Union Minister of State Prof. S. P. Singh Baghel
- पंचायती राज मंत्रालय 2 अक्टूबर 2024 को जन योजना अभियान के इस वर्ष के संस्करण का शुभांरभ करने के लिए कमर कस रहा है, अभियान को गति प्रदान करने के लिए, इस सिलसिले में, 30 सितंबर 2024 को एक राष्ट्रीय कार्यशाला निर्धारित की गई है
- कार्यशाला का उद्देश्य अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायत राज के संकायों/प्रशिक्षकों और पंचायतों के अन्य हितधारकों को पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी और उनको अपलोड करने के संबंध में रणनीतियों, दृष्टिकोणों और रोडमैप के बारे में उन्मुख करना है
- केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, राज्य पंचायती राज विभाग से लगभग 400 प्रतिभागियों के इस कार्यशाला में भाग लेने की आशा है
- भारत की लगभग 65 प्रतिशत- 68 प्रतिशत जनसंख्या को शामिल करने वाले ‘सबकी योजना सबका विकास’ अभियान की व्यापक पहुंच को देखते हुए, समग्र ग्रामीण विकास और अमृत काल के दौरान राष्ट्रीय प्रगति के लक्ष्यों को मूर्त रूप देने में इस अभियान की कामयाबी बहुत महत्वपूर्ण है
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल कल (30 सितंबर, 2024) डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र, नई दिल्ली में जन योजना अभियान 2024 (सबकी योजना सबका विकास अभियान) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे।
पंचायती राज मंत्रालय 30 सितंबर, 2024 को जन योजना अभियान 2024 (सबकी योजना सबका विकास) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है और इस अभियान को 2 अक्टूबर 2024 से देश भर में शुरू किया जा रहा है, ताकि पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के सभी तीनों स्तरों पर पंचायतों में विकास योजनाओं की तैयारी के लिए सलाना होने वाले काम की शुरुआत हो सके।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह का वीडियो संदेश प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें पंचायत विकास योजनाओं की साझेदारी प्रक्रिया में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और हितधारकों से पूरे मन से समर्थन और उनकी ओर सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया जाएगा। यह एक वार्षिक पहल है, जो पंचायतों के समग्र विकास और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने पर केंद्रित है और इसमे ‘सबकी योजना, सबका विकास’ की सच्ची भावना निहित है। इस मौके पर, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव और इसी विभाग के अंतर्गत आने वाले जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक श्री चंद्र भूषण कुमार भी मौजूद रहेंगे।
इस मौके पर, वित्तीय वर्ष (2025-26) के लिए पंचायत विकास योजनाएं तैयार करने के लिए जन योजना अभियान (2024-25) से संबंधित एक पुस्तिका और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की वार्षिक कार्य योजना 2024-25 रिपोर्ट को जारी किया जाएगा। इस अवसर पर, पंचायती राज मंत्रालय की वेबसाइट के हिंदी संस्करण का भी शुभारंभ किया जाएगा।
इस कार्यशाला का उद्देश्य पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी और अपलोडिंग के बारे में रणनीतियों, दृष्टिकोण और रोडमैप हेतु अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायत राज के संकायों/प्रशिक्षकों तथा पंचायतों के अन्य हितधारकों को उन्मुख करना है। इस कार्यशाला के दौरान, कुछ राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके और उनको अपनाया जा सके।
यह आशा की जाती है कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, राज्य सरकारों के पंचायती राज विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर), राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान, जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों, पंचायती राज संस्थानों के तीनों स्तरों के निर्वाचित प्रतिनिधि जिनकी संख्या लगभग 400 है, इस कार्यशाला में भाग लेंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के दल और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से, मंत्रालय जीवन-निर्वाह सृजन के लिए योजना के एकीकरण और इसके लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने पर निरंतर जोर दे रहा है। इस कार्यशाला में ग्राम गरीबी न्यूनीकरण योजना (वीपीआरपी) को जीपीडीपी के साथ एकीकृत करने की दिशा में विभिन्न दृष्टिकोणों और स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला, में सभी हितधारक पंचायतों में विकास की योजना बनाने की दिशा में काम करेंगे। पंचायती राज मंत्रालय जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के अंर्तगत विकसित सेवाओं के नेटवर्क का लाभ उठाने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के साथ समन्वय कर रहा है और डीडीडब्ल्यूएस के अधिकारी प्रतिभागियों को एफएफसी के तहत बंधित अनुदानों के प्रभावी और विवेकपूर्ण उपयोग और जमीनी स्तर पर सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए जागरूक करेंगे।
राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय बनाते हुए, पंचायती राज मंत्रालय ग्राम पंचायत स्तर पर योजना बनाने के लिए ग्राम मानचित्र सुविधा का उपयोग करने और पीईएसए पंचायतों में ग्राम-वार योजना तैयार करने के लिए पीआरआई की क्षमता-निर्माण करने का प्रयास कर रहा है। पंचायतों की प्रोफ़ाइल से संबंधित आंकड़ो की गुणवत्ता में सुधार के लिए मजबूत सत्यापन प्रक्रिया हेतु पीआरआई वार्षिक योजना पोर्टल यानी ‘ईग्रामस्वराज’ में कुछ बदलाव किए गए हैं। इस कार्यशाला का उपयोग ऐसे बादलाव के उन्मुखीकरण और सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप आगे के सुधार हेतु सुझाव मांगने के लिए किया जाएगा। पंचायती राज मंत्रालय ने उन्नत भारत अभियान (यूबीए) के साथ सहयोग जैसी कुछ नई पहले भी की हैं, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों के छात्र गुणवत्तापूर्ण पंचायत विकास योजना तैयार करने में पंचायतों को सहायता प्रदान करेंगे और यह छात्रों के लिए सीखने का एक अनुभव भी होगा।
पृष्ठभूमि
“सबकी योजना सबका विकास” के रूप में जाना जाने वाला जन योजना अभियान पंचायती राज मंत्रालय द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए भागीदारी पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) की तैयारी के लिए 2018 में शुरू की गई एक परिवर्तनकारी राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों, संबंधित विभागों के आगे रहकर काम करने वाले कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), समुदाय आधारित संगठन (सीबीओ) और अन्य संबंधित हितधारकों की स्वैच्छिक साझेदारी है। यह अभियान सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के आधारभूत सिद्धांत के साथ संरेखित करने तथा पंचायतों की विकास योजना तैयार करने में लोगों की साझेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।
पंचायती राज संस्थाओं द्वारा पंचायत विकास योजना तैयार करने का काम हर साल किया जाता है और यह प्रक्रिया सामान्यतः अनिवार्य ग्राम सभा से 2 अक्तूबर को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जन योजना अभियान शुरू करने के साथ प्रारंभ होती है। यह एक अभियान है, जहां आम लोगों का मंच-ग्राम सभा-अपनी ग्राम पंचायत की आवश्यकताओं और उपलब्ध संसाधनों पर विचार-विमर्श करती है और इसके पश्चात विकास कार्यों को पूरा करने के लिए आने वाले वित्तीय वर्ष हेतु ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार की जाती है।
पंचायत नियोजन प्रक्रिया आमतौर पर 2 अक्टूबर को अनिवार्य ग्राम सभा के साथ शुरू होती है, जिसमें चालू वर्ष की योजना की प्रगति, आगामी वर्ष के लिए संसाधनों की उपलब्धता, आने वाले वर्ष की योजना में शामिल की जाने वाली गतिविधियों/कार्यों के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श होता है। आगामी वर्ष की योजना में शामिल की जाने वाले गतिविधियों/कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है और ग्राम सभा की आगे होने वाली बैठकों में स्वीकृति के लिए रखा जाता है। अनुमोदित ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को बेहतर पारदर्शिता, जवाबदेही के लिए एक एकीकृत कार्य प्रवाह सक्षम पोर्टल ‘ईग्रामस्वराज’ पर अपलोड किया जाता है।
इस अभियान के दौरान,संबंधित विभागों के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को ग्राम सभा में अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों, संसाधन उपलब्धता, लाभार्थियों आदि का विवरण प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसलिए, यह अभियान अभिसरण योजना तैयार करने और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं और सामाजिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पंचायतों के संसाधन को बढ़ाने के लिए भी एक सक्षम औजार है।
समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, इस अभियान को वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ जोड़ा गया है। इन लक्ष्यों का स्थानीयकरण करते हुए, जिन्हें अक्सर सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के रूप में जाना जाता है, यह अभियान यह सुनिश्चित करता है कि देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पहलें वैश्विक उद्देश्यों के अनुरूप हों। गरीबी उनमूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर त्वरित ध्यान केन्द्रित करने के लिए नौ प्रमुख विषयों की पहचान की गई है।
राज्य सरकारों के पंचायती राज विभाग और राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी और पीआर) इस प्रक्रिया को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे व्यापक कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का संचालन करते हैं तथा स्थानीय नेताओं और समुदाय के सदस्यों को नियोजन प्रक्रिया में प्रभावी ढंग से संलग्न करने के लिए आवश्यक ज्ञान और टूल्स से लैस करते हैं। ग्राम सभा की बैठकें चर्चा और विचार-मंथन के लिए जीवंत मंच बन जाती हैं, जहां विचारों को साझा किया जाता है, उन पर बहस की जाती है तथा विचारों को और बेहतर किया जाता है।
जन योजना अभियान केवल एक प्रशासनिक कार्य नही है, बल्कि इसका महत्व इससे अधिक है। यह सहभागी लोकतंत्र और समावेशी विकास की दिशा में एक आंदोलन है। यह नागरिकों को अपने भविष्य के सक्रिय निर्माता बनने के लिए सशक्त करता है, संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देता है तथा विकास प्रक्रिया में स्वामित्व और जवाबदेही की भावना को बढ़ावा देता है। यह जन योजना अभियान ग्रामीण विकास के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण का उदाहरण है, जो “विकसित भारत के लिए विकसित पंचायतों” के विज़न के साथ संरेखित है।
source: https://pib.gov.in