Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ने रियल एस्टेट और स्टॉक मार्केट में उच्च टैक्स लगाने की प्रतिक्रिया को आलोचना दी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट और स्टॉक मार्केट पर उच्च टैक्स लगाने की प्रतिक्रिया को आलोचना दी है। दरअसल, एक स्टॉक ब्रोकर ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री से घर खरीदने पर सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्सों और शेयर बाजार में होने वाले व्यापारों पर सवाल पूछा था। वित्त मंत्री से इस सवाल पर गंभीर उत्तर की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने इसे मजाकिया ढंग से टाल दिया।
क्या था सवाल
एक ब्रोकर ने कहा कि वे निवेश करते हैं और जोखिम लेते हैं, लेकिन सरकार नींद में पार्टनर बन जाती है। स्टांप ड्यूटी, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी), लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी), जीएसटी और आईजीएसटी से अधिक सरकारी आय होती है। ब्रोकर ने सरकार को लाभ का एक हिस्सा देने वाला स्लीपिंग पार्टनर बताते हुए घर खरीदने पर टैक्स की राशि पर भी सवाल उठाया। Broker बताते हैं कि सरकार स्टांप शुल्क और जीएसटी से घर खरीदारों से पैसा कमाती है। Broker ने पूछा कि सरकार कम संसाधनों वाले लोगों को घर खरीदने में कैसे मदद करेगी या एक ब्रोकर भारी-भरकम टैक्स के साथ कैसे काम कर सकता है? यहां सरकार नींद में हैऔर ब्रोकर वर्किंग पार्टनर है।
वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया
मजाक करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यहां एक सो रहा पार्टनर जवाब नहीं दे सकता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया की अब सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। टैक्स वृद्धि ने निवेशकों और घर खरीदारों को प्रभावित किया है, इसलिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म यूजर्स वित्त मंत्री से कुछ गंभीर जवाब की उम्मीद कर रहे थे।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ मिलकर नियमों को सख्त करने के लिए, वित्त मंत्री ने बीएसई के इसी कार्यक्रम में स्टॉक एक्सचेंज से भी अपील की।