Winter Health : जब सर्दियों में शीतलहरें चलती हैं, तो फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में फेफड़ों की जांच, यानी लंग टेस्ट के मामले भी बढ़ गए हैं, जिसका नया कारण चीन का वायरस है। आइए जानते हैं।
Winter Health : पहले से ही मौसम काफी ठंडा हो गया है। सर्दी देश के उत्तरी भागों में शीतलहरों से लोग ठिठुर रहे हैं। ऐसे में हमें पहले से भी अधिक अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा। सर्द हवाएं हमारे फेफड़ों पर सीधे प्रहार करती हैं, जिससे लंग्स की बीमारियां बढ़ जाती हैं। इस मौसम में फेफड़ों की समस्याएं, जैसे सर्दी-खांसी, कफ या बलगम, अधिक होती हैं। हालाँकि, इसके अलावा भी दुनिया को एक नया खतरा मंडराने लगा है, जिससे फेफड़े प्रभावित होंगे। चलिए जानते हैं सर्दियों में फेफड़ों की बीमारियों के कारणों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में।
श्वसन रोगों की संख्या सर्दियों में क्यों बढ़ती है?
Health Reports अनुसार, सर्दियों में ठंडी हवा और धूप की कमी फेफड़ों की बीमारियों का जोखिम बढ़ाती हैं। धुप कम होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। धुप भी सांस की बीमारियों का खतरा कम करता है। प्रदूषण और कोहरे के चलते भी लंग्स बीमार हो सकते हैं। लंग इन्फेक्शन भी सर्दियों में अस्थमा, साइनस और नजले के मरीजों को परेशान करता है।
ये समस्याएं ठंड में अधिक होती हैं,
जैसे सूखी खांसी, तेज सिरदर्द या सिर में भारीपन, मसल्स, पेन, उल्टी, पेट दर्द, बुखार और बलगम।
छाती में दर्द और भारीपन
चाइना में फैले नए वायरस HMPV के लक्षण कुछ ऐसे ही हैं, इसलिए यह संकेत गंभीर हो सकता है। यह भी फेफड़ों में संक्रमण है, जो कोरोना से बहुत मिलता है। जिस तरह कोरोना ने पिछले पांच वर्षों में दुनिया भर में लोगों को निशाना बनाया था, इस नए वायरस के फैलने का अनुमान लगाया जा रहा है। भारत ने ऐसी परिस्थितियों को पहले से तैयार कर लिया है, लेकिन हमें भी ऐसे व्यापक रोगों से बचने के लिए जल्दी से तैयार रहना चाहिए। इसका सबसे आसान उपाय खुद को फिट रखना है।
राहत कैसे
फेफड़ों की बीमारियों से बचने के लिए स्वामी रामदेव कुछ घरेलू उपचार बताते हैं। इसमें योग का सर्वाधिक महत्व है। ताड़ासन करने की सलाह दी जाती है। सांसों का अभ्यास करके रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन का खतरा कम करें। भुजंगासन भी फेफड़ों के लिए अच्छा है। प्राणायाम भी अच्छा होगा। आप सर्दियों में कच्ची हल्दी और गिलोय भी खा सकते हैं।
स्वीकृति: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले, विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।