भारत में TB (क्षय रोग) अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, खासकर बच्चों में यह बीमारी देखने को मिलती है। हालांकि, यदि समय पर इसका सही निदान और उपचार किया जाए, तो यह पूरी तरह ठीक हो सकती है। बच्चों की विशेष देखभाल और उचित दवाओं से वे इस बीमारी से पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं।
TB (क्षय रोग) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियों, मस्तिष्क, किडनी, और रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचा सकती है। यह बीमारी बच्चों को भी हो सकती है, खासकर उन बच्चों में जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। बच्चों में TB होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
यदि कोई बच्चा TB से ग्रसित व्यक्ति के साथ रहता है, तो उसके खांसने या छींकने से हवा में फैलने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता
छोटे बच्चों की इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित नहीं होती, जिससे वे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और TB की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।