Punjab Government ने परमपाल कौर को तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा है। ऐसे में नामांकन भरते समय मुश्किल हो सकती है। परमपाल सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में अपने पति के साथ शामिल हुईं।
पंजाब की अकाली सरकार में मंत्री रहे सिकंदर सिंह मलूका की पुत्रवधू और पंजाब की आईएएस अधिकारी परमपाल कौर के इस्तीफे के मामले में केंद्र और पंजाब सरकारें एक दूसरे से टकरा गई हैं। केंद्र सरकार ने दो दिन पहले परमपाल कौर का इस्तीफा मंजूर कर लिया था और पंजाब सरकार को पत्र भी लिखा था। लेकिन परमपाल कौर का वीआरएस मंगलवार को पंजाब सरकार ने खारिज कर दिया। पंजाब सरकार ने परमपाल कौर को तुरंत पद पर आने का आदेश दिया है। परमपाल कौर के नामांकन भरने के दौरान ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। परमपाल कौर ने स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेकर अपने पति के साथ भाजपा में शामिल हो गया, जिसके बाद ही भाजपा ने बठिंडा से उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया था। उनके ससुर सिकंदर सिंह मलूका अब भी अकाली दल में ही हैं।
परमपाल कौर सिद्धू ने ऑल इंडिया सर्विस नियमों के रूल 16(2) के तहत समय पूर्व सेवामुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा था, जैसा कि पंजाब सरकार के पर्सोनल पर्सनल विभाग ने बताया। उसने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद अपनी बुजुर्ग मां की देखभाल करनी चाहिए क्योंकि उनके पास कोई दूसरा रिश्तेदार नहीं है। परमपाल कौर ने भी सेवानिवृत्ति आवेदन के नियम के अनुसार तीन महीने का नोटिस पीरियड माफ करने की मांग की। जिस नियम के तहत सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया गया था, इस नोटिस में पंजाब सरकार के पर्सोनल विभाग द्वारा भेजा गया है उस नियम के मुताबिक सिर्फ राज्य सरकार ही संबंधित अधिकारी को 3 महीने के नोटिस पीरियड से छूट प्रदान कर सकती है। यह शक्ति केंद्र सरकार के पास नहीं है।
आल इंडिया सर्विस रूल के सर्विस 3 के तहत मंजूर किया इस्तीफा
केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को एक पत्र भेजकर बताया कि आल इंडिया सर्विस रूल के सर्विस 3 के तहत परमपाल कौर का इस्तीफा मंजूर किया गया है। केंद्र सरकार को इस नियम से अधिकार मिलता है कि राज्य सरकारों द्वारा मंजूर नहीं किए गए आईएएस अफसरों के इस्तीफे को मंजूर कर दे। दरअसल, आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार के परसोनल और ट्रेनिंग विभाग द्वारा की जाती है। बाद में वे राज्यों में नियुक्त किए जाते हैं, लेकिन केंद्र सरकार को ऐसे अफसरों के इस्तीफे मंजूर करने का अधिकार है अगर राज्य ऐसा नहीं करता।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जताई थी आपत्ति
परमपाल कौर को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आपत्ति व्यक्त की थी। उनका इस्तीफा अनुमोदित नहीं हुआ। परमपाल कौर ने भाजपा में शामिल होने से पहले मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इस्तीफा नहीं स्वीकार किया, इसके बावजूद वह भाजपा में आ गई और बठिंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही है। Bhagwan Singh ने कहा कि उनका इस्तीफा नियमों के खिलाफ था, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार परमपाल के इस्तीफे के कारणों की जांच कर रही है और यदि उनका इस्तीफा सही कारण से नहीं हुआ है तो उनके खिलाफ जांच की जाएगी। हालांकि यह जांच किस तरह की होगी और इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी, इस बारे उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया था। भगवंत मान ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था कि सेवाओं से मुक्ति का भी एक तरीका होता है। उन्हें यह समझना चाहिए, इस तरीके से वह अपने जीवन की सारी संपत्ति गंवा सकती हैं।
इसी साल अक्टूबर में होने वाली थीं रिटायर
2011 बैच के आईएएस अधिकारी परमपाल कौर हैं। वह पहले से ही छुट्टी पर हैं और अक्टूबर में सेवानिवृत्त होने वाली हैं। उनका विवाह अकाली पार्टी के नेता सिकंदर सिंह मलूका के बेटे से हुआ है। उन्हें 2015 में पीसीएस से आईएएस कैडर में प्रमोट किया गया था। वह राज्य में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी है। परमपाल कौर पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम में मैनेजिंग डायरेक्टर है।