पंजाब सरकार ने पंजाबी गायक Sidhu Moosewala की सुरक्षा को कम कर दिया था। गोल्डी बराड़ ने इसे बड़ा मौका बताते हुए अपने शूटर्स को सिद्धू मूसेवाला को जल्द से जल्द मार डालने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा को कम करने से उनकी हत्या हुई है। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल गुरमिंद्र सिंह गैरी ने हलफनामा दिया है। यह स्पष्ट है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या उनकी सुरक्षा को कम करने से हुई है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मृत सिंगर सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने पंजाब सरकार पर आक्षेप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा को कम करने और इसे सार्वजनिक करने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है क्योंकि अब सरकार ने इसे मान लिया है।
‘आखिरकार सच जुबान पर आ ही गया’
बलकौर सिंह ने कहा कि सच आखिरकार जुबान पर आता है। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या उसकी सुरक्षा को कम करने के कारण हुई है। उनका कहना था कि सीएम की सुरक्षा 1980 के परिस्थितियों से मेल खाती है। बलकौर ने कहा कि अगर सरकार में थोड़ी भी इंसानियत है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए। उनका कहना था कि पंजाब सरकार इस हत्याकांड में आरोपियों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। लारेंस बिश्नोई की जेल से इंटरव्यू के मामले को डेढ़ साल हो चुका है। लेकिन सरकार इस मामले में भी अभी तक कुछ पता नहीं लगा सकी है।
सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा में लगे 4 पुलिसकर्मियों को घटाकर दो कर दिया
पंजाब सरकार ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा को कम कर दिया था। गोल्डी बराड़ ने इसे बड़ा मौका बताते हुए अपने शूटर्स को सिद्धू मूसेवाला को जल्द से जल्द मार डालने का आदेश दिया। पुलिस ने अपनी 1850 पन्नों की चार्जशीट में इसका उल्लेख किया है। 26 मई को मूसेवाला की सुरक्षा हटाई गई, और 29 मई को पंजाबी सिंगर की मानसा जिले में हत्या कर दी गई। 26 मई को पंजाब सरकार ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा में लगे चार पुलिसकर्मियों को दो कर दिया। वह उन 424 वीआईपी लोगों में था, जिनकी सुरक्षा आंशिक या पूरी तरह से वापस ली गई थी। भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने एक ट्वीट करके पंजाब में 424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने और वीआईपी संस्कृति को खत्म करने की इच्छा व्यक्त की। पंजाब सरकार को बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 424 लोगों की सुरक्षा में कटौती का निर्णय वापस लेना पड़ा।
अकाली दल ने पंजाब सरकार को घेरा
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब के एडवोकेट जनरल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किए जाने के बाद कि राज्य सरकार ने गायक सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा वापस ली थी, सरकार के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। मजीठिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल गुरमिंद्र सिंह गैरी ने यह स्वीकारोक्ति की, जिसमें पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्यमंत्री आवास के सामने वाली सड़क को फिर से खोलने की मांग की थी। अकाली नेता ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला को सुरक्षा कवर वापस लेने के दो दिनों के अंदर मार डाला गया था। अब राज्य ने उस बात को आधिकारिक तौर पर मान लिया है जो मूसेवाला के माता-पिता और आम पंजाबी कहते रहे हैं। मजीठिया ने कहा कि सरकार ने गायक की सुरक्षा कम की और खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जिसके गिरोह ने मूसेवाला की हत्या की थी, को भी जेल से साक्षात्कार करने की अनुमति दी। अब पंजाब की कानून-व्यवस्था की दुर्दशा स्पष्ट हो गई है।