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Hemkund Sahib: 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे; हर दिन सिर्फ 3500 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे
Hemkund Sahib Opening Date 2024 : इस समय भी हेमकुंड साहिब में काफी बर्फ है। यहां बर्फ को हटाकर रास्ता बनाया गया है। लेकिन बहुत से स्थानों पर हिमखंड हैं।
इस वर्ष 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे। इसके परिणामस्वरूप, राज्य सरकार, जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधन ने दैनिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की सीमा निर्धारित की है। कपाट खुलने के बाद हर दिन सिर्फ 3500 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब जा सकेंगे। गुरुद्वारा प्रबंधन ने बताया कि हेमकुंड साहिब में अभी भी पर्याप्त बर्फ है। बर्फ पिघलने पर भक्तों की संख्या पर फिर से विचार किया जाएगा।
पंज पयारों की अगुवाई में राज्यपाल और संत समाज 22 मई को ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब की यात्रा करेंगे। दो दिन पहले, गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब का पैदल निरीक्षण किया था। इसके बाद सरकार ने श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की है।
Uttarakhand News: द्वितीय केदार मदहेश्वर धाम के कपाट खुले, 300 से अधिक लोग पहुंचे
Uttarakhand News: सवा ग्यारह बजे श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों और हकहकूक धारियों की उपस्थिति में, पुजारी टी गंगाधर लिंग ने पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान से श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खोल दिये।
बाद में भगवान मदमहेश्वर जी के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि, निर्वाण और श्रृंगार दोनों रूपों में विभाजित किया गया, जो लोगों को देखा गया।
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे विधि-विधान से द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट खुलेंगे। इस अवसर पर लगभग 300 भक्त उपस्थित थे। श्री मदमहेश्वर जी की देवडोली आज सुबह दस बजे पहुंचने के बाद कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई।
सवा ग्यारह बजे पुजारी टी गंगाधर लिंग ने पूजा-अर्चना करके श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों और हकहकूक धारियों की उपस्थिति में श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट विधि-विधान से खोले। बाद में भगवान मदमहेश्वर जी के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि, निर्वाण और श्रृंगार रूप में विभाजित किया गया, जिसे श्रद्धालुओं ने देखा।
मंदिर को पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश ने कपाट खुलने के लिए फूलों से सजाया था। इस अवसर पर आचार्य वदपाठीं मंदिर समिति के कर्मचारी, कर्मचारी और हकहकूकधारी उपस्थित थे।
डोली गौंडार गांव से श्री मदमहेश्वर जी की उत्सव आज सुबह श्री मदमहेश्वर पहुंची थी। बीते कल 19 मई को, द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी की देवडोली, अन्य देव निशानों के साथ श्री राकेश्वरी मंदिर रांसी से गौंडार गांव में रात्रि विश्राम के लिए चली गई।
कपाट खुलने पर पुजारी टी गंगाधर लिंग, देवरा प्रभारी यदुवीर पुष्पवान, ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, देवानंद गैरोला, डोली प्रभारी मनीष तिवारी, अवर सहायक दीपक पंवार और रांसी पंच गौंडार के हकहकूकधारी उपस्थित थे।
CM Pushkar Singh Dhami ने अफसरों को बताया कि 31 मई तक चारधाम में VIP दर्शन पर रोक लगा दी जाएगी।
CM Pushkar Singh Dhami ने कहा कि चारधाम में श्रद्धालुओं को प्रतिदिन की क्षमता के अनुसार दर्शन के लिए भेजा जाए। रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाए।
गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि 31 मई तक चारों धामों में वीआईपी दर्शन की सुविधा स्थगित रहेगी। 25 मई तक पहले यह रोक थी। अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने चार धामों में क्षमता के अनुसार ही श्रद्धालु भेजने को कहा है।
गुरुवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया कि वे दर्शन के लिए यात्रा रजिस्ट्रेशन में दी गई तिथि के अनुसार ही आएं।
धामी ने कहा कि चार धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को उनकी प्रतिदिन की क्षमता के अनुसार ही भेजा जाए। रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाए। राजस्व, परिवहन और पुलिस विभाग मिलकर चेक पोस्ट पर इसकी निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम के सभी रास्तों के प्रवेश स्थानों के साथ-साथ विकासनगर, यमुनापुल, धनोल्टी और सुवाखोली में सख्ती से चेकिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रतिदिन प्रेस ब्रीफिंग करेंगे अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के बारे में लोगों को स्पष्ट रूप से पता लगाने के लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया को हर दिन ब्रीफिंग देंगे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि वे स्वयं स्थानीय निरीक्षण करके यातायात और भीड़ को नियंत्रित करें और चारों ओर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि चारधाम यात्रा राज्य की जीवन रेखा है। राज्य का बजट भी इस यात्रा से जुड़ा है। धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के डीएम से ऑनलाइन बातचीत की।
धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन पर रोक
चारधाम के मंदिरों के चार सौ मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित है। भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। ऐसे में श्रद्धालु अब धामों में मोबाइल या सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
गुरुवार को मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा।मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम में इस बार पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक लोग आ रहे हैं। इस बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। श्रद्धालु मंदिर परिसर में मोबाइल फोन से फोटो खींचने और वीडियो बनाने में काफी समय लगा रहे हैं। इसकी वजह से आसपास अत्यधिक भीड़ है।
लोग रील बनाकर गलत सन्देश दे रहे हैं। ये एक प्रकार का अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ भी शिकायत की जाएगी। यात्रा श्रद्धापूर्ण होती है। रील बनाने वाले लोग स्पष्ट रूप से श्रद्धा से नहीं आ रहे हैं। बल्कि बस घूमने और रील बनाने के लिए आ रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। किसी की भी आस्था को चोट नहीं लगी। जिन लोगों ने ऐसा किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
CM Pushkar Singh Dhami वनाग्नि पर सख्त, वन विभाग के 10 कर्मी निलंबित,अब इनके हाथों में होगी नियंत्रण की जिम्मेदारी
सचिवालय में बुधवार को उत्तराखंड के CM Pushkar Singh Dhami ने वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
सचिवालय में बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। धामी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी इस काम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को पूरी तरह से रोकने के लिए सभी सचिवों को प्रत्येक जिले का काम देना चाहिए। उन्हें वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के दस कर्चारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है, जबकि कुछ अन्य को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वनाग्नि को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए आम लोगों का सहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने में शामिल किसी भी व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई की जाए। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम को कम करना चाहिए। वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए एक कारगर कार्यक्रम बनाया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए अधिक राशि दी जाए। धामी ने कहा कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की की कार्यवाही पूर्ण की जाय। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूरे किए जाएं।
उन्हें सभी पुराने ब्रिजों की सेफ्टी की जांच करने का आदेश दिया गया था। राज्य के सभी डैमों की गहराई और क्षेत्रफल को जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। साथ ही, डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा, जो उसने बनाया था और आज भी है।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए।