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सामाजिक सुरक्षा
Minister Dr. Baljeet Kaur ने प्रायोजन एवं पालन-पोषण योजना के तहत 1704 बच्चों को वित्तीय सहायता वितरित की
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Minister Dr. Baljeet Kaur: योजना का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण शुरू किया गया
Minister Dr. Baljeet Kaur: पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और असहाय बच्चों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए पंजाब सरकार को स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर स्कीम के तहत लगभग तीन हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं और चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य द्वारा 1704 बच्चों को वित्तीय सहायता के रूप में 7.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
वह आज सेक्टर 67 स्थित नाईपर में स्पॉन्सरशिप एवं फोस्टर केयर योजना के तहत वित्तीय लाभ वितरण के संबंध में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करने आई थीं।
आज से यूडीआईडी (आधार) आधारित प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सहायता की शुरुआत करते हुए उन्होंने इस योजना के नए लाभार्थियों को सहायता के अनुमोदन पत्र भी सौंपे। अधिकतम लाभार्थियों को पंजीकृत करने में श्री मुक्तसर साहिब जिला शीर्ष पर रहा, जबकि फतेहगढ़ साहिब जिला दूसरे स्थान पर रहा।
डॉ. बलजीत कौर ने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल अधिकारों एवं संरक्षण के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिशन वात्सल्य योजना का मुख्य उद्देश्य किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 को लागू करना तथा कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की उचित देखभाल, संरक्षण, विकास, उपचार एवं सामाजिक पुनर्वास सुनिश्चित करना है। साथ ही उचित दृष्टिकोण अपनाकर बच्चों के हितों की देखभाल करना है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्पॉन्सरशिप स्कीम आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के बच्चों को दी जाने वाली सहायता है, जिससे बच्चा परिवार में रहकर अपनी शिक्षा जारी रख सके। इस योजना के तहत बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 4000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। आज राज्य सरकार द्वारा स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत 1704 बच्चों को वित्तीय लाभ वितरित किए जा रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत पंजाब सरकार द्वारा 7.91 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 31 मार्च 2025 तक सात हजार बच्चों को इस योजना के दायरे में लाना है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब भिक्षावृत्ति रोकथाम अधिनियम 1971 में भी संशोधन की आवश्यकता होगी, ताकि बच्चों को भीख मांगने पर मजबूर करने के लिए माता-पिता को जिम्मेदार ठहराया जा सके। इसके अलावा सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1098 चालू किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी बेसहारा, बच्चे या भीख मांगने वाले बच्चे को पाता है तो वह इसकी सूचना दे सकता है। सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इस हेल्पलाइन के सुचारू संचालन के लिए 250 और नए पद सृजित किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही भरा जाएगा।
डॉ. बलजीत कौर ने आगे बताया कि हर महीने के दूसरे सप्ताह में जिला स्तरीय बाल संरक्षण समितियां बच्चों को बाल श्रम और भीख मांगने से बचाने के लिए सर्वेक्षण करती हैं। इन सर्वेक्षणों में अब तक सौ बच्चों को बचाया जा चुका है और जिला स्तरीय समितियों द्वारा बचाए गए बच्चों का 03 महीने तक फॉलोअप किया जाता है। शिक्षकों को ऐसे बच्चों की विशेष देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और बच्चों के माता-पिता को भी शिक्षित और जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनाथालयों में आने वाले बच्चों को भी हुनरमंद बनाया जाएगा।
इस अवसर पर मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत गैर-सरकारी बाल देखभाल संस्थाओं को 37.75 लाख रुपये तथा गैर-सरकारी दत्तक ग्रहण एजेंसियों को 26.72 लाख रुपये का अनुदान जारी किया गया।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 96000 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 72000 रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार लाभ लेने के पात्र हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे जो इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे योजना की जानकारी, पात्रता आदि संबंधित जिले की जिला बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति से प्राप्त कर सकते हैं तथा पात्रता के अनुसार अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य राज्य के गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को बाल श्रम से बचाकर उन्हें शिक्षित करना है।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बचपन व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है और जीवन की नींव रखता है। इस दौरान अपने परिवार से वंचित बच्चे अधिक कष्ट महसूस करते हैं और कई बार बच्चे गलत रास्ते की ओर भी आकर्षित हो जाते हैं। बच्चों को सही माहौल देना बहुत जरूरी है, अगर बच्चे अभी भी सड़कों पर भीख मांग रहे हैं, काम कर रहे हैं और स्कूल छोड़ रहे हैं, तो अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यही है कि हर बच्चा स्कूल जाए और अपना जीवन जिए।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी अपील की कि गोद लेने के कार्यक्रम के तहत बच्चे का भविष्य अवश्य संवारा जाए। इससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि गोद लेने के कार्यक्रम के तहत पिछले 05 वर्षों में 300 बच्चों को गोद लिया गया है। उन्होंने किताबों के महत्व को रेखांकित करते हुए बच्चों से जितना संभव हो सके किताबों से जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अकेली और निराश्रित माताओं के बच्चों की अच्छी परवरिश सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सर्वेक्षण भी कराया जाएगा।
इस योजना की लाभार्थी छात्रा और सरहिंद मंडी, जिला फतेहगढ़ की निवासी सानिया ने बताया कि उसके पिता की 13 साल पहले मौत हो गई थी और उसकी मां भी अब उसके साथ नहीं है। उसके दादा-दादी बहुत बूढ़े हैं। इस योजना से उसकी किताब और फीस का खर्च चलने लगा है, जिसके लिए वह पंजाब सरकार की आभारी है।
इसी प्रकार, प्रभजोत सिंह की दादी और कौर की नानी हरभजन कौर ने कहा कि इन दोनों बच्चों के पिता विभिन्न कारणों से उनसे दूर हो गए थे लेकिन यह योजना इन बच्चों के लिए बड़ा सहारा बन गई है।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) श्रीमती सोनम चौधरी, डिप्टी डायरेक्टर अमरजीत सिंह भुल्लर, जिला प्रोग्राम अधिकारी फतेहगढ़ साहिब गुरमीत सिंह, जिला प्रोग्राम अधिकारी एसएएस नगर गगनदीप सिंह, पंजाब भर में बच्चों के कल्याण के लिए काम कर रहे गैर-सरकारी बाल देखभाल संगठनों, बाल गृहों और विशेष एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।