Home भारत Textiles Ministry ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए चिकित्सा वस्त्रों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश प्रस्तुत किया

Textiles Ministry ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए चिकित्सा वस्त्रों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश प्रस्तुत किया

by ekta
Textiles Ministry ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए चिकित्सा वस्त्रों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश प्रस्तुत किया

वस्त्र मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को मजबूत करने की एक ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत मेडिकल टेक्सटाइल्स (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2023 को अधिसूचित किया है। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होगा।

सैनिटरी नैपकिन, बेबी डायपर, पुन: प्रयोज्य सैनिटरी पैड और डेंटल बिब्स सहित महत्वपूर्ण चिकित्सा वस्त्र उत्पादों के लिए यह विनियमन कड़े गुणवत्ता मानक स्थापित करता है।

इस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत अनिवार्य प्रमाणन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये उत्पाद लगातार रूप से आवश्यक गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करते रहें। इन मानकों का अनुपालन कानूनी रूप से आवश्यक होगा गैर-अनुपालन की स्थिति में जुर्माना और अन्य दंड लगाए जा सकते हैं। लघु उद्यमों, विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के समक्ष आने वाली चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने उन्हें इस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अनुपालन की आवश्यकताओं से छूट दी है।

डिस्पोजेबल सैनिटरी नैपकिन और बेबी डायपर आवश्यक उपभोक्ता उत्पाद हैं और इनके निपटान से ये मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक सुरक्षा और संतुष्टि से संबंधित सभी अनिवार्य परीक्षण उनके विनिर्माण और आयात प्रक्रियाओं में शामिल किए जाएं। अधिसूचित विनिर्देश (सैनिटरी नैपकिन के लिए आईएस 5404:2019 और डिस्पोजेबल बेबी डायपर के लिए आईएस 17509:2021) पीएच स्तर, स्वच्छता परीक्षण, जीवाणु और फंगल बायोबर्डन, बायोकम्पैटिबिलिटी मूल्यांकन और बायोडिग्रेडेबिलिटी जैसे महत्वपूर्ण प्रदर्शन मानदंडों को कवर करते हैं। विशेष रूप से बेबी डायपर में फेथलेट के स्तर के परीक्षण पर बल दिया जाता है क्योंकि ये रसायन उपयोगकर्ताओं और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का कार्यान्वयन, आवश्यक उपभोक्ता उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में सरकार द्वारा अपनाई गई व्यापक रणनीति के अनुरूप है।

विनियमों के लागू होने की तिथि के बाद, इस आदेश के अंतर्गत आने वाले सभी उत्पादों को विनिर्माण, आयात, वितरण, बिक्री, किराए पर लेने, पट्टे पर देने, भंडारण या बिक्री के लिए उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) लाइसेंस की आवश्यकता होगी। यह महत्वपूर्ण उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए अपनाया गया है जिससे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले उत्पाद उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन करें, जिससे बच्चों और वयस्कों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

source: https://pib.gov.in

You may also like

Leave a Comment