी होगा।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि आज से हमारा शीतकालीन सत्र भी प्रारम्भ हो रहा है। 26 जनवरी, 2025 को भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होंगे। यह वर्ष भारत के संविधान को लागू करने के 75 वर्ष पूर्ण करने की ओर जा रहा है। बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी की अध्यक्षता में बनी ड्राफ्टिंग कमेटी ने जो संविधान 26 जनवरी, 1949 को अंगीकृत और अधिनियमित किया था, उस मूल संविधान की एक-एक प्रतिलिपि सभी सदस्यों को उपलब्ध कराई जा रही है। संविधान का एक-एक पृष्ठ भारत की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है तथा भारत का दर्शन कराता है। सभी सदस्यों को मूल संविधान की प्रतिलिपि का अध्ययन करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा ने विगत 03 वर्षों में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। पूरे देश में इस बात की चर्चा है। हम सभी का मानना है कि चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र को सुदृढ़ किया जा सकता है। विधानसभा जनता की आवाज उठाने का सबसे महत्वपूर्ण मंच है। इसमें प्रतिपक्ष की भी इस रूप में महत्वपूर्ण भूमिका है कि वह सकारात्मक भाव से महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करें। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि जनता के प्रति जो वादे किए गए हैं, उन्हें पूर्ण करे। यह प्रसन्नता का विषय है कि वर्तमान सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से अपने वादों को मूर्त रूप देने का कार्य किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों में प्रतिपक्ष द्वारा जो मुद्दे उठाए गए, उन्हें सरकार ने सकारात्मक भाव से लिया है। CM Yogi की मंशा के अनुरूप विधानसभा की दर्शक दीर्घा को नया स्वरूप दिया
गया है।