दिल्ली में मुख्यमंत्री, कैबिनेट और स्पीकर का चयन इसी तरह होगा,BJP की खास रणनीति क्या है?

by editor
The selection of Chief Minister, Cabinet and Speaker will be done in the same way in Delhi. What is the special strategy of BJP?

दिल्ली में मुख्यमंत्री, स्पीकर और कैबिनेट के चयन के लिए BJP एक विशेष फॉर्मूले पर काम कर रही है। आइए जानते हैं वह फॉर्मूला जिसके तहत सीएम का चयन किया जाएगा।

दिल्ली चुनाव परिणाम आने के सात दिन बाद भी BJP ने नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की है। 27 साल बाद विधानसभा में बहुमत हासिल करने वाली पार्टी इस फैसले के लिए एक विशेष फॉर्मूले पर काम कर रही है।17 और 18 फरवरी को विधायक दल की बैठक हो सकती है, जबकि 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है।

शुरुआती चरण में 48 विधायकों में से 15 नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसे जातीय समीकरणों के आधार पर घटाकर 9 कर दिया गया है। तय हो चुका है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री BJP के नवनिर्वाचित विधायकों में से ही होगा। इसके अलावा, इन्हीं 9 उम्मीदवारों में से सीएम, स्पीकर और कैबिनेट मंत्री चुने जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हाल ही में फ्रांस और अमेरिका की यात्रा से लौटे हैं, इस मुद्दे पर आज शाम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा कर सकते हैं। पार्टी का कहना है कि उसने अपना जमीनी काम पूरा कर लिया है और पीएम की मंजूरी के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम की आधिकारिक घोषणा होगी। शपथ ग्रहण समारोह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने की संभावना है, जिसमें एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।

BJP ने आप पर कसा तंज

BJP के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजौरी गार्डन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पार्टी के पर्यवेक्षक एक-दो दिनों में निर्णय ले लेंगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।

इस मुद्दे पर BJP प्रवक्ता अजय आलोक ने भी बयान दिया। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में BJP संसदीय बोर्ड की बैठक होगी। साथ ही, दिल्ली में बिजली कटौती को लेकर आप नेता आतिशी की टिप्पणी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें आम आदमी पार्टी की हार का शोक मनाने पर ध्यान देना चाहिए।

गौरतलब है कि दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटने वाली BJP ने 8 फरवरी को घोषित चुनाव परिणामों में 48 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता खोलने में नाकाम रही।

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