फिलहाल पुलिस 20 साल से केजरीवाल की सहयोगी Swati Maliwal को अचानक मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी गई है?
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट की घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। जबकि आरोपों का दौर जारी है, पुलिस भी मामले की निरंतर जांच में लगी हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर हमला का आरोप लगाया गया है। बिभव पांच दिनों की पुलिस कस्टडी में है। इन पांच दिनों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने बहुत महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस इस बात का पता लगाने में लगी हुई है कि स्वाति मालीवाल, जो पिछले दो दशक से केजरीवाल की सहयोगी हैं, को अचानक मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। बिभव से पूछताछ के लिए पच्चीस प्रश्न बनाए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, हमने बिभव से पूछा कि क्या मालीवाल सीएम से मिलने के लिए हमेशा समय लेती थीं? साथ ही, उनसे पूछा गया कि अगर वह घटना वाले दिन अपॉइंटमेंट के बिना कैंप ऑफिस से अपने ड्रॉइंग रूम तक कैसे पहुंचीं? साथ ही, पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मालीवाल के 50 सेकेंड का पूरा वीडियो खोजने में लगी है। पुलिस भी उन नेताओं से संपर्क करने की कोशिश कर रही है जो स्वाति मालीवाल का 51 सेकेंड का वीडियो शेयर किया था। वह जानना चाहते हैं कि उन नेताओं को पूरा वीडियो या सिर्फ यह छोटी सी क्लिप मिली है।
आज बिभव को मुंबई ले जाएगी पुलिस
रिपोर्ट के अनुसार, बिभव आज रात को पुलिस द्वारा मुंबई ले जाएगा। वास्तव में, बिभव ने अपना फोन सिर्फ मुंबई में बनाया था। ऐसे में पुलिस को पता लगाना चाहिए कि बिभव ने कहाँ फोन फॉर्मेट किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे बिभव जवाब देने में टाम मटोल कर रहे हैं और जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने फोन का पासवर्ड देने से इनकार कर दिया। वे फेस लॉक फीचर को भी डिसेबल कर चुके हैं।
एफआईआर दर्ज होने के बाद कहां-कहां गए बिभव
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस भी जानना चाहती है कि वह कहां गए। बिभव के सिम कार्ड से उनकी लोकेशन पता लगाने की कोशिश की गई तो पता चला कि वह लखनऊ से कुरुक्षेत्र और फिर पंजाब से मुंबई गए थे। शनिवार को सीएम आवास पर उनका फोन फिर से चालू हुआ। तुरंत पुलिस उनके घर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।