मेरठ और सोनीपत के निवासियों के लिए अब आगरा की यात्रा करना आसान हो जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे और KMP एक्सप्रेसवे को जोड़ने की योजना बनाई गई है। दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इंटरचेंज की जमीन का निरीक्षण पूरा हो चुका है, लेकिन फिलहाल कुछ तकनीकी बाधाओं के कारण इस पर काम रुका हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ मेरठ और सोनीपत के निवासियों के लिए भी आगरा की यात्रा अब सरल हो जाएगी। इसके तहत यमुना एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। इस परियोजना के लिए 60 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। एनएचएआई की टीम ने दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इंटरचेंज की जमीन का निरीक्षण किया है।
आपको बताएं कि वर्तमान में आगरा जाने वाले वाहनों को केजीपी से यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने के लिए लगभग 20 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इस परियोजना के पूरा होने पर ट्रैफिक दबाव कम होगा और यात्रा में समय की बचत होगी। इसके निर्माण से कासना और परी चौक पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से भी छुटकारा मिलेगा।
काम 2023 में प्रारंभ हुआ था।
इन दोनों हाईवे के मर्ज होने के बाद, गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ के निवासियों को आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे का सीधा मार्ग मिलेगा। वर्तमान में इन लोगों को नोएडा होकर आगरा जाना पड़ता है। इंटरचेंज पर 8 लूप बनाए जाएंगे, जिनकी लंबाई 11 किलोमीटर होगी। इससे वाहन चालकों को इंटरचेंज पर उतरने और चढ़ने में आसानी होगी। इस परियोजना को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ध्यान दें कि इस प्रोजेक्ट पर काम 2023 में शुरू हुआ था।
एनएचएआई को दिया गया कार्य का दायित्व
इस परियोजना का काम वर्तमान में शुरू हो चुका है। मिट्टी पर खर्च होने वाले 22 करोड़ रुपये के अतिरिक्त अनुमान के कारण कुछ समय के लिए काम रुक गया था। इसके बाद इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी एनएचएआई को सौंप दी गई। यह परियोजना क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।