Haryana News: सरकार भी दबाव में आ गई है क्योंकि किसानों ने मोर्चा खोल रखा है। रविवार को हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से पहली बार मुलाकात की और उनकी मांगों को सुना है।
Haryana News: भाजपा को हरियाणा में 10 में से सिर्फ 5 लोकसभा सीटें मिली थीं। 2019 की तुलना में वह आधी रह गई। अब राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। किसानों ने पहले सरकार पर दबाव डाला है। रविवार को हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से पहली बार मुलाकात की और उनकी मांगों को सुना। संयुक्त किसान मोर्चा में चालिस किसान संगठन शामिल हैं। ये किसान संगठन पिछले कई महीनों से आंदोलनरत हैं और शंभू बॉर्डर पर डेरा डाल रहे हैं।
हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और अब वे सीएम नायब सिंह सैनी को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके आधार पर किसानों की 33 मांगों का विश्लेषण होगा। चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर की अगुवाई में पहुंची टीम ने किसानों से वादा किया कि उनकी लंबित मांगों पर जल्द ही विचार किया जाएगा और उन्हें पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर अल्टिमेटम देते हुए आंदोलन का मूड बनाया है। किसान नेताओं ने मीटिंग के बाद कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सीएम सैनी शीघ्र ही इस बारे में निर्णय लेंगे।
यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम विद्रोह करने को तैयार हैं। 14 जुलाई को रोहतक में किसानों की एक बैठक में आंदोलन का निर्णय लिया गया था। किसानों ने अब कहा कि अगर मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे आंदोलन से नहीं हटेंगे। वास्तव में, लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा को चिंतित कर दिया है। इसके बाद वह सभी को एकजुट करना चाहती है। 2019 में भाजपा को 58.21 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन इस बार यह सिर्फ 46.21 प्रतिशत रह गए। कांग्रेस भी 28 से 43 पर आ गई है। वास्तव में, भाजपा को लगता है कि उसकी किसानों के बीच की साख कमजोर हो गई है, और इसके चलते ही ऐसा हुआ है।
पिछड़े वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री अब नायब सिंह सैनी हैं। भाजपा को लगता है कि वे पिछड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही मोहन लाल बडोली ब्राह्मण समुदाय से हैं, जो राज्य की लगभग 11% जनसंख्या का हिस्सा है। यह एक बहुत बड़ा वर्ग सध सकता है। अब किसानों को राजी करने की कोशिशें शुरू हुई हैं। मीटिंग में उपस्थित एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीएम किसानों की मांगों पर संवेदनशील हैं। कुछ मांगों पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।